Sardool Sikander ने मिमिकरी से की थी करियर की शुरुआत, और फिर बन गए सुरों के बादशाह
प्रख्यात पंजाबी गायक सुरों के बादशाह सरदूल सिकंदर (Sardool Sikander) ने अपने करियर की शुरुआत मिमिकरी से की थी। इसके बाद उन्होंने आजीविका के लिए जगरातोँ में भी काम किया और फिर धीरे-धीरे सुरों के बादशाह बन गए।
चंडीगढ़ [सुमेश ठाकुर]। पंजाब के प्रख्यात गायक व अभिनेता सरदूल सिकंदर (Sardool Sikander) का बुधवार को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन का समाचार सुनते ही कला जगत से जुड़े लोग व उनके प्रशंसकों के आंसू छलक पड़े। सरदूल सिंकदर ने करियर की शुरुआत मिमिकरी से की थी। इसके बाद उन्होंने कामेडी की और फिर धीरे-धीरे अजीविका चलाने के लिए जगरातों में काम किया।
सरदूल सिकंदर के साथ बिताए पलों को याद करते हुए म्यूजिक डायरेक्टर और चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी के चैयरमेन अतुल शर्मा कहते हैं कि जब सरदूल जगराते करते हुए पंजाबी सिंगिंग की दुनिया में आए तो सब कुछ उनके लिए नया था, लेकिन उनमें सीखने की ललक हमेशा बनी रहती थी। चाहे कोई म्यूजिक डायरेक्टर हो या फिर चाय-पानी पिलाने वाला कर्मचारी, यदि किसी ने उन्हें उनकी लाइनों के बारे में बोल दिया तो वह उसे बड़े आराम से बैैठाकर पूछते थे और उसे सुधारने की दिशा में काम करने का प्रयास करते थे। अतुल ने बताया कि ममेकरी से शुरूआत करने के बाद जब लाखों लोगों के दिलों की धड़कन भी बन गए तो भी उनकी नम्रता कभी कम नहीं हुई। सीखने के लिए हमेशा तैयार रहते थे।
यह भी पढ़ें: प्रख्यात पंजाबी गायक सरदूल सिकंदर का निधन, किडनी ट्रांसप्लांट के बाद हो गया था कोरोना संक्रमण
घर की आवभगत भी बेहतरीन
अतुल शर्मा ने बताया कि सरदूल सिकंदर जब किसी के घर जाते थे तो वहां ऐसे रहते थे वह घर उनका अपना ही हो। उन्हें हर व्यक्ति से अपनत्व था। जब कोई उनके घर जाता था तो सबसे पहले पानी और लस्सी के लिए पूछते थे। जब तक उनके घर पहुंचने वाले ने पानी, लस्सी या चाय नहीं पी वह कभी भी उनसे काम की बात नहीं करते थे। हमेशा कहते थे मेरा मेहमान मेरा खुदा है। खुदा को खुश कर लिया तो मैंने जन्नत इसी दुनिया में पा ली।
यह भी पढ़ें: Covid New Guideline: पंजाब में 1 मार्च से फिर लगेंगी पाबंदियां, नाइट कर्फ्यू का अधिकार डीसी को
स्टेज पर पहुंचने के बाद भूल जाते थे समय
सरदूल सिंकदर संगीत के प्रति इतने वफादार थे कि जब भी मंच पर गए तो उस समय तक नीचे नहीं उतरते थे जब तक खुद की या फिर दर्शकों की तसल्ली न हो जाए। स्टेज प्रोग्राम खत्म करते हुए यदि वह नीचे उतर रहे होते थे तो इसी दौरान कोई फरमाइश कर लेता था तो वह फिर से स्टेज पर चढ़ जाते थे। यही कारण था कि वह आयोजकों की हमेशा पहली पसंद बनेे रहे।
यह भी पढ़ें: महंगे डीजल से 20 फीसद तक बढ़ी ट्रांसपोर्टरों की लागत, माल भाड़े में 12 से 15 फीसद तक का इजाफा
यह भी पढ़ें: हरियाणा बजट सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी कांग्रेस, हुड्डा बोले- MSP की गारंटी का प्राइवेट मेंबर बिल भी आएगा