Punjab Congress के विवाद में नया मोड़, अब सोनिया गांधी पंजाब में करवा रही हैं सर्वे, रावत ने दिए अहम संकेत
Punjab Congress पंजाब कांग्रेस के विवाद को लेकर सोनिया गांधी फैसले से पहले मैदानी हकीकत काे अच्छी तरह आकलन करा लेना चाहती हैं। सोनिया गांधी पंजाब में सर्वे करा रही हैं और इसके बाद वह पार्टी की कलह पर फैसला लेंगेे।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। Punjab Congress: पंजाब कांग्रेस में अंतर्कलह को लेकर एक नया मोड़ आ गया है। कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के बाद पंजाब पर कोई फैसला लेने से पहले जमीनी हकीकत का आकलन कर लेना चाहती हैं। इसके लिए वह पंजाब में एक स्वतंत्र सर्वे करवा रही है। सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद ही वह अंतिम निर्णय लेंगी। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सर्वे नेता की लोकप्रियता को लेकर करवाया जा रहा है या सरकार के कामकाज को लेकर, लेकिन सर्वे की रिपोर्ट पर बहुत कुछ निर्भर होगा कि कांग्रेस हाईकमान क्या कदम उठाए। उधर पार्टी नेतृत्व द्वारा पंजाब कांग्रेस के बारे में फैसले को लेकर प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने अहम संकेत दिए हैं। उनके संकेत के अनुसार, सोनिया गांधी जुलाई के शुरू तक पंजाब कांग्रेस के मामले में फैसला ले सकती हैं।
इसके साथ ही पार्टी नेतृत्व का पंजाब कांग्रेस में कलह को लेकर रुख बेहद गंभीर है। सोनिया पंजाब इकाई के विवाद का ठोस हल चाहती हैं और इस बारे में राज्य के नेताओं को संकेत भी दे दिए गए हैं। यही कारण है कि पार्टी में अब खुलेआम बयानबाजी फिलहाल बंद है।
कांग्रेस के महासचिव व प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने दैनिक जागरण से कहा, 'जब बरसात गिरनी शुरू हो जाएगी, पार्टी अपना फैसला भी ले लेगी, क्योंकि तब तक गर्मी भी कम हो जाएगी।' संकेत स्पष्ट है कि पंजाब कांग्रेस पर जुलाई के पहले सप्ताह तक हाईकमान कोई फैसला ले सकती है।
वहीं, जब उनसे पूछा गया कि क्या नवजोत सिंह सिद्धू डिप्टी सीएम बनकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ काम करेंगे, तो रावत ने कहा कि सिद्धू ही नहीं बल्कि पंजाब के पहले नंबर से लेकर दसवें नंबर तक के नेताओं को वहीं करना होगा जो पार्टी हाईकमान कहेगा। उन्होंने तीखे अंदाज में कहा कि अगर कोई नेता पार्टी के दम पर आगे बढ़ना चाहता है तो उसे पार्टी के फैसले के साथ ही चलना होगा।
बता दें कि राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा चल रही है कि सिद्धू ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ सरकार में काम करने से मना कर दिया है। रावत का कहना है कि चर्चाएं बहुत हो सकती है। पार्टी जब भी और जाे फैसला लेगी वही सर्वमान्य होगा।
गौरतलब है कि गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद हुए कोटकपूरा गोली कांड पर एसआइटी की रिपोर्ट खारिज होने के उपरांत कांग्रेस में चल रही अंतर्कलह का मामला लगातार खिंचता चला जा रहा है। कांग्रेस हाईकमान की तरफ से बनाई गई तीन सदस्यीय कमेटी ने राज्य के 100 के करीब विधायकों, सांसदों व नेताओं को सुनकर अपनी रिपोर्ट 10 जून को पार्टी हाईकमान को सौंप दी थी। तब से पंजाब के नेताओं की नजर पार्टी हाईकमान पर लगी हुई है। इस कमेटी में मल्लिकार्जुन खड़गे, जेपी अग्रवाल और हरीश रावत शामिल थे।