Solar Eclipse 2020: चंडीगढ़ में ऐसे दिखे सूर्यदेव, ग्रहण में इन बातों का रखें ध्यान

Solar Eclipse 2020 सूर्यग्रहण का समय शुरू हो गया है। मंदिरों के कपाट सूतक काल शुरू होने के साथ ही बंद कर दिए गए थे। लोग सूर्यग्रहण अपने-अपने तरीकों से देख रहे हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 21 Jun 2020 10:32 AM (IST) Updated:Sun, 21 Jun 2020 12:45 PM (IST)
Solar Eclipse 2020: चंडीगढ़ में ऐसे दिखे सूर्यदेव, ग्रहण में इन बातों का रखें ध्यान
Solar Eclipse 2020: चंडीगढ़ में ऐसे दिखे सूर्यदेव, ग्रहण में इन बातों का रखें ध्यान

जेएनएन, चंडीगढ़। Solar Eclipse 2020: सूर्यग्रहण का समय शुरू हो गया है। चंडीगढ़ व पंजाब में सूतक काल शुरू होने के साथ ही मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए थे। प्रमुख खगोलीय घटना को देखने के लिए लोग काफी दिनों से इंतजार कर रहे थे। सुबह कई शहरों में आसमान में बादल छाए हुए थे, जिससे खगोलीय घटना को देखने के लिए उत्साहित लोग निराश नजर आए। हालांकि 10 बजे तक बादल छंटने लगे तो लोग फिर उत्साहित हो गए। चंडीगढ़ सहित पंजाब के कई शहरों में सूर्यग्रहण का दृश्य स्पष्ट दिखाई दिया। 

पृथ्वी एवं चंद्रमा के मध्य सूर्य के आने से ग्रहण की स्थिति बनती है। आषाढ़ कृष्ण पक्ष की अमावस्या दिन रविवार को सूर्य ग्रहण लगने का संयोग बनने के चलते इस ग्रहण को चूड़ामणि ग्रहण का नाम दिया गया है।कुराली में मॉडल टाउन स्थित द्वादश धाम ज्योतिर्लिग (बारह मंदिर) के पंडित विपिन चंद्र नैथानी के अनुसार रविवार को सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग छह घंटों की रहेगी। उन्होंने कहा कि इतना लंबा सूर्य ग्रहण का संयोग करीब नौ सौ साल के बाद बना है।

जालंधर के श्री गोपी नाथ मंदिर के पुजारी पंडित दीनदयाल शास्त्री के मुताबिक ग्रहण काल में सूर्य वलयाकार (कुंडलाकार) दिखाई देगा। इसमें सूर्य का चमकते हुए कंगन या अंगूठी की तरह दृश्य भी बन सकता है। हालांकि, 30 दिनों में लगने जा रहे तीन ग्रहण किसी भी सूरत में शुभ नहीं है। लिहाजा, ग्रहण की अवधि के दौरान स्नान व दान का महत्व रहेगा। श्री देवी तालाब मंदिर प्रबंधक कमेटी के महासचिव राजेश विज बताते हैंं कि शनिवार रात मंदिर के कपाट बंद करने के बाद रविवार को दिन के समय भी बंद रखे जाएंगे। ग्रहण काल समाप्त होने के बाद प्रतिमाओं को पंचामृत स्नान करवाएंगे।

चंडीगढ़ स्थित भद्रकाली मंदिर, ग्रहण के कारण जिसके कपाट बंद हैं। 

ग्रहण के दौरान यह न करें

नींद से परहेज करें। गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें। नग्न आंखों से ग्रहण न देखें। सूर्यग्रहण की किरणों आंखों पर पड़ने से फट सकता है रेटिना फूल नहीं तोड़ें। कपड़ों की सिलाई करने से परहेज करें। सवा दस बजे के बाद शहर में दिखेगा सूर्यग्रहण

ग्रहण के दौरान तथा बाद यह करें

सिमरन व ध्यान लगाएं। ग्रहण के उपरांत स्नान तथा दान अवश्य करें। सूर्य उपासना और पूजन को दें समय और महत्व। ओम सूर्य देवाय नम: का जाप करें। मच्छरदानी के अलावा कपास, कंबल, वस्त्र का दान जरूर करें।

ग्रहण का समय प्रारंभ सुबह 10. 17 बजे समापन दोपहर 2. 02 बजे

मेष राशि के जातकों के लिए शुभ फलदायी होगा सूर्य ग्रहण

सूर्यग्रहण मेष, सिंह, मीन राशि के जातकों के लिए विशेष फलदाई एवं शुभ रहेगा। जबकि बाकी राशियों पर ग्रहण का मिलाजुला असर देखने को मिलेगा। सूर्य के मिथुन राशि में होने के चलते इस राशि के जातकों को बेहद सावधानी बरतने की आवश्यकता रहेगी।

नग्न आंखों से न देखें ग्रहण

सूर्य ग्रहण में आंखों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। एक गलती आपकी आंखों की रेटिना हमेशा के लिए खराब कर सकती है। इसके बाद आप हमेशा के लिए अंधे हो सकते हैं। यह कहना है पंजाब यूनिवर्सिटी के फिजिक्स डिपार्टमेंट में कार्यरत डॉ. संदीप सहजपाल का। डॉ. संदीप सहजपाल ने बताया कि खुली आंखों के अलावा प्रोफेशनल कैमरा, मोबाइल या फिर किसी बेल्डिंग करने में इस्तेमाल होने वाले शीशे के साथ भी इसे न देखें। यह ग्रहण सदियों बाद लगता है। 90 से 95 प्रतिशत सूर्य चंद्रमा की ओट में छुप जाएगा। उस समय निकलने वाली किरणें शरीर या खाने-पीने के सामान पर कोई प्रभाव नहीं डालेगी, लेकिन आंखों के लिए खतरनाक है। 

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