छह साल की कड़ी मेहनत से स्लम के बच्चे बने इंटरनेशनल खिलाड़ी

अमिता मारवाह एक्टिविटी टीम के सात वरिष्ठ खिलाडि़यों को टीम ने विदाई पार्टी दी है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Sep 2021 11:17 PM (IST) Updated:Sat, 04 Sep 2021 11:17 PM (IST)
छह साल की कड़ी मेहनत से स्लम के बच्चे बने इंटरनेशनल खिलाड़ी
छह साल की कड़ी मेहनत से स्लम के बच्चे बने इंटरनेशनल खिलाड़ी

जागरण संवाददाता, पंचकूला : अमिता मारवाह एक्टिविटी टीम के सात वरिष्ठ खिलाडि़यों को टीम ने विदाई पार्टी दी है। आशीष, दामिनी, कमलेश, मोनी झा, प्रमोद कुमार, सूरज कुमार और यासमीन को छह साल में आत्मनिर्भर बनाने के बाद आज इन्हें विदाई दी गई। अब यह सातों खिलाड़ी अपने जैसे स्लम एरिया में रहने वाले बच्चों को ताईक्वांडों, एथलीट, आर्ट व क्राफ्ट जैसे क्षेत्र में ट्रेंड करने के साथ ही नौकरी करके अपनी आजीविका चलाने के लिए स्वतंत्र हैं। यह सातों बच्चे गरीब परिवार से हैं और पिछले छह साल से अमिता मारवाह एक्टिविटी टीम के साथ जुड़े हुए थे। अमिता मारवाह ने इन्हें ट्रेनिग दी और बेहतरीन खिलाड़ी बनाया। कई देशों में मिला खेलने का मौका

यह सातों वरिष्ठ खिलाड़ी इंटरनेशनल चैंपियनशिप में बिल्कुल फ्री खेल चुके हैं। प्रमोद थाईलैंड, मोनी झा नेपाल और थाईलैंड, यासमीन थाईलैंड, आशीष श्रीलंका और नेपाल, दामिनी श्रीलंका और थाईलैंड, सूरज नेपाल, थाईलैंड और श्रीलंका, कमलेश नेपाल और थाईलैंड में खेल चुका है। मेडल भी जीत चुके हैं। इनके विदेश हवाई जहाज से आने-जाने, रहने का पूरा खर्चा स्पांसरशिप के जरिए अमिता मारवाह ने उठाया था। तीनों लड़कियां त्योहारों पर मेहंदी लगाकर अपना जेब खर्च निकालती थीं, जबकि लड़के वेटर का काम करते थे। अमिता मारवाह ने इन बच्चों को स्कूलों में लगवाकर उनकी पढ़ाई के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट का कोर्स कराया, ताकि वह अच्छा जीवन व्यतीत कर सकें। 10 साल से जुटे हैं गरीब बच्चों के लिए

अमिता मारवाह एक्टिविटी टीम 10 सालों से गरीब बच्चों में स्किल डेवलपमेंट करा रही है। टीम के सदस्य समय-समय पर बच्चों को अलग-अलग एक्टिविटीज सिखाते हैं। प्रमोद कुमार को होम ट्यूशन दिलाई गई। दामिनी और सूरज असिस्टेंट कोच थे और टीम के लिए काम कर रहे थे। कमलेश कुमार को डाइट स्पांसरशिप दिलवाई गई थी। अमिता मारवाह ने इन खिलाड़ियों को कॉलेज में भी दाखिल करवाया। आशीष का पंचकूला गवर्नमेंट कॉलेज में, सूरज का गवर्नमेंट कॉलेज सेक्टर-46 चंडीगढ़, अंशु का देव समाज कॉलेज चंडीगढ़ में दाखिला कराया। इसके अलावा इन्हें किट्स, ट्रेकसूट, जूते टी-शर्ट, फ्री दिलवाए गए। तीन खिलाड़ी बन चुके हैं एनआइएस कोच

आशीष, यासमीन और कमलेश एनआइएस कोच बन चुके हैं, जोकि अच्छे स्कूलों में कोचिग दे रहे हैं। आशीष डीपीएस व‌र्ल्ड स्कूल, यासमीन डीपीएस जीरकपुर और मोनी झा डीपीएस प्राइमरी स्कूल जीरकपुर में कार्यरत है। मोनी झा और यासमीन को अमिता मारवाह ने दो स्कूलों में और आशीष को एक स्कूल में नौकरी दिलवाई थी। इसके अलावा 10 खिलाड़ी स्टेट रेफरी बन चुके हैं। अमिता मारवाह 1000 बच्चों की सोसायटी है, जोकि अलग-अलग स्लम एरिया सकेतड़ी, खड़क मंगोली, मोगिनंद, इंदिरा कॉलोनी, विकास नगर, नाडा साहिब में बच्चों को फ्री ट्रेनिग दे रही है। दूसरों की सेवा करें, तभी आगे बढ़ेगा देश

प्रधान अमिता मारवाह ने कहा कि अब यह सभी बच्चे स्वतंत्र हो चुके हैं और इनको अपने हिसाब से आगे बच्चों को ट्रेनिग देने की छूट है। उन्होंने कहा कि वह भी अपने जैसे बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास करें, ताकि कोई भी ऐसा महसूस न करे कि उनकी कोई मदद करने वाला नहीं। बच्चों को आगे बढ़ने का मौका देना चाहिए, इसके लिए उन्हें विदाई दी गई है, ताकि नए बच्चे टीम के साथ जुड़ें और बेहतर काम करें, यही असली देशसेवा भी है। टीम के महासचिव संजीव कुमार ने कहा कि हमारी सेवा अब खत्म हो चुकी है, लेकिन आप लोगों का काम शुरू हुआ है, इसलिए हमेशा दूसरों की मदद करें। एक्टिविटी प्रमुख हिमांशी मारवाह ने खिलाड़ियों से कहा कि वह ईमानदारी से आगे बढ़े।

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