सेक्टर-15 बनेगा सबसे बड़ा वेंडिंग जोन, शिफ्ट होंगे 1123 वेंडर्स
3200 वेंडर्स को जोन में शिफ्ट करने का ड्रॉ पहले ही निकाल चुका है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नगर निगम जनवरी माह में शहर के 3200 वेंडर्स को जोन में शिफ्ट करने का ड्रॉ पहले ही निकाल चुका है। लेकिन उसी समय मामला हाई कोर्ट में जाने के कारण इन्हें शिफ्ट नहीं किया जा सका था। लेकिन अब इन्हें एक माह के भीतर शिफ्ट कर दिया जाएगा। सेक्टर-17, 19 और 22 के वेंडरों को सेक्टर-15 में शिफ्ट किया जाएगा। अब उस समय बवाल होगा जब शिफ्ट किया जाएगा। क्योंकि यहां से वेंडर हटने के लिए तैयार नहीं हैं और सेक्टर-15 में वेंडिग जोन बनने से पहले से यहां के रेजिडेंट्स विरोध कर रहे हैं। ऐसे में तनातनी का माहौल भी बनने की उम्मीद है। सेक्टर-15 शहर की सबसे बड़ी वेंडिग जोन की साइट है। यहां पर 1123 वेंडर एक समय में एक साथ बैठेंगे। यह शहर का सबसे बड़ा वेंडिग जोन होगा। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के नेताओं ने दावा किया था कि सेक्टर-15 में वेंडरों को शिफ्ट नहीं होने दिया जाएगा। लेकिन इसके लिए कुछ भी नहीं किया गया। यहां पर वेंडर्स शिफ्ट होने से पार्किग की दिक्कत भी आएगी। 3487 रजिस्टर्ड वेंडर्स के लाइसेंस हो चुके हैं खारिज
नगर निगम ने हाल ही में 3487 रजिस्टर्ड वेंडर्स के लाइसेंस खारिज कर दिए हैं। यह ऐसे वेंडर्स हैं जिन्हें अपना लाइसेंस फीस जमा करवाए हुए छह माह का समय हो गया है। इसलिए टाउन वेंडिग कमेटी ने इनके लाइसेंस खारिज करने का फैसला लिया है। मालूम हो कि नगर निगम ने दो साल पहले शहर में 22 हजार वेंडर्स का सर्वे किया था लेकिन लाइसेंस सिर्फ नौ हजार के ही बने थे। बाकी वेंडर्स सर्वे के बाद दिखाई नहीं दिए। इसलिए ही सर्वे करने वाली कंपनी पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। इन नौ में से अब करीब 3500 वेंडर्स के लाइसेंस खारिज हो गए हैं। ऐसे में अब शहर में 5500 वेंडर्स ही लाइसेंसशुदा है जोकि हर माह नगर निगम को लाइसेंस फीस जमा करवा रहे हैं। ऐसे में बिना लाइसेंस फीस जमा करवाए फड़ी लगने से नगर निगम को भी हर माह लाखों रुपये का चूना लग रहा है। जिन 3487 वेंडर्स का लाइसेंस खारिज किया गया है उनमे 2264 फड़ी वाले हैं जबकि 467 मोबाइल वेंडर्स हैं जोकि गलियों में घूमकर अपना कारोबार करते हैं। इनमें 756 वेंडर्स में मोची, नाई, साइकिल रिपेयर करने वाला और धोबी शामिल हैं।