चंडीगढ़ में आपका भी है इतना बड़ा घर या बिल्डिंग तो लगवा लें सोलर प्रोजेक्ट नहीं तो होगी कार्रवाई
साल में एक बार होने वाली इस मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए एडवाइजर ने सोलर प्रोजेक्ट की समीक्षा की। इस दौरान चर्चा की गई कि बहुत से रेजिडेंशियल हाउसेज इंडस्ट्रियल बिल्डिंग कमर्शियल बिल्डिंग पर सोलर प्रोजेक्ट नहीं लगाए गए हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सिटी ब्यूटीफुल को सोलर सिटी बनाने के लिए अब हर साल का प्लान तैयार होगा। पूरे साल कितने किलोवॉट के प्रोजेक्ट लगेंगे। यह कहां कहां होंगे निजी और सरकारी बिल्डिंग कितनी कवर होंगी यह सभी इस प्लान में शामिल होगा। एडवाइजर धर्म पाल ने चंडीगढ़ रिन्यूअल एनर्जी एंड साइंस एंड टेक्नोलॉजी (क्रेस्ट) के अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं।
बता दें कि 15 अगस्त 2023 तक चंडीगढ़ में 75 मेगावॉट के सोलर पावर प्रोजेक्ट का लक्ष्य केंद्र सरकार ने दे रखा है। इसको लेकर एडवाइजर धर्म पाल ने साल के हिसाब से एक्शन प्लान तैयार करने के आदेश दिए हैं। साथ ही उन्होंने लोगों को आगाह किया है कि जिन लोगों ने अपनी घर की छत पर अभी तक सोलर पावर प्रोजेक्ट नहीं लगवाया है वह इसे अनिवार्य तौर पर तुरंत लगवा लें। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। क्रेस्ट की गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में यह आदेश एडवाइजर धर्म पाल ने दिए। साल में एक बार होने वाली इस मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए एडवाइजर ने सोलर प्रोजेक्ट की समीक्षा की। इस दौरान चर्चा की गई कि बहुत से रेजिडेंशियल हाउसेज, इंडस्ट्रियल बिल्डिंग, कमर्शियल बिल्डिंग पर सोलर प्रोजेक्ट नहीं लगाए गए हैं।
500 वर्ग गज की कोठी पर अनिवार्य
18 मई 2016 को बिल्डिंग बायलॉज के तहत सोलर प्रोजेक्ट को लगाना अनिवार्य किया गया है। इसके तहत 500 वर्ग गज या इससे अधिक एरिया की बिल्डिंग पर सोलर पावर प्रोजेक्ट लगाना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ एस्टेट ऑफिस बिल्डिंग बायलॉज वायलेशन की कार्रवाई करेगा। कई बार क्रेस्ट ऐसे लोगों को समय बढ़वाकर राहत दिला चुका है। लेकिन अब कार्रवाई करने की तैयारी हो रही है। अभी चंडीगढ़ में छह हजार से अधिक बिल्डिंग और मकान ऐसे हैं जो 500 वर्ग गज या इससे अधिक एरिया की हैं। इन पर सोलर प्रोजेक्ट नहीं लगाए जा रहे हैं।