कोठी प्रकरण : नकली राहुल मेहता ने पेश किए थे 23 फर्जी दस्तावेज

सेक्टर-37 स्थित 340 नंबर कोठी को हड़पने के मामले में पुलिस की एसआइटी टीम ने कुछ दिनों पहले चालान पेश किया था। इस चालान में कई नए खुलासे हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 06:15 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 06:15 AM (IST)
कोठी प्रकरण : नकली राहुल मेहता ने पेश किए थे 23 फर्जी दस्तावेज
कोठी प्रकरण : नकली राहुल मेहता ने पेश किए थे 23 फर्जी दस्तावेज

जासं, चंडीगढ़ : सेक्टर-37 स्थित 340 नंबर कोठी को हड़पने के मामले में पुलिस की एसआइटी टीम ने कुछ दिनों पहले चालान पेश किया था। इस चालान में कई नए खुलासे हुए हैं। एसआइटी की ओर से पेश चालान में खुलासा हुआ है कि नकली राहुल मेहता ने कोठी की फाइल हासिल करने के लिए एस्टेट ऑफिस में 23 जाली दस्तावेज जमा करवाए थे। पेश चालान में यह भी खुलासा हुआ है कि डीएसपी के भाई सतपाल डागर को इन सभी बातों की जानकारी थी। कोठी को हड़पने में जो भी साजिश की जा रही थी उसमें सतपाल शामिल था।

एसआइटी ने यह दलील सतपाल डागर की ओर से दायर की गई जमानत याचिका का विरोध करते हुए कोर्ट में दी। सतपाल डागर की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए एसआइटी ने अदालत में दाखिल अपने जवाब में कहा है कि फर्जी दस्तावेज के जरिये सेक्टर 37 में मकान का मालिकाना हक राहुल मेहता के नाम ट्रांसफर कर दिया गया था। इसके बारे में नकली राहुल मेहता की ओर से सतपाल को पूरी जानकारी दी जा रही थी।

एसआइटी ने कहा है कि कई दस्तावेज, जिन्हें राहुल मेहता द्वारा हस्ताक्षरित दिखाया गया था, जालसाजी के माध्यम से प्राप्त किए गए थे। जब यह दस्तावेज हस्ताक्षरित किए गए थे, उस समय असली राहुल मेहता चंडीगढ़ में नहीं थे और उन्हें भरतपुर के अपना घर आश्रम में रखा गया था। पुलिस का आरोप है कि आरोपित पहले राहुल मेहता के घर में जबरदस्ती घुसे और बाद में उन्हें प्रताड़ित कर उनके हस्ताक्षर भी किया।

एसआइटी की ओर से यह भी खुलासा किया गया कि 2 फरवरी 2017 को राहुल मेहता के फर्जी हस्ताक्षर के साथ एक आरटीआइ आवेदन भी दायर किया गया था, जिसमें घर से संबंधित पूरी फाइल की प्रमाणित कॉपी मांगी गई थी। इस आरटीआइ से कोठी से जुड़ी हर जानकारी आरोपितों को मिल गई थी, जिसके बाद जाली दस्तावेज जमा करने के बाद राहुल मेहता के नाम घर ट्रांसफर कर दिया गया। कोठी को राहुल मेहता के पिता के किया था अपनी पत्नी के नाम

एसआइटी का यह भी कहना है कि सेक्टर 37 में घर 8 फरवरी 1978 को वेद प्रकाश मेहता की पत्नी संतोष मेहता को आवंटित किया गया था। बाद में संतोष मेहता ने अपनी बहन सुशीला कुमारी के पक्ष में घर की वसीयत तैयार की थी। सुशीला कुमारी ने 5 नवंबर 1986 को एक अर्जी दायर किया था कि संतोष मेहता की मौत के बाद उनके नाम पर घर को हस्तांतरित कर दिया जाए। इसके बाद वेद प्रकाश मेहता की ओर से भी कोठी को उसके और उसके दोनों बेटों राहुल मेहता और मोहित मेहता के नाम पर हस्तांतरण के लिए आवेदन किया गए, लेकिन इससे पहले वेद प्रकाश मेहता की मौत हो गई।

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