चंडीगढ़ जिला अदालत में सिख व्यक्ति ने लगाई याचिका, कहा- मुस्लिम पत्नी जबरदस्ती करवाना चाह रही धर्म परिवर्तन
चंडीगढ़ जिला अदालत में एक सिख व्यक्ति ने याचिका दायर कर अपनी पत्नी समेत 11 लोगों पर उससे जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाने का आरोप लगाया है। इस मामले में आज पीड़ित सिख व्यक्ति प्रेस कांफ्रेंस करने जा रहा है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ जिला अदालत में एक ऐसा मामला पहुंचा है जिसने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है, दरअसल यह मामला धर्म परिवर्तन (मतांतरण) से जुड़ा है। शहर के 36 साल के सिख व्यक्ति से जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश का मामला जिला अदालत पहुंचा है। हैरत वाली बात यह है कि सिख व्यक्ति से उसका धर्म परिवर्तन की कोशिश करने वाली उसकी पत्नी ही है।
दरअसल पीड़ित ने 2008 में मुस्लिम युवती के साथ लव मैरिज की थी। अब उसकी पत्नी और ससुराल वाले जबरदस्ती इस्लाम धर्म अपनाने के लिए उस पर लगातार दबाव बना रहे हैं। मनीमाजरा के रहने वाले व्यक्ति ने इस मामले में 11 लोगों के खिलाफ जिला अदालत में याचिका दायर की है। उसका आरोप है कि शिकायत के बावजूद पुलिस की तरफ से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसी वजह से उसे अदालत की शरण लेनी पड़ी।
हालांकि इस मामले में आज पीड़ित अपने वकील के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस करने वाला है, जो सुबह 11.30 बजे होगी। इस प्रेस कांफ्रेंस में व्यक्ति द्वारा कई अहम खुलासे करने की बात बताई गई है।
याचिकाकर्ता के वकील दीक्षित अरोड़ा ने बताया कि सिख युवक मूल रूप से पंजाब के अमृतसर का रहने वाला है। उसने 17 नवंबर 2008 को मुस्लिम लड़की के साथ लव मैरिज की थी। शादी से पहले दोनों एक साथ जॉब करते थे। दोनों ने अमृतसर के गुरुद्वारा साहिब में शादी की थी। उनका एक बेटा भी है। याचिका के जरिये गुहार लगाई गई है कि अदालत ससुराल पक्ष को आदेश दे कि याची को जबरन मतांतरण के लिए मजबूर न किया जाए। याची का आरोप-बेटे का भी मतांतरण कराना चाहता है ससुराल पक्ष याचिका में सिख युवक ने यह भी आरोप लगाया है कि ससुराल पक्ष उनके बेटे का भी मतांतरण कराना चाहता है। ससुरालियों की तरफ से इसकी कोशिश भी की जा रही है। ससुराल वालों ने उसके बेटे को भी जबरन अपने पास रखा हुआ है और बेटे को उससे मिलने भी नहीं दिया जा रहा है। इस पूरे मामले में उसकी पत्नी भी ससुराल पक्ष का साथ दे रही है।
लोन लेने से मना किया तो की मारपीट
याची ने कहा है कि मतांतरण से बचने के लिए वह पत्नी से अलग रह रहा है। वह लंबे समय से पत्नी से अलग रहता है। उसने चार वर्ष (2008 से 2011) तक दिल्ली में बिताए और फिर साल 2011 से 2015 तक वह अमृतसर में रहा। इस दौरान याचिकाकर्ता पत्नी और ससुराल पक्ष के संपर्क में आने से बचता रहा। लेकिन बाद में पत्नी के बार-बार कहने पर वह 2016 में चंडीगढ़ लौटा। पत्नी और ससुराल के लोग उसका मतांतरण कराने पर अब भी अड़े हुए हैं। आरोप है कि 30 मई 2021 को ससुराल पक्ष से उसका विवाद भी हुआ। इस दौरान उसकी पिटाई भी की गई, क्योंकि उसने ने पत्नी के बिजनेस के लिए लोन लेने से इन्कार कर दिया था।