मेक इन इंडिया मुहिम के तहत बनाया रोबोट ईको, हंसाने के साथ-साथ करेगा लोगों की मदद

चाइनीज सामान के बहिष्कार के बाद देश में मेक इन इंडिया मुहिम ने जोर पकड़ा है। एक वर्ष में देश में कई तकनीक सामने आई है। ऐसे ही स्वदेशी तकनीक से तैयार हुआ है रोबोट ईको। इस रोबोट ईको को महिला सशक्तीकरण के रूप में महिला का रूप दिया है।

By Edited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 06:54 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 09:54 AM (IST)
मेक इन इंडिया मुहिम के तहत बनाया रोबोट ईको, हंसाने के साथ-साथ करेगा लोगों की मदद
चाइनीज सामान के बहिष्कार के बाद देश में मेक इन इंडिया मुहिम ने जोर पकड़ा है।

चंडीगढ़, वैभव शर्मा। चाइनीज सामान के बहिष्कार के बाद देश में मेक इन इंडिया मुहिम ने जोर पकड़ा है। पिछले एक वर्ष में देश में कई नई-नई तकनीक सामने आई है। ऐसे ही स्वदेशी तकनीक से तैयार हुआ है रोबोट ईको। इस रोबोट ईको को महिला सशक्तीकरण के रूप में महिला का रूप दिया गया है। यह रोबोट न केवल लोगों की मदद करेगा बल्कि उन्हें हंसाने से लेकर गाना आदि सभी काम करेगा। रोबोट को बनाने के लिए पूरी तरह से स्वदेशी पा‌र्ट्स का इस्तेमाल किया गया है। सिटी बेस्ड डा. रोहित शेखर शर्मा ने लगभग ढाई वर्ष की मेहनत के बाद ईको रोबोट को बनाया है। इसे बनाने में इंजीनियरों की बड़ी टीम लगी थी। रोबोट के हर पार्ट पर अलग-अलग टीम ने काम किया।

तकनीक के इस युग में यह रोबोट बहुत फायदेमंद साबित होगा। वीरवार को सेक्टर-27 स्थित प्रेस क्लब में सुपर रोबोज के फाउंडर डा. रोहित शेखर शर्मा ने इस रोबोट को लांच किया। डा. रोहित ने रोबोट ईको के निर्माण का कारण और इसकी खूबियों के बारे में बताया। उनके अनुसार आधा घंटा चार्ज करने पर रोबोट की बैटरी नौ घंटे तक लगातार काम करेगी। इसे बनाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निग, इंटरनेट ऑफ ¨थग्स, रोबोटिक्स एंड एलेक्ट्रोमैकेनिक्स जैसी तकनीक का प्रयोग किया गया है। कोविड वार्ड में कोरोना इंफेक्शन से बचाएगा रोहित ने बताया कि रॉबर्ट ईको की बॉडी को बनाने में फाइबर सेल का प्रयोग किया गया है। इसे इस तरह से डिजाइन किया है कि ये आसानी से ऑपरेट हो जाए। कोई भी व्यक्ति इसे कमांड दे सकता है। यह रोबोट अस्पतालों में काफी कारगार साबित होगा। कोरोना संक्रमण की स्थिति में जहां हमारे फ्रंटलाइन वारियर्स कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रहे हैं, तो उनके संक्रमित होने का खतरा बना रहता है। ऐसे में यह रोबोट कोविड वार्ड में मरीजों को दवाइयों के अलावा खाना पहुंचाने के भी काम आएगा। चेहरे की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर से हो सकेगी अपराधियों की पहचान रोबोट ईको को तैयार करने में एक और खास बात का ध्यान रखा गया है कि अगर यह पुलिस के पास रहता है तो चेहरे की पहचान करनेवाले सॉफ्टवेयर की मदद से अपराधियों की पहचान हो सकती है। डा. रोहित ने बताया कि इसमें चेहरे की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर से हम अपराधियों का पूरा डाटा अपलोड कर सकते हैं। इसकी मदद से रोबोट को जहां भी तैनात किया गया हो अगर वहां कोई भी अपराधी घूम रहा है तो रोबोट तुरंत पुलिस को इस बारे में सूचना दे देगी। इमरजेंसी अलार्म सिस्टम से मिलेगी मदद रोहित ने बताया कि रोबोट में अगर इमरजेंसी अलार्म सिस्टम इंस्टॉल कर दिया जाता है तो फिर यह आग जैसी घटना के बारे में सभी को सूचित करेगी। इसमें वॉयस सॉफ्टवेयर को इंस्टाल किया गया है जिससे यह आग लगने पर सभी को बोल कर सूचित कर देगी। रोबोट का नहीं हो सकता दुरुपयोग डा. रोहित ने बताया कि एक बार में अगर 10 लोग रोबोट को कमांड देते हैं तो अगली कमांड पर काम करने के लिए पहली वाली कमांड को रद करना पड़ेगा। इसके अलावा इसका कोई दुरुपयोग न हो इसके लिए भी खास सुविधा दी गई है। अगर किसी को भी रोबोट में कोई सॉफ्टवेयर इंस्टाल करना है तो वह खुद डा. रोहित करेंगे। इन जगहों पर हो सकता है प्रयोग रॉबर्ट का प्रयोग होटल, बार, क्लब, फूड कोर्ट, रेस्टोरेंट, टूरिस्ट प्लेस पर गाइड के रूप में, स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी, वृद्धाश्रम में बुजुर्गो की देखभाल, अस्पताल और क्नीलिक, एयरलाइंस में क्रू मेंबर्स, सिक्योरिटी, घर, बैंक, ऑफिस, जैसी जगहों पर इसका प्रयोग हो सकता है।

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