शिअद का सिद्धू पर पलटवार, कहा- एपीएमसी अधिनियम को रदद करने का साहस दिखाएं पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के हमले के बाद शिरोमणि अकाली दल ने उन पर पलटवार किया है। शिअद ने कहा कि सिद्धू पुराने मुद्दों को उठाकर लोगों को मूर्ख बनाने की कोशिश न करें और एएमपीसी एक्ट को रद कराने का साहस दिखाएं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के हमले के बाद शिरोमणि अकाली दल ने उनके आरोपों पर पलटवार किया है। शिअद ने कहा कि सिद्धू पुराने मुददों को उठाकर लोगों को मूर्ख बनाने के बजाय, 2017 में उनकी सरकार द्वारा एपीएमसी अधिनियम में किए गए संशोधनों को रदद करने का साहस जुटाएं।
शिअद के प्रवक्ता डा. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि सिद्धू के कथनों से संकेत मिलता है कि उनका कृषि अधिनियमों को रदद करवाने की कोई मंशा नही है, वह सिर्फ मुख्यमंत्री पर हावी होने की तिकड़मबाजी लड़ा रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह अब जाग गए हैं। उन्हें दो दिन पहले एहसास हुआ है कि तीनों काले कानून पंजाब का नुकसान कर रहे हैं। सिद्धू भी नींद से जाग गए हैं तथा खुद को किसानों का हमदर्द के रूप में दिखाने का प्रयास कर रहे हैं, उन्होंने पिछले एक साल से किसानों के मुददे का समर्थन करने के लिए कुछ भी नही किया है।
डा. चीमा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू को सलाह दी कि वह परिपक्वता से काम करें तथा विचित्र दावे करके पंजाबियों की बुद्धिमता का अपमान न करें। शिरोमणी-भाजपा कार्यकाल के दौरान पारित 2013 अधिनियमों के बारे में अकाली नेता ने कहा कि सिद्धू भूल गए हैं कि उनकी पत्नी तत्कालीन सरकार में मुख्य संसदीय सचिव थीं’। उन्होंने सिद्धू से यह भी बताने को कहा कि क्या 2013 के एक्ट पर 2017 में कांग्रेस सरकार में मंत्री के तौर पर और बाद में आपत्ति जताई थी? वह अब केवल चुनावों को देखते हुए अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए इस मुददे को उठा रहे हैं।
डा. चीमा ने कहा कि नवजोत सिद्धू बस गांधी परिवार के साथ मिलीभगत कर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। उन्होंने ने कहा कि सिद्धू पंजाबियों को बताएं कि वह एपीएमसी मंडियों को खत्म करने के साथ साथ जरूरी कमोडिटीज एक्ट को भी खत्म करने के लिए कांग्रेस के रूख पर चुप क्यों हैं। 2019 में कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में यह बात निहित थी हालांकि सिद्धू ने इस किसान विरोधी रूख के खिलाफ कभी बात नहीं की।