चंडीगढ़ के ट्रांसपोर्ट चौक पर लगाए जा रहा स्मार्ट एयर प्यूरीफायर‍ का काम अंतिम चरण पर, कुछ दिनों में होगा शुरू

चंडीगढ़ के ट्रांसपोर्ट चौक पर लगाए जा रहे स्मार्ट एयर प्यूरीफायर‍ टॉवर का निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है। कुछ दिनों बाद यह काम करना शुरू कर देगा। इससे एरिया की आबोहवा साफ होगा और लोगों को साफ वायु मिलेगी।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 09:38 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 09:38 AM (IST)
चंडीगढ़ के ट्रांसपोर्ट चौक पर लगाए जा रहा स्मार्ट एयर प्यूरीफायर‍ का काम अंतिम चरण पर, कुछ दिनों में होगा शुरू
ट्रांसपोर्ट चौक पर लगाया जा रहा स्मार्ट एयर प्यूरीफायर‍ टॉवर।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :  सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ के सबसे प्रदूषित क्षेत्र ट्रांसपोर्ट चौक पर लगाया जा रहा स्मार्ट एयर प्यूरीफायर टाॅवर का निर्माण कार्य अब लगभग पूरा होने वाला है। अगस्त के दूसरे सप्ताह में यह शुरू हो जाएगा। इसके बाद वायु प्रदूषण से ग्रस्त ट्रांसपोर्ट चौक की आबो-हवा गुणवत्तायुक्त हो जाएगी। आंकड़ों के मुताबिक इस चौक पर रोजाना लगभग डेढ़ लाख वाहन गुजरते हैं, जिस कारण इस एरिया सबसे ज्यादा प्रदूषण  होता है।

इसे तैयार कर रही पाॅयस एयर प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के अधिकारियों मनोज जेना व नितिन आहलुवालिया के मुताबिक ये एयर प्यूरीफायर लगभग 24 मीटर ऊंचा टाॅवर होगा, जो आसपास के वातावरण से 3.88 करोड़ क्यूबिक फीट हवा साफ करेगा। उनके मुताबिक ये स्मार्ट टॉवर चौक आसपास के वातावरण से प्रदूषित वायु को इनटेक करेगा और स्वच्छ वायु बाहर वायुमंडल में छोड़ेगा। इस पर बाकायदा डिसप्ले भी होगा कि ये स्मार्ट टाॅवर जो हवा अंदर खींच रहा है उसमें प्रदूषण की कितनी मात्रा है व जो हवा बाहर आ रही है वो कितनी शुद्ध है। ये न केवल प्रदूषण खत्म कर देगा, बल्कि इतने ही दायरे में तापमान भी 5 से 6 डिग्री तक कम कर देगा। इसके अलावा अब इसमें एक नया अतिरिक्त फीचर भी जोड़ा जा रहा है, जिसके तहत इतने ही दायरे को इस टॉवर के जरिये सेनिटाइज भी किया जा सकेगा।

इस स्मार्ट एयर प्यूरीफायर टाॅवर को लगाने के लिए 16 फरवरी को भूमि पूजन हुआ था, 12 जुलाई को इसके निर्माण कार्य का शुभारंभ किया गया। चंडीगढ़ के पर्यावरण एवं वन अधिकारी देवेंद्र दलाई ने भी बीच-बीच में कार्य की प्रगति का निरीक्षण किया व जानकारी लेते रहे। मनोज जेना व नितिन आहलुवालिया के मुताबिक यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से मेक इन इंडिया के तहत बनाया जा रहा है और इसमें वोकल फाॅर लोकल की अवधारणा का पालन करते हुए स्टार्ट-अप इंडिया के तहत पंजीकृत भी कराया गया है।

कंपनी के अधियारियों ने बताया कि एयर प्योरीफायर टाॅवर के जरिये सरकार को राजस्व भी प्राप्त हो सकता है। उन्होंने खुलासा किया कि पिछले वर्ष नवंबर में इंदौर देश का पहला स्मार्ट शहर बन गया है, जिसने सफाई और कचरा निपटान के बल पर अंतरराष्ट्रीय बाजार से कमाई शुरू कर दी है। इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कंपनी लि. ने सफाई के लिए किए विभिन्न कार्यों से कमाए गए 1.70 लाख कार्बन क्रेडिट अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेचकर 50 लाख रुपये कमाए हैं। उन्होंने कार्बन क्रेडिट के बारे में जानकारी दी कि कार्बन क्रेडिट अंतर्राष्ट्रीय कार्बन उत्सर्जन नियंत्रण की योजना है। कार्बन क्रेडिट सही मायने में किसी देश द्वारा किये गये कार्बन उत्सर्जन को नियंत्रित करने का प्रयास है जिसे प्रोत्साहित करने के लिए मुद्रा से जोड़ दिया गया है। कार्बन डाइआक्साइड और अन्य ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए क्योटो संधि में एक तरीक़ा सुझाया गया है जिसे कार्बन ट्रेडिंग कहते हैं अर्थात कार्बन ट्रेडिंग से सीधा मतलब है कार्बन डाइऑक्साइड का व्यापार।

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