बेरोजगार पीटीआइ अध्यापकों को लेकर गरमाई राजनीति, शिअद और आप नेता शिक्षकों से मिलने मोहाली पहुंचे
पानी की टंकी पर चढ़े चार शिक्षकों को मानने के लिए प्रशासन के अधिकारियों की ओर से काफी प्रयास किया गया लेकिन अध्यापक मांगे पूरी करवाने के लिए अड़े रहे। इस दौरान अध्यापकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
जागरण संवाददाता, मोहाली। पंजाब के शिक्षा मंत्री प्रगट सिंह द्वारा वायदे से मुकरने से गुसाए बेरोजगार पीटीआइ 646 अध्यापकों को लेकर राजनीति शुरू हो गई। शनिवार को मोहाली में धरना दे रहे शिक्षकों से मिलने शिरोमणि अकाली और आम आदमी पार्टी नेता पहुंचे। डेराबस्सी से विधायक एनके शर्मा ने प्रदर्शनकारी शिक्षकों से मिले। श्री आनंदपुर साहिब से पूर्व सांसद सदस्य प्रेम सिंह चंदूमाजरा के बेटे सिमरनजीत चंदूमाजरा, यूथ अकाली दल के प्रधान हरमनप्रीत सिंह प्रिंस, अकाली दल के शहरी कमलप्रीत सिंह रूबी व अन्य नेता भी शिक्षकों से मिलने पहुंचे। उधर, आम आदमी पार्टी के यूथ प्रधान गुरतेज पन्नू, आप नेत्री अनमोल गगन मान भी शिक्षकों के धरने पर पहुंची। विपक्ष ने कांग्रेस सरकार के साथ साथ पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर जुबानी हमला बोला।
शिअद नेताओं ने कहा कि गुटका साहिब की कमस खाकर कैप्टन ने पंजाबियों से झूठ बोला एक भी वादा पूरा नहीं किया। आम आदमी पार्टी ने भी सरकार पर हमला बोला। शिक्षक अपनी मांगों को लेकर बीते वीरवार से मोहाली के सोहाना में पानी की टंकी पर चढ़ गए थे। हालांकि कुछ शिक्षक अभी भी टंकी के ऊपर धरने पर बैठे हुए हैं। शनिवार को एक शिक्षक की तबीयत भी बिगड़ गई थी, जिसे अस्पताल पहुंचाया गया। शिक्षकों ने सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक मेरिट लिस्ट जारी नहीं की जाती, वह पानी की टंकी से नीचे नहीं आएंगे। अपनी मांगों को लेकर बेरोजगार पीटीआइ 646 अध्यापक यूनियन की अगुआई में चार अध्यापक पानी टंकी पर चढ़े हैं।
पानी की टंकी पर चढ़े चार शिक्षकों को मानने के लिए प्रशासन के अधिकारियों की ओर से काफी प्रयास किया गया, लेकिन अध्यापक मांगे पूरी करवाने के लिए अड़े रहे। इस दौरान अध्यापकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बता दें की जिस टंकी पर शिक्षक चढ़े हुए हैं उसे प्रशासन पहले ही अनसेफ घोषित कर चुका है। टंकी के गिरने के डर से किसी भी यहां प्रर्दशन करने पर पाबंदी है। कोई प्रदर्शनकारी टंकी पर न चढ़े इसलिए प्रसाशन ने बकायदा टंकी की 30 फीट तक सीढिय़ा तक गिरा दी हैं। बावजूद बेरोजगार अध्यापक लक्क्ड़ की सीढिय़ा लगाकर टंकी पर चढ़ गए। बेरोजग़ार अध्यापकों ने कहा कि पिछले 11 वर्षों से नौकरी के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन हर बार झूठे आश्वासन ही मिले हैं। इस दौरान आठ शिक्षा मंत्री बदल चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई, अब जब नए बने शिक्षा मंत्री प्रगट सिंह से मीटिंग हुई, तो शिक्षा मंत्री ने भर्ती मेरिट के अनुसार लिस्ट जारी करके जल्द पूरी करके मुख्यमंत्री को सिफारिश की थी। लेकिन अब शिक्षा मंत्री अपने किए वायदे से मुकर गया। इसलिए मजबूरन उन्हें पानी की टंकी का सहारा लेना पड़ा है।