साइकिलिंग का महत्व बताने को तीन हजार किमी के सफर पर निकले संजय

युवाओं में साइकिलिग के महत्व को बताने के मकसद से 23 वर्षीय संजय श्रीकुमार केरल से लेह के लिए रवाना हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 02:56 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 02:56 AM (IST)
साइकिलिंग का महत्व बताने को तीन हजार किमी के सफर पर निकले संजय
साइकिलिंग का महत्व बताने को तीन हजार किमी के सफर पर निकले संजय

जासं, चंडीगढ़ : युवाओं में साइकिलिग के महत्व को बताने के मकसद से 23 वर्षीय संजय श्रीकुमार केरल से लेह के लिए रवाना हुआ। इस युवा ने दूसरे युवाओं को भी साइकिलिग के महत्व के प्रति जागरूक करने का मन बनाया है। अपने घर से साइकिलिग फॉर फ्यूचर जेनरेशन के अभियान को मजबूती देते हुए कन्याकुमारी से लगभग 95 दिनों की साइकिल यात्रा के बाद संजय वीरवार को चंडीगढ़ पहुंचे।

यहां सेक्टर-7 स्थित साइकिल बॉक्स साइक्लिस्ट कैफे में उनका स्वागत किया गया। बीबीए की पढ़ाई कर रहे संजय ने बताया कि अपने लगभग तीन हजार किलोमीटर के सफर पर लोगों को साइकिलिग के महत्व का संदेश देते आ रहे हैं, जो कि अब लेह में जाकर समाप्त होगा। संजय ने बताया कि वह मई के अंत तक अपनी यह यात्रा लेह में सम्पन्न कर लोगों को साइकिलिग के लिए प्रेरित कर चुके होंगे।

साइकिलिग के लिए जुनून रखने वाले संजय ने बताया कि गत वर्ष लॉकडाउन के चलते उनका कॉलेज बंद हो गया। वे अपनी पढ़ाई के साथ अपनी साइकिलिग पैशन से कुछ अमिट छाप छोड़ना चाहते है। एक ऐसी छाप जिससे की लोग उनके साहसिक अभियान को याद रखें। उन्होंने साइकिलिग के माध्यम से देश घूमने का मन बनाया और साथ ही आने वाली पीढ़ी को साइकिलिग के महत्व के साथ साथ ईको फ्रैंडली कम्युटिग का संदेश देने की ठानी। इसी कड़ी में वे अपने घर केरल की राजधानी तिरुवंतपुरम से निकले और चंडीगढ़ तक लगभग अपनी 85 फीसद यात्रा पूरी कर चुके हैं।

इस अवसर पर संजय के होस्ट विक्रांत शर्मा ने बताया कि उनके जैसे युवा इस युग में परिवर्तन की अलख जगाने में अपने प्रयासों में जरूर कामयाब होंगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि एक साइक्लिस्ट इतनी दूरी का सफर कर सकता है तो आज की पीढ़ी स्वस्थ के लिए अपनी दिनचर्या में साइकिल को हिस्सा क्यों नहीं बना सकते। संजय शुक्रवार को यात्रा के तहत शिमला के लिए निकलेंगे। इसके बाद वह मनाली होते हुए लेह की ओर प्रस्थान करेंगे।

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