बुड़ैल जेल में श्री गुरुनानक देव लंगर हॉल, शहीद-ए-आजम भगत सिंह और नीरजा भनोट कुटीर

बुड़ैल मॉडल जेल में कैदियों के लिए बनाए बैरक को कुटीर का नाम दिया जाएगा। उन कुटीर को महापुरुषों व वीरांगनाओं के नाम से संबोधन करने के साथ उनकी जीवनी भी लिखी जाएगी।

By Edited By: Publish:Tue, 02 Jul 2019 09:02 PM (IST) Updated:Wed, 03 Jul 2019 11:14 AM (IST)
बुड़ैल जेल में श्री गुरुनानक देव लंगर हॉल, शहीद-ए-आजम भगत सिंह और नीरजा भनोट कुटीर
बुड़ैल जेल में श्री गुरुनानक देव लंगर हॉल, शहीद-ए-आजम भगत सिंह और नीरजा भनोट कुटीर

जासं, चंडीगढ़। बुड़ैल मॉडल जेल में कैदियों के लिए बनाए बैरक को महापुरुषों के नाम पर कुटीर बोला जाएगा। इनमें संबंधित महापुरुषों व वीरांगनाओं की जीवनी भी लिखी जाएगी। जैसे शहीद-ए-आजम भगत सिंह या नीरजा भनोट कुटीर। इसके पीछे उद्देश्य यही है कि इन महापुरुषों और वीरांगनाओं से प्रेरणा लेकर कैदी अपने जीवन में सुधार कर सकें। जेल के मेस को गुरुनानक देव लंगर हॉल कहा जाएगा। इसी तरह जिम को भीम व्यायामशाला। इसके अलावा महिलाओं के साथ रह रहे छह साल तक के बच्चों के लिए लव-कुश कुटीर भी बनाया जाएगा। इस सबका उद्देश्य कैदियों को बेहतर भविष्य के बारे में हौसला देकर उनके अंदर नई उर्जा का संचार करना है। जेल प्रशासन ने प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद काम भी शुरू करवा दिया हैं।

जेल सिर्फ सजा काटने का बैरक नहीं

जेल प्रशासन की तरफ से मुहिम को प्रभावशाली बनाए जाने के लिए प्रत्येक कुटीर का नाम उन महापुरुष के नाम से रखा जाना है, जो भारतीय हक की लड़ाई में आगे डटे रहे और जेल भी गए। उन्होंने जेल में रहते हुए देश के लिए बेहतर काम किया। मानव जीवन को प्रोत्साहित करने, अपने देश की वीरगाथा को लेकर विभिन्न पुस्तकों को लेखन किया। इस योजना से बताया जाएगा कि कोई भी व्यक्ति जेल में रहने के कारण अपराधी नहीं होता बल्कि वह भी बेहतरीन काम कर सकता है। जेल सिर्फ सजा काटने का बैरक नहीं बल्कि आपकी बुद्धिमानी और समझ से बेहतर कुटीर भी हैं।

इनके नाम पर होंगे कुटीर

बुड़ैल मॉडल जेल में पुरुषों के बैरेक श्री गुरु नानक देव कुटीर, बाल गंगाधर कुटीर, अरविंदो घोष कुटीर, सरदार बल्लभ भाई पटेल कुटीर, शहीद-ए-आजम भगत सिंह कुटीर, जवाहर लाल नेहरू कुटीर, महात्मा गांधी कुटीर, लाला लाजपत राय कुटीर, मौलाना आजाद कुटीर होगा। रसोई घर का नाम मीरा रसोई बुड़ैल मॉडल जेल में महिलाओं के बैरेक्स का नाम रानी लक्ष्मी बाई कुटीर, रानी जयदी कीलू कुटीर, नीरजा भनोट कुटीर रखा जाएगा। इसी तरह रसोई घर का नाम मीरा रसोई होगा।

जेल में प्रत्येक कुटीर के बाहर संबंधित महापुरुषों व वीरांगनाओं के स्कल्पचर आ‌र्ट्स कॉलेज के छात्रों की मदद से तैयार करवाए जाएंगे। स्कल्पचर के साथ ही उसकी उपलब्धियां भी अंकित की जाएगी। जिन्हें पढ़कर कैदी बेहतरीन काम करने के लिए प्रोत्साहित हो सकेंगे। इस योजना को जेल के अंदर कैदियों की साकारात्मक सोच बनाने के लिए बनाया गया हैं। इससे किसी भी कैदी का जीवन सही ट्रैक पर लाने में मदद मिल पाए। इसे जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा।

-डॉ. ओपी मिश्रा, आइजी जेल।

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