पुलिस वेतन घोटाला : 210 जवानों के मिले सैलरी अकाउंट, 72 संदिग्ध, गिरफ्तारी की लटकी तलवार
यूटी पुलिस विभाग में करोड़ों रुपये के वेतन घोटाले की तलवार अब 210 जवानों तक लटक गई हैं। इसमें उन हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल के नाम शामिल हैं जिनके सैलरी अकाउंट में निर्धारित से अधिक वेतन ट्रांसफर हुआ है।
कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़।
यूटी पुलिस विभाग में करोड़ों रुपये के वेतन घोटाले की तलवार अब 210 जवानों तक लटक गई हैं। इसमें उन हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल के नाम शामिल हैं, जिनके सैलरी अकाउंट में निर्धारित से अधिक वेतन ट्रांसफर हुआ है। वहीं, ऑडिट विभाग की जांच रिपोर्ट के आधार पर करीब 72 जवानों के अकाउंट ऐसे भी मिले जिसमें एक से अधिक बार वेतन ज्यादा आया हैं। 210 अकाउंट की जांच करने के साथ क्राइम ब्रांच की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम 72 संदिग्ध के नाम पर गहनता से जांच में लगी है। जल्द ही मामले में कई जवानों की गिरफ्तारी भी होगी। वहीं, एक करोड़ 10 लाख के ठगी के आरोप में गिरफ्तार सैलरी बनाने वाली ए4 ब्रांच के इंचार्ज जूनियर असिस्टेंट बलविदर सिंह और होमगार्ड जवान सुरजीत सिंह से रिमांड में पूछताछ जारी है। दोनों को मंगलवार जिला अदालत में पेश किया जाएगा।
2015 से चल रही धांधली, ई-सेवार्थ एप बना माध्यम
वर्ष 2015 से सैलरी ब्रांच की तरफ से धांधली चल रही है। अभी तक एक करोड़ 10 लाख की धांधली वर्ष 2017 से 2019 के जांच में सामने आई है। वहीं, यूटी प्रशासन के फाइनेंस डिपार्टमेंट के अंतर्गत काम करने वाली इ-सेवार्थ पोर्टल के माध्यम से गड़बड़ी की गई है। इस एप में टेक्निकल खामी पैदा कर चोरी करने वाले अधिकारी और कर्मचारी मनमानी एंट्री भर देते थे। जानकारी मिलने पर प्रशासन ने कुछ महीने पहले ही खामी को ठीक करवाया था।
ऐसे चलता गोरखधंधा, बड़े नाम पर चुप्पी!
कांस्टेबल-हेडकांस्टेबल की सैलरी का ब्यौरा बनाने और खाका तैयार रखने वाले जूनियर असिस्टेंट इंचार्ज बलविदर सिंह का होमगार्ड जवान सुरजीत सहयोगी था। आरोपित मुलाजिमों के अकाउंट में निर्धारित सैलरी से ज्यादा पैसे हर महीने ट्रांसफर कर देते थे। उन जवानों के आकर बताने पर सैलटमेंट करने का हवाला देकर ज्यादा आने वाले पैसे वापस ले लेते थे। उन पैसे को दोबारा ब्रांच अकाउंट में जमा करने की जगह आरोपित उन्हें गबन कर लेते थे। वहीं, सरकारी विभाग में इतने बड़े घोटाले के बीच बड़े संदिग्ध नामों पर सिर्फ जांच का आश्वासन आ रहा है।
ये है इ-सेवार्थ पोर्टल
इस पोर्टल में इंटररेटिव फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से डाटा एक्सचेंज होता है। इसमें पुलिस विभाग में तैनात एडमिस्ट्रिटेटिव अधिकारी सैलरी पेमेंट बनाने, उनके अकाउंट में ट्रांसफर सहित सभी तरह का खाका अपडेट रखते है। एप में हर पुलिसकर्मियों का निजी खाका, पे-रोल सहित दूसरी जानकारी होगी है। इसे नेशनल इंफोमेटिक्सि सेंट्रल (एनआइसी) ऑपरेट करता है।
कोट्स..
अब तक की जांच में 210 जवानों के अकाउंट में ज्यादा पैसे ट्रांसफर सामने आया है। अब जांच में जानबूझकर गड़बड़ी में शामिल मिलने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा। इनकी संख्या 100 से नीचे हैं। मामले में जल्द ही कुछ गिरफ्तारियां होंगी।
मनोज कुमार मीणा, एसपी क्राइम ब्रांच।