बरगाड़ी मामले की अदालत में पैरवी के लिए स्पेशल प्रासिक्यूटर नियुक्त, पंजाब सरकार का बड़ा कदम

पंजाब सरकार ने बरगाड़ी मामलों की अदालत में पैरवी करने के लिए वकील राजविंदर बैंस को स्पेशल प्रासिक्यूटर नियुक्त कर दिया है। मामले में नवजोत सिंह सिद्धू खासे आक्रामक थे। सिद्धू के गुस्से को शांत करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 01 Oct 2021 06:25 PM (IST) Updated:Sat, 02 Oct 2021 08:46 AM (IST)
बरगाड़ी मामले की अदालत में पैरवी के लिए स्पेशल प्रासिक्यूटर नियुक्त, पंजाब सरकार का बड़ा कदम
बरगाड़ी मामले की पैरवी के लिए स्पेशल प्रासिक्यूटर नियुक्त।

इन्द्रप्रीत सिंह/दयानंद शर्मा, चंडीगढ़। पंजाब में एपीएस देयोल को एडवोकेट जनरल लगाने के मामले में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच छिड़े विवाद को सुलझाने के लिए पंजाब सरकार ने बेअदबी मामलों, कोटकपूरा गोलीकांड आदि मामलों की पैरवी के लिए प्रसिद्ध वकील राजविंदर बैंस को स्पेशल प्रासिक्यूटर लगा दिया है। उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने यह जानकारी दी।

बैंस को थाना बाजाखाना और सिटी कोटकपूरा में विभिन्न तारीखों पर दर्ज चार केसों में ट्रायल कोर्ट के अलावा पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से पैरवी करने के लिए नियुक्त किया गया है। रंधावा ने कहा कि बैंस 14 अक्टूबर 2015 को बाजखाना में दर्ज धारा 307, 435, 332, 333, 283,186, 148,149 और आर्म्स एक्ट की धारा 25,27और इसी तारीख को थाना सिटी कोटकपूरा में दर्ज केस में राज्य सरकार की ओर से पैरवी करेंगे।

रंधावा ने बताया कि बैंस दो अन्य केसों की पैरवी भी करेंगे जो 21 अक्टूबर 2015 को बाजखाना और सात अगस्त 2018 को थाना सिटी कोटकपूरा में दर्ज किया गया था। इन केसों से संबंधित जितने भी केस हाई कोर्ट में चल रहे हैं बैंस उनमें पैरवी करेंगे।

विवाद को सुलझाने के लिए उठाए कदम पर फिर विवाद

काबिले गौर है कि एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल जिनकी नियुक्ति को लेकर नवजोत सिद्धू इसलिए नाराजगी व्यक्त कर रहे थे कि वह कोटकपूरा गोलीकांड में आरोपित पुलिस अफसरों के वकील रहे हैं उन्हें ही सरकार एजी कैसे लगा सकती है। इस विवाद को सुलझाने के लिए बेअदबी और कोटकपूरा केसों को एजी के अधिकार क्षेत्र से निकालकर इसे स्पेशल प्रासिक्यूटर के हवाले करना का कदम उठाया गया। आम आदमी पार्टी ने सरकार के इस कदम पर ही सवाल उठा दिया है। इन केसों की जांच के प्रमुख रहे पूर्व आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह जो अपनी नौकरी से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए हैं ने कहा कि इस केस में राजविंदर बैंस रिस्पांडेंट नंबर 5 अजीत सिंह के वकील थे जिसे कोटकपूरा गोलीकांड में गोली लगी थी। वह केस में पेश जरूर होते रहे लेकिन कभी एक शब्द भी नहीं बोले। इस कारण हाई कोर्ट में हम हारे। आम आदमी पार्टी ने कहा कि हम सरकार के इस स्टैंड की निंदा करते हैं।

पुलिस से पीड़िताें को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ते रहे हैं बैंस

आरएस बैंस मानवाधिकार कार्यकर्ता होने के साथ-साथ शुरू से ही पंजाब पुलिस से पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने में काफी सक्रिय रहे हैं। पंजाब पुलिस द्वारा कई एनकाउंटर के मामले में वह पंजाब पुलिस के खिलाफ पैरवी करते आ रहे हैं। इसके अलावा कठुआ दुष्कर्म मामले और मर्डर केस के मुख्य आरोपितो की सजा बढ़ाने का मामला , बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े तीन आतंकियों को उम्र कैद दिए जाने, मोगा बस कांड मामले, दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के प्रमुख आशुतोष महाराज के पुत्र की तरफ से दाह संस्कार का हक लेने के कई प्रमुख केस बैेंस लड़ चुके हैं। उनके पिता अजीत सिंह बैंस भी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में जज रह चुके हैं। उनके पुत्र उत्सव बैंस ने पूर्व चीफ जस्टिस आफ इंडिया रंजन गोगोई पर यौनशोषण के मामले में एक पत्र जारी कर मामले में साजिश को उजागर किया था।

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