चंडीगढ़ में पटाखों पर बैन के विरोध में शशिशंकर तिवारी, बोले- प्रशासन के फैसले से दुकारदारों को होगा लाखों का नुकसान

चंडीगढ़ में पटाखे बैन करने के फैसले का कोई सराहना कर रहा है तो कोई विरोध कर रहा है। वहीं प्रदेश महामंत्री चंडीगढ़ कांग्रेस कमेटी शशिशंकर तिवारी ने भी चंडीगढ़ प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ सवाल खड़े किए हैं।

By Ankesh KumarEdited By: Publish:Sat, 07 Nov 2020 12:51 PM (IST) Updated:Sat, 07 Nov 2020 12:51 PM (IST)
चंडीगढ़ में पटाखों पर बैन के विरोध में शशिशंकर तिवारी, बोले- प्रशासन के फैसले से दुकारदारों को होगा लाखों का नुकसान
पटाखे बैन करने के फैसले का प्रदेश महामंत्री चंडीगढ़ कांग्रेस कमेटी शशिशंकर तिवारी ने जताया विरोध।

चंडीगढ़, जेएनएन। पूर्वांचल विकास महासंघ ट्राईसिटी के अध्यक्ष व प्रदेश महामंत्री चंडीगढ़ कांग्रेस कमेटी शशिशंकर तिवारी ने प्रशासन के पटाखों की ब्रिकी पर रोक लगाने वाले फैसले का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के त्योहारों में ही प्रशासन को प्रदूषण की चिंता क्यों सताने लगी है। दीपावली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है और लोग सालभर इसका इंतजार करते हैं।

प्रशासन को पटाखे चलाने से प्रदूषण तो दिखता है, लेकिन यह नहीं दिखता है कि इस इंडस्ट्री से जुड़े हजारों लोग का रोजगार इसी धंधे से जुड़ा हुआ है, जो सालभर दीपावली का इंतजार करते हैं। दुकानदारों से अपनी दुकानों में पटाखों का स्टॉक रख लिया है, ऐसे में अब प्रशासन ने पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। दुकानदारों के इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा। इन प्रदूषण मुक्त प्रेमियों को 11 महीने 15 दिन प्रदूषण क़ी चिंता नहीं रहती है, लेकिन जैसे ही दीपावाली, छठ जैसे शुभ त्योहार आना शुरू होते हैं तो प्रदूषण को लेकर इनकी चिंताए बढ़ जाती है। सोशल मीडिया पर भी तरह -तरह के संदेश भेजे जाते हैं।

कहा- फैक्ट्रियां भी तो प्रदूषण फैलाती हैं

शशिशंकर तिवारी ने कहा कि अगर प्रदूषण की इतनी ही चिंता हैं तो ट्रक, बस, बड़ी -बड़ी फैक्ट्रियां साल भर शहर में प्रदूषण फैलाती हैं, इस पर कोई कुछ नहीं बोलता है। तब ना तो प्रशासन को, ना प्रदूषण विभाग को और ना तो प्रदूषण मुक्त प्रेमियों को प्रदूषण की चिंता रहती है। यह सब सालभर प्रदूषण फैलाते हैं, लेकिन जैसे ही हिन्दुओं का त्योहार आता है।

दिवाली पर पटाखों का अपना महत्व

उन्होंने कहा कि प्रशासन के साथ-साथ कुछ सामाजिक संस्थाओं को भी प्रदूषण क़ी चिंता होने लगती है। तिवारी ने कहा की दीपावाली एक धार्मिक आस्था के साथ जुड़ा हुआ त्योहार है और इस त्योहार में पटाखे चलाने का अपना महत्व है। इसलिए हमें पटाखे चलाने चाहिए। तिवारी ने प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रशासन जितनी तत्परता दीपावाली में प्रदूषण के प्रति दिखाता है, अगर उतनी तत्परता सालभर पौधारोपण और प्रदूषण के प्रति लोगों को जागरूक करने में दिखाए, तो लोगों को प्रदूषण से निजात मिल सकता है।

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