तीन साल बाद भी भी शिफ्ट नहीं हुई सेक्टर-26 की ग्रेन मार्केट

सेक्टर-26 स्थित सब्जी मंडी की बदहाल स्थिती से हर कोई वाफिक है। टूटी सड़कें और पार्किग व्यवस्था तक नही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 06:17 AM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 06:17 AM (IST)
तीन साल बाद भी भी शिफ्ट नहीं हुई सेक्टर-26 की ग्रेन मार्केट
तीन साल बाद भी भी शिफ्ट नहीं हुई सेक्टर-26 की ग्रेन मार्केट

वैभव शर्मा, चंडीगढ़

सेक्टर-26 स्थित सब्जी मंडी की बदहाल स्थिती से हर कोई वाफिक है। टूटी सड़कें और पार्किग व्यवस्था तक नही हैं। गंदगी के ढेर इन सबसे परेशान होकर लोगों का मोह सेक्टर-26 मंडी में आने से भंग हो रहा है। कुछ वर्षो से देखा जा रहा है कि मंडी में आने वाले लोगों की संख्या भी कम हुई है। यह बात हम नहीं, बल्कि मंडी के दुकानदार कह रहे है। वहीं, इस मंडी को शिफ्ट करने के लिए चंडीगढ़ प्रशासन ने सेक्टर-39 में नई मंडी बनाई थी। यह इसलिए बनाई गई थी क्योंकि सेक्टर-26 में जगह कम होने की वजह से लोगों के साथ ही व्यापारियों को परेशानी हो रही थी, लेकिन तीन साल बाद भी भी सेक्टर-26 की मंडी को यहां पर शिफ्ट नहीं किया गया। प्रशासन की लापरवाही से अधर में शिफ्टिंग का काम

प्रशासन की लापरवाही से मंडी को शिफ्ट करने का काम अधर में है। अगर प्रशासन को 26 की मंडी को यहां पर शिफ्ट नहीं करना था तो फिर नई मंडी बनाने के लिए करोड़ों क्यों खर्च किए गए। वहीं, सेक्टर-26 मंडी में पार्किग से लेकर सड़कों तक का बुरा हाल है। इसके साथ ही मंडी में शौचालय की व्यवस्था की चरमराई हुई है। 2015 में शिलान्यास, 2021 तक नहीं हुई शिफ्ट

सितंबर-2015 में सेक्टर-39 में नई मंडी का शिलान्यास किया गया था। हालांकि इस मंडी को शुरू करने के लिए प्रशासन ने फरवरी 2016 को टारगेट माना था, लेकिन 2021 तक यहां पर सेक्टर-26 की मंडी शिफ्ट नहीं की गई है। 2017 में हाई कोर्ट भी लगा चुका है प्रशासन को फटकार

सेक्टर-39 स्थित नई सब्जी मंडी के निर्माण कार्य को लेकर 2017 में हाई कोर्ट ने भी प्रशासन को जमकर फटकार लगाई थी। उस समय मंडी को बनाने का काम सुस्त रफ्तार से चल रहा था। उसके बाद प्रशासन ने कार्य में तेजी लाई थी। प्रशासन ने इस मंडी के लिए 100 करोड़ के नाबार्ड के लोन को भी मंजूरी दे दी थी। 75 एकड़ में तैयार हुई नई सब्जी मंडी

लोगों और दुकानदारों को देखते हुए नई मंडी 75 एकड़ एरिया में बनाई गई है। यह सेक्टर-26 स्थित मौजूदा मंडी से तीन गुना बड़ी है। सेक्टर-26 की मंडी 25 एकड़ में बनी हुई है। सेक्टर-39 की मंडी में 92 दुकानें बननी थी। इन सभी दुकानों को ऑक्शन के जरिए बेचा जाना था। दुकानदारों के लिए 105 फुट चौड़ा और 850 फुट लंबा प्लेटफॉर्म भी बन कर तैयार कर दिया गया है। ऑक्शन प्लेटफार्म भी बनकर तैयार

प्रशासन के इंजीनियरिग विभाग ने 9500 वर्ग गज एरिया में ऑक्शन प्लेट फार्म को बनाने में 9.04 करोड़ की लागत आई थी। वहीं, दूसरी ओर नई मंडी में 27,885 वर्ग मीटर एरिया में कंक्रीट पेवमेंट का कार्य पूरा किया गया है। मंडी निर्माण के लिए लोन भी हो चुका है पास

मंडी निर्माण के लिए बोर्ड ने नाबार्ड से 100 करोड़ का ऋण भी लिया है। फिलहाल मंडी में फल और सब्जियों के लगभग 270 व्यापारी हैं। बोर्ड ने नई मंडी में लगभग 200 दुकानों का निर्माण करना था और नई दुकानों या चेंबर को किराए पर देना था।

कोट्स

मामला हमारे संज्ञान में हैं। सेक्टर-26 से मंडी शिफ्ट करने के लिए प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही फैसला हो जाएगा।

प्रद्युमन सिंह, ज्वाइंट सेक्रेटरी, मार्केट कमेटी चंडीगढ़।

chat bot
आपका साथी