आर्बिट की याचिका पर पंजाब के परिवहन मंत्री वडिंग को झटका, जब्त बसें तत्काल छोड़ने के आदेश

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से पंजाब के परिवहन मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग को बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने आर्बिट एविएशन की जब्त बसों को तत्काल छोड़ने व उनके परमिट बहाल करने के आदेश दिए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 06:49 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 07:08 PM (IST)
आर्बिट की याचिका पर पंजाब के परिवहन मंत्री वडिंग को झटका, जब्त बसें तत्काल छोड़ने के आदेश
आर्बिट एविएशन कंपनी की बस की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब के परिवहन मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग व परिवहन विभाग को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से आज दूसरे दिन भी एक बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने आर्बिट एविएशन की जब्त की गई बसों को तुरंत छोड़ने व उनका अस्थाई परमिट बहाल करने के आदेश दिए हैं। जस्टिस अजय तिवारी एवं जस्टिस पंकज जैन की खंडपीठ ने यह आदेश आर्बिट एविएशन द्वारा उनकी जब्त की गई बसें और कैंसिल किए गए परमिट के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं। बता दें, आर्बिट एविएशन बादल परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी है।

इन्हीं आदेशों के साथ हाई कोर्ट ने मामले में पंजाब सरकार, परिवहन मंत्री और अन्य प्रतिवादी पक्षों को 29 नवंबर के लिए नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है। हाई कोर्ट ने कहा कि जब सरकार पहले इनसे टैक्स को किश्तों में भरे जाने की इजाजत दे चुकी थी तो बाद में कैसे याचिकाकर्ता कंपनी को सूचित किए बिना इस इजाजत को रद कर दिया गया और परमिट कैंसिल कर दिए गए। बावजूद इसके याचिकाकर्ता कंपनी अपना पूरा टैक्स 30 नवंबर तक भरने को तैयार है।

हाई कोर्ट ने कहा कि एक्ट में परमिट रद करने का प्रावधान नहीं है। ऐसे में इन परमिट को रद करने के चलते हाई कोर्ट को अब इस मामले में दखल देना पड़ेगा। लिहाजा, याचिकाकर्ता कंपनी की जब्त की गई बसें हाई कोर्ट ने छोड़ने और रद किए गए परमिट को अस्थायी तौर पर बहाल किए जाने के आदेश देते हुए पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है।

आर्बिट एविएशन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया है कि उनका 77 लाख 15 हजार 61 रुपये का जो बकाया था 11 अक्टूबर को संबंधित अथारिटी ने इस राशि को 19 लाख 28 हजार 765 रुपये की चार किश्तों में भरे जाने की इजाजत दे दी थी। जिसके बाद आर्बिट एविएशन ने पहली किश्त भर दी थी, लेकिन 18 अक्टूबर को किश्तों में बकाया भरे जाने की जो इजाजत दी गई थी वह वापस ले ली गई।

बावजूद इसके 15 नवंबर तक वह 30 नवंबर तक का पूरा टैक्स भर चुके थे, लेकिन 12 नवंबर को उनका परमिट ही रद कर दिया गया। इस पर हाई कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि जब पहले किश्तों में टैक्स भरे जाने की इजाजत दी जा चुकी थी और बिना याचिकाकर्ता कंपनी को सूचित किए यह इजाजत वापस कैसे ले ली गई। लिहाजा हाई कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब कर लिया है। हाईकोर्ट के इस फैसले को ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वडिंग के लिए बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि राजा वडिंग टैक्स न जमा करवाने वाली बसों व आर्बिट एविएशन के जरिये सुखबीर बादल पर लगातार हमले कर रहे थे।

इस मामले में वडिंग को जारी किया जा चुका है नोटिस

बता दें, इससे पूर्व गत दिवस टैक्स न भरे जाने के चलते न्यू दीप बस सर्विस का परमिट रद होने के खिलाफ दायर एक याचिका पर हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार सहित परिवहन मंत्री राजा वड़िंग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जस्टिस अजय तिवारी एवं जस्टिस पंकज जैन की खंडपीठ ने यह नोटिस न्यू दीप बस सर्विस द्वारा एडवोकेट रोहित सूद के जरिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया है।

निजी बस सर्विस ने अपनी याचिका में बताया है कि फरवरी 2018 में उन्हें परमिट जारी किए गए थे वह परमिट की शभी शर्तों का पालन करते रहा थे, लेकिन पिछले साल कोरोना के चलते जब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया था जिसके बाद पिछले साल 23 मार्च से देशभर में लाकडाउन लगा दिया गया, जिसके चलते उनकी सभी बसें बंद हो गई थी।

निजी बस सर्विस को आ रही इस परेशानी के चलते राज्य सरकार ने उन्हें राहत भी दे दी थी। महामारी का कहर कम हुआ तो कई बंदिशों के साथ निजी बसें शुरू हुई। वह भी 50 प्रतिशत क्षमता से, लेकिन इसके बाद कोरोना की दूसरी लहर ने दस्तक दे दी और फिर उनकी बसें बंद हो गई। दूसरे लाकडाउन में सरकार ने उन्हें कोई राहत नहीं दी।

याचिकाकर्ता ने बताया कि टैक्स न भरे जाने के चलते 12 अक्टूबर को उनकी 26 बसें जब्त कर ली गई, जिसके बाद उन्होंने रिप्रजेंटेशन दे आग्रह किया कि वह टैक्स का बकाया चार किश्तों में भरने के लिए तैयार हैं। उनका आग्रह स्वीकार कर लिया गया और उन्होंने उसी दिन पहली किश्त भी भर दी यह तय हो गया कि अगले प्रत्येक महीने की पहली तारीख को वह अपनी किश्त को भरेंगे, जिसके बाद उनकी छह बसें छोड़ दी गई. लेकिन अगले दिन उनकी 13 बसों को फिर जब्त कर लिया गया। उन्होंने संबंधित अथारिटी से बात की, लेकिन कोई हल नहीं निकला और बाद में उनका परमिट भी रद कर दिया। लिहाजा, अब याचिकाकर्ता ने अपने परमिट रद किए जाने के आदेशों को खारिज किए जाने की मांग की है, जिस पर हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार सहित परिवहन मंत्री को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। 

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