शालीमार मॉल मालिक ने पंचकूला निगम पर लगाया आरोप, कहा- सबसे ज्यादा टैक्स दिया, फिर भी भेज दिया नोटिस

पंचकूला स्थित शालीमार मॉल के मालिक आरके अग्रवाल ने चंडीगढ़ में प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने खुद पर लगे आरोपों पर नगर निगम पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नगर निगम पंचकूला ने उन्हें प्रॉपर्टी टैक्स का डिफाल्टर घोषित किया है जो सरासर गलत है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Fri, 09 Jul 2021 08:17 AM (IST) Updated:Fri, 09 Jul 2021 08:17 AM (IST)
शालीमार मॉल मालिक ने पंचकूला निगम पर लगाया आरोप, कहा- सबसे ज्यादा टैक्स दिया, फिर भी भेज दिया नोटिस
चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जानकारी देते शालीमार मॉल के मालिक आरके अग्रवाल।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पंचकूला के सेक्टर-5 स्थित शालीमार मॉल जो ट्राइसिटी के मॉल्स में से एक है। शालीमार मॉल को पंचकूला नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स का डिफॉल्टर घोषित किया है। इसको लेकर मॉल के मालिक आरके अग्रवाल चंडीगढ़ में एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि एमसी हाउस पंचकूला प्रॉपर्टी टैक्स के मुद्दे पर उनकी संपत्ति के संबंध में उनके खिलाफ दुर्भावनापूर्ण काम कर रहा है। अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने नगर निगम को 7.5 लाख रुपये संपत्ति कर अधिक भुगतान किया है। ऐसे में मैं डिफॉल्टर कैसे हो सकता हूं। उन्होंने आरोप लगाया कि बेवजह परेशान करने के लिए मुझे डिफॉल्टर घोषित किया गया है। 

अग्रवाल ने बताया कि 2013 में हरियाणा सरकार की संपत्ति कर अधिसूचना के बाद, संपत्ति कर के रूप में 33 लाख जमा करा दिए। लेकिन पंचकूला नगर निगम ने 2017 में शालीमार मेगा मॉल के संबंध में 4,26,25,581 का एक आधारहीन संपत्ति कर का नोटिस भेज दिया। मॉल के प्रबंधन ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट इसके खिलाफ याचिका दायर की तो कोर्ट ने मॉल प्रबंधन को एक करोड़ रुपये जमा कराने और संभागीय आयुक्त (अंबाला मंडल) के समक्ष अपील दायर करने का निर्देश दिया। इसके बाद उन्होंने नगर निगम में 1 करोड़ रुपये जमा करवा दिए। 

उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2008-09 से 2020-21 तक शालीमार मॉल के संपत्ति कर के पुनर्मूल्यांकन के बाद, 18,75,563/- नगर निगम पंचकूला के पास अधिक जमा पाया गया। बावजूद पंचकूला नगर निगम ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए संपत्ति कर 11,28,791 का नोटिस भेजा। इसलिए निगम पहले से जमा अतिरिक्त राशि में से उक्त राशि को वसूल करे। 

अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) शहरी स्थानीय निकाय विभाग, हरियाणा को पत्र लिखा है और उनके कार्यालय को हरियाणा नगर निगम अधिनियम की धाराओं 414 और 415 के तहत दी गई शक्तियों का उपयोग कर इस अवैध प्रस्ताव को रद करने की मांग की है। शालीमार मॉल की संपत्ति के संबंध में 30 जून, 2021 को हुई निगम की हाउस मीटिंग में पारित प्रस्ताव के संबंध में उन्होंने एसीएस से अनुरोध किया है कि पारदर्शिता बनाए रखने के लिए व्यवसाय प्रमाण पत्र जारी होने से लेकर अभी तक उस श्रेणी में आने वाली समान आकार की अन्य वाणिज्यिक संपत्तियों से प्राप्त संपत्ति कर के संबंध में एमसी पंचकूला को पूरे विवरण के साथ एक श्वेत पत्र प्रकाशित करने का निर्देश दें।

अग्रवाल ने कहा कि मॉल का स्वामित्व एकदम स्पष्ट है और यह सभी बाधाओं से मुक्त है। उन्होंने बताया कि एक मालिक के रूप में उन्हें अभी भी शोरूम्स के आवंटन पत्रों के अनुसार पूरा भुगतान नहीं मिला है और शोरूम मालिकों द्वारा रखरखाव शुल्क का भुगतान तक नहीं किया गया है। इस वजह से मॉल पहले संकट में रहा। उन्होंने कहा कि जल्द ही मॉल को नया रूप दिया जाएगा और संचालन में तेजी लाई जाएगी। फेसलिफ्ट का काम पहले ही शुरू हो चुका है, लेकिन महामारी के कारण इसमें देरी हुई है। हाल ही में उन्होंने शोरूम आवंटियों को एकमुश्त निपटान (ओटीएस) के तहत उनके बकाया के भुगतान के लिए विभिन्न छूट और रियायतों की पेशकश की थी।

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