नवजोत सिद्धू के हाईकमान से मिलने के बाद चट्टोपाध्याय को विजिलेंस चीफ का जिम्मा, डीजीपी लगवाना चाहते थे सिद्धू
नवजोत सिंह सिद्धू डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता और एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल की नियुक्ति को लेकर नाराज चल रहे थे। सिद्धू सहोता की जगह चट्टोपाध्याय को डीजीपी लगवाना चाहते थे। ऐसा न होता देखकर उन्होंने पिछले दिनों पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने वीरवार देर शाम एक आदेश जारी कर पंजाब के सबसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को विजिलेंस विभाग के प्रमुख का अतिरिक्त कार्यभार सौंप दिया। यह नियुक्ति अस्थायी तौर पर है, क्योंकि मौजूदा डीजीपी कम चीफ विजिलेंस डायरेक्टर बीके उप्पल छुट्टी पर चले गए हैं। सत्ता बदलने के बाद उप्पल की छुट्टी तय मानी जा रही थी, लेकिन सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की नियुक्ति इस पद पर इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वीरवार को ही नवजोत सिंह सिद्धू की पार्टी हाईकमान के साथ बैठक थी।
नवजोत सिंह सिद्धू डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता और एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल की नियुक्ति को लेकर नाराज चल रहे थे। सिद्धू सहोता की जगह चट्टोपाध्याय को डीजीपी लगवाना चाहते थे। ऐसा न होता देखकर उन्होंने पिछले दिनों पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे पर फैसला करने के लिए उन्हें दिल्ली बुलाया गया था, जहां केसी वेणुगोपाल के दफ्तर में वह पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत, केसी वेणुगोपाल आदि से मिले और उनकी मीटिंग खत्म होने के कुछ देर बाद ही चट्टोपाध्याय को बीके उप्पल की जगह चीफ डायरेक्टर विजिलेंस लगा दिया गया। यह नियुक्ति उप्पल के छुट्टी पर रहने के कार्यकाल तक रहेगी।
हालांकि, यह माना जा रहा है कि उप्पल को अब इस पद पर फिर से नहीं लगाया जाएगा। चट्टोपाध्याय की नियुक्ति को सिद्धू के साथ समझौते के फार्मूले के रूप में भी देखा जा रहा है। गौरतलब है कि पंजाब में विजिलेंस कमीशन का गठन करने के बाद यह तय किया गया था कि विजिलेंस डायरेक्टर की नियुक्ति कमीशन के चेयरमैन की अगुआई में बनने वाली कमेटी ही तय करेगी। इसलिए चट्टोपाध्याय की नियुक्ति इस पद पर स्थायी तौर पर नहीं की गई है।