रोटरी चंडीगढ़ शिवालिक ने की पानी को बचाने की खास पहल, गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब में इंस्टाल किया रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

शहर में पानी को बचाने के लिए रोटरी चंडीगढ़ शिवालिक ने एक खास पहल की है। सेक्टर-34 के गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम इंस्टॉल किया है। इससे बरसात के बेशकीमती पानी को बहने से रोक कर इसे सहेजा जाएगा।

By Ankesh KumarEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 11:46 AM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 11:46 AM (IST)
रोटरी चंडीगढ़ शिवालिक ने की पानी को बचाने की खास पहल, गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब में इंस्टाल किया रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
सेक्टर-34 स्थित गुरुद्वारा में इंस्टाल किए गए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के दौरान मौजूद मेयर रविकांत शर्मा व अन्य।

चंडीगढ़ [बलवान करिवाल]। चंडीगढ़ का भूजल स्तर तेजी से नीचे गिर रहा है। धरती की कोख से हर मिनट लाखों लीटर पानी निकाला जा रहा है, लेकिन यह वापस रिचार्ज नहीं हो रहा। जिससे धरती के नीचे बने जल के भंडार खाली हो रहे हैं। चंडीगढ़ का हाल भी राजस्थान के मरुस्थल जैसा न हो जहां बूंद बूंद के लिए तरसना पड़ता है। इसके लिए रोटरी चंडीगढ़ शिवालिक ने अनूठी मिसाल पेश करते हुए सेक्टर-34 के गुरुद्वारा श्री गुरु तेग बहादुर साहिब में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम इंस्टॉल किया है।

चंडीगढ़ में यह गुरुद्वारा पहला ऐसा धार्मिक स्थल बन गया है जो बरसात के बेशकीमती पानी को बहने से रोक कर इसे सहेजेगा। गुरुद्वारा साहिब में जितने पानी का सालभर में इस्तेमाल होता है उससे ज्याद बरसात का पानी वापस जमीन में डाला जाएगा। मेयर रविकांत शर्मा ने मुख्यातिथि के तौर पर पहुंचकर रविवार को इसका उद्घाटन किया। मेयर शर्मा ने कहा कि वह पॉलिसी बनवाएंगे कि यह सिस्टम हर बिल्डिंग पर सोलर प्रोजेक्ट की तरह इंस्टॉल हो।

छत का पानी पाइप लाइन से जोड़ा

रोटरी चंडीगढ़ शिवालिक के प्रेसिडेंट अनीश भनोट ने बताया कि यह पूरा प्रोजेक्ट क्लब मेंबर्स के सहयोग और गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की गर्मजोशी से संपन्न हुआ है। इस प्रोजेक्ट के लिए खर्च महज 15 मिनट में एक मैसेज से जुट गया। प्रोजेक्ट पर दो लाख रुपये का खर्च आया। जो मामूली हैं लेकिन इसके फायदे करोड़ों के होंगे। गुरुद्वारा साहिब में सभी भवनों की छत से गिरने वाली बरसाती पानी को पाइप लाइन के जरिये उस प्वाइंट तक पहुंचाया गया, जहां इसे 150 फीट गहरे बोर के जरिये जमीन में भेजा जाएगा। अब जब भी बरसात होगी छत से बूंद बूंद जमीन में वापस लौटेगी। साइंटिस्ट संजय पांडेय ने इस प्रोजेक्ट को इंस्टाल करने में तकनीकी सहायता की।

कोठी में एक लाख इस बहुमूल्य कार्य के लिए रखें

चंडीगढ़ में वैसे तो 500 वर्ग गज या इससे अधिक एरिया के मकान या बिल्डिंग के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य है। बिल्डिंग बायलॉज के तहत यह जरूरी है। बावजूद इसके बहुत कम मकानों में यह सिस्टम इंस्टाल किया जा रहा है। कहीं हो रहा है तो नाम के लिए बाद में इसकी साफ सफाई का ध्यान नहीं रखा जाता। अनीश भनोट ने बताया कि एक कनाल की कोठी पर दो करोड़ से अधिक राशि खर्च कर दी जाती है। इसमें एक लाख और जोड़ लें तो घर में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग भी लग जाए। महज इतने खर्च में यह सिस्टम लग जाएगा। आने वाली पीढ़ियों के लिए यह कदम उठाना चाहिए।

रेन वाटर हार्वेस्टिंग के लिए दैनिक जागरण करेगा जागरूक

प्रकृति हमें कितना कुछ देती है इसे वापस देना सभी की जिम्मेदारी है। दैनिक जागरण सात सरोकार के जरिये अपनी इस जिम्मेदारी को निभाता रहा है। अब दैनिक जागरण रोटरी चंडीगढ़ शिवालिक के साथ मिलकर रेन वाटर हार्वेस्टिंग के प्रति जागरूक करने का अभियान शुरू कर रहा है। जिसमें तकनीकी पहलुओं से जुड़ी हर जानकारी आप तक पहुंचाने के साथ प्रशासनिक स्तर पर आ रही अड़चनों को भी दूर कराने में आपके साथ खड़ा होगा। आप भी बनिए धरती को वापस देने के इस अभियान का हिस्सा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा कीजिए नई पहल। अगर आप इस सिस्टम से जुड़ी कोई भी निशुल्क जानकारी चाहते हैं तो 9815047017 या 8591886804 पर संपर्क कर सकते हैं।

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