किसान आंदोलन को लेकर शिअद व संयुक्त मोर्चा आमने-सामने, राजेवाल का अकालियों पर गंभीर आरोप, जानें पूरा मामला
SAD Vs Kisan Morcha किसान आंदोलन को लेकर शिरोमणि अकाली दल और संयुक्त किेसान मोर्चा में ठन गई है। शिअद के आरोपों पर किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को अकाली बदनाम कर रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। SAD Vs Kisan Morcha: किसान आंदोलन को लेकर शिरोमणि अकाली दल और संयुक्त किसान मोर्चा में ठन गई है। शिअद द्वारा किसान संगठनों पर आरोप लगाए जाने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने पलटवार किया है। मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए अकाली इस तरह के आरोप लगा रहे हैं।
बता दें कि कल शाम शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ने एक प्रेस कान्फ्रेंस करके आरोप लगाया था कि आंदोलन को एक साल पूरा होने के उपलब्ध में जब काला दिवस मनाने के लिए अकाली दल के कार्यकर्ता दिल्ली जा रहे थे तो वहां रास्ते में किसान आंदोलन में शामिल लोगों ने उनके साथ बदसलूकी की। महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार भी किया और उनके कपड़ों पर अपशब्द भी लिखे। इन आरोपों का जवाब देने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने आज यहां मीडिया कर्मियों से बात की। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल पर निशाना साधा और कहा कि आंदोलन को बदनाम करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
राजेवाल ने हालांकि माना कि कुछ शरारती लोगों ने अकाली दल के लाेगों के साथ बुरा बर्ताव करने की कोशिश की थी लेकिन वह ऐसा नहीं था जैसा कि बताया जा रहा है । उन्होंने कहा शिअद नेताओं को प्रेस कान्फ्रेंस करने से पहले संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं से बात करनी चाहिए थी। अगर हम उन्हें संतुष्ट न कर पाते तो वे अपनी बात कहीं भी रख लेते।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह एक सियासी साजिश है। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा मोर्चा है वहां एजेंसियां कुछ न कुछ करवाती रहती हैं। हमारी नजर में जो आता है हम उन्हें मोर्चे से बाहर निकाल देते हैं लेकिन अकाली दल ने जिस तरह से आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की है वह सही नहीं है। महिलाओं से अभद्र व्यवहार के आरोप को उन्होंने सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि पंजाबियों को बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने कहा हमारे पास एक भी शिकायत नहीं आई है।
शिरोमणि अकाली दल के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ बड़ी रैली करने पर सवाल उठाते हुए राजेवाल ने कहा कि पिछले एक साल से पुलिस ने दिल्ली की सीमाओं पर पक्के नाके लगाए हुए हैं । हमें तो वहां जाने नहीं दिया जाता। इन लोगों को कैसे जाने दिया। क्या यह सरकार के साथ मिलीभगत से हुआ है। उन्होंने कहा हमने राजनीतिक पार्टियों से कहा था कि वे अपने विधायकों, सांसदों के साथ संसद भवन के सामने धरना दें लेकिन ये लोगों को ले गए।
चन्नी मोर्चे में आएं हमें कोई ऐतराज नहीं, स्टेज पर आने की इजाजत नहीं
पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी के संयुक्त किसान मोर्चा के आंदोलन स्थल पर आने के सवाल पर बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि उनका स्वागत है। वह पंडाल में बैठें और नेताओं को सुनें। स्टेज पर हम किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को आने नहीं देंगे।
कमेटी के सामने नहीं जाएंगे
सुप्रीम कोर्ट की ओर से रास्ते खुलवाने के मामले में बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने रास्ता खुलवाने के निर्देश हरियाणा और राजस्थान सरकार को दिए हैं। हमें कोई नोटिस नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि हमने रास्ता रोका भी नहीं हुआ है बल्कि पुलिस ने ही नाके लगाए हुए हैं। हरियाणा सरकार ने सड़कों पर जो गड्ढे खोदे थे वे भरे नहीं गए हैं। उन्होंने कहा चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने हमें नोटिस नहीं भेजा इसलिए हम सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी के सामने पेश नहीं हुए। केंद्र सरकार की ओर से बातचीत के न्यौते पर राजेवाल ने कहा कि अभी तक हमें काेई न्यौता नहीं मिला है।