मोहाली में शाहीमाजरा से लेकर नाइपर तक डाली जा रही है सीवरेज पाइप, लोगों की मांग, जल्द शुरू हो सड़क बनाने का काम

मोहाली शहर में करोड़ों रुपये की लागत से लोगों की सुविधा के लिए बिछाई जा रही सीवरेज लाइन का काम लगभग पूरा हो गया है। लेकिन पाइप डालने के बाद सडक़ बनाने के लिए टेंडर तक नहीं हुआ है।

By Vinay kumarEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 10:56 AM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 10:56 AM (IST)
मोहाली में शाहीमाजरा से लेकर नाइपर तक डाली जा रही है सीवरेज पाइप, लोगों की मांग, जल्द शुरू हो सड़क बनाने का काम
मोहाली में लोगों की सुविधा के लिए बिछाई जा रही सीवरेज लाइन का काम लगभग पूरा हो गया है।

मोहाली, जेएनएन। शहर में करोड़ों रुपये की लागत से लोगों की सुविधा के लिए बिछाई जा रही सीवरेज लाइन का काम लगभग पूरा हो गया है। लेकिन पाइप डालने के बाद सडक़ बनाने के लिए टेंडर तक नहीं हुआ है। लोगों की ओर से मांग की जा रही है कि सड़क का टेंडर और काम की प्रक्रिया को तुरंत किया जाए। इसके साथ ही जब तक सडक़ का निर्माण नहीं होता है, तब तक उस सडक़ से ट्रैफिक की आवाजाही बिल्कुल रोक दी जाए। नगर निगम की ओर से करीब 14 करोड़ रुपये की लागत से सीवरेज लाइन बिछाने का काम शुरू किया गया। पाइप लाइन शाहीमाजरा से नाइपर होते हुए फेज-11 की ओर जाती है।

इस सडक़ की एक तरफ से पूरी तरह से खुदाई की गई है, इस कारण पिछले छह महीने से लोगों को दिक्कत आ रही है। अब तक 24 से ज्यादा सडक़ खुदी होने के कारण हादसे का शिकार हो चुके है। उक्त सडक़ के खुदे होने के कारण फेज-7 में एजुकेशन बोर्ड की ट्रैफिक लाइटों से होकर जाने वाले वाहन चालकों को यातायात जाम में फंसना पड़ता है। ककुुंभड़ा लाइट प्वाइंट से लेकर फेज-5 तक सडक़ का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। सडक़ के दोनों तरफ ही शहर बसा हुआ है। इतना ही नहीं इन एरिया से चंडीगढ़ और मार्केट जाने वाली सडक़े भी इस सडक़ को क्रास करती है। ऐसे में करीब 5 से 8 किलोमीटर के ट्रैक को पहल के आधार पर सुधारा जाए।

निगम की ओर से आउटफॉल सीवरेज लाइन बिछाई जा रही है। यह शहर के लिए बड़ी महत्वपूर्ण है। क्योंकि 40 साल पहले जब शहर बसा था तो उस समय यह सीवरेज लाइन बिछाई गई थी। लेकिन अब लाइन पूरी रह से जवाब दे गई है। कई जगह से यह लाइन धंस जाती है। जिससे सीवरेज बैक मारना शुरू कर देता है। इतना ही नहीं कई एरिया में यह लाइन घरों के पास से निकलती है। ऐसे में वहां पर हादसे होने का डर बना रहता है। उक्त सीवरेज लाइन को सबसे ज्यादा नुकसान टेलीफोन कंपनियों ने भी खुदाई करके पहुंचाया है। क्योंकि जब अंडरग्राउंड लाइन शहर में डाली जा रही थी।

इस दौरान उनकी ओर से की गई खुदाई में लाइन कई जगह से टूट गई थी। यह मामला काफी गर्माया भी था। हालांकि इसके बाद कंपनियों पर भी नजर रखने की योजना बनी थी। लेकिन कंपनियों ने यह काम छुट्टियों वाले दिनों में शुरू कर दिया था। ध्यान रहे कि सीवरेज लाइन के इस प्रोजेक्ट पर 22 करोड़ रुपये की लागत आनी है। यह पाइप लाइन फेज-1, 2, 3बी1, 3बी2 और 4 से लेकर फेज-11 तक डाली जा रही है। जबकि 40-45 साल पुरानी सीवरेज लाइन ब्रिक डारट सिस्टम पर आधारित थी। यह पाइप लाइन 9.9 किलोमीटर लंबी है। प्रोजेक्ट में 24 इंच से 48 इंच मोटी पाइप लाइन डाली जाएगी। इस प्रोजेक्ट के तहत बाबा बंदा सिंह बहादुर न्यू बस टर्मिनल से सेक्टर-64, 65, 66 से 67 तक के चौक पर आउट फॉल सीवरेज नया डाला जाएगा और यह काम 9 महीने में पूरा करना होगा।

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