जीरकपुर की कॉलोनियों और अपार्टमेंट्स के एसटीपी बंद, नालों में छोड़ा जा रहा गंदा पानी
जीरकपुर में बसीं कॉलोनियों और अपार्टमेंट्स में इन दिनों सीवरेज ओवर फ्लो की समस्या बनी हुई है। इसके चलते वहां रह रहे लोगों ने गंदे पानी को नालों में छोड़ा हुआ है। इसका मुख्य कारण कॉलोनियों के ज्यादातर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) वर्किंग हालत में नहीं है।
जीरकपुर\मोहाली, जेएनएन। जीरकपुर शहर में सीवरेज ओवरफ्लो के लिए रिहायाशी कॉलोनियां जिम्मेदार साबित हो रही हैं। शहर की कॉलोनियों के ज्यादातर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) वर्किंग हालत में नहीं है। कॉलोनियों की ओर से अनट्रीटेड पानी को सीधे नालों में छोड़ा जा रहा है। जबकि नियमों के तहत ये जरूरी है कि प्रत्येक अपार्टमेंट में एसटीपी वर्किंग हालत में होना जरूरी है।
मौजूदा समय में जीरकपुर में 100 से ज्यादा मल्टीस्टोरिज अपार्टमेंट्स हैं। लेकिन आधे से ज्यादा अपार्टमेंट्स ऐसे हैं जिनमें एसटीपी वर्किंग हालत में नहीं है। हालत ये है कि जो अपार्टमेंट्स नालों के पास बने हैं वे अपना गारबेज सीधा ही नालों में डाल रहे हैं।
एसटीपी को चलाने में काफी खर्चा आता है। बिजली का बिल, मेंटेनेंस पर हर महीने काफी खर्च करना पड़ता है। इसी खर्च को बचाने के लिए कई बिल्डर या अपार्टमेंट्स में बनी रेजिडेंट्स एसोसिएशन बंद पड़े एसटीपी को ठीक नहीं करवा रही है। स्थानीय प्रशासन की ओर से भी बंद पड़े एसटीपी को चेक नहीं किया जाता। जिस कारण हालत ओर भी खराब हो रहे हैं।
जीरकपुर के ढकौली, पीर मुछल्ला, गाजीपुर, बलटाना, पभात सहित पूरे शहर में बसी कॉलोनियों में एसटीपी का यहीं हाल है। लोगों की ओर से प्रशासन को लगातार सीवरेज ओवरफ्लो होने की शिकायत तो की जा रही है। लेकिन अब बंद एसटीपी ठीक करवाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
जीरकपुर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संदीप तिवारी ने कहा कि कई जगह पर ऐसा हो रहा है। जोकि गलत है। तिवारी ने कहा कि इसको लेकर परिषद की ओर से अभियान चलाया जाएगा। कॉलोनियों व अपार्टमेंट्स के लोगों को चाहिए कि वे भी अपने बंद पड़े एसटीपी को ठीक करवाएं। मोहाली नगर परिषद में नए पार्षद चुने जा चुके हैं। अब जल्द ही अध्यक्ष पद पर नियुक्ति होने के बाद शहर की इन मुश्किलों को दूर करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।