पंजाब में BJP-SAD गठबंधन में दरार बढ़ी, शिअद ने कहा- कृषि विधेयकों के खिलाफ सभी दल साथ आएं
पंजाब में कृषि विधेयकों पर शिअद-भाजपा की दरार गहरा गई है। शिअद ने कृषि विधेयकों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शिअद ने कहा है कि इन विधेयकों के खिलाफ सभी दल एक मंच पर आएं।
चंडीगढ़, जेएनएन। कृषि विधेयकों को लेकर तीन दशकों से चले आ रहे शिरोमणि अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी गठजोड़ की दरारें गहरी होने लगी हैैं। भाजपा कृषि विधेयकों के फायदे बताने के लिए गांवों में किसानों तक पहुंच करने की तैयारी को अंतिम रूप दे चुकी है। दूसरी ओर, शिरोमणि अकाली दल ने ऐलान कर दिया है कि वह कृषि विधेयकों को लेकर चुप नहीं बैठेगा और योजना बनाकर विधेयकों का विरोध करेगा। शिअद ने कृषि विधेयकों के खिलाफ दूसरे दलों व किसान संगठनों से एक मंच पर आने की अपील की है।
चंदूमाजरा ने कहा, अकाली दल चुप नहीं बैठेगा, योजना के साथ किया जाएगा विरोध
शिअद - भाजपा में इस मुद्दे को लेकर लगातार बढ़ रही तकरार को लेकर कहा जा रहा है कि गठबंधन के टूटने के कगार पर आ गया है। हालांकि गठबंधन में बने रहने या इसे तोडऩे के बारे में कोई भी फैसला शिराेमणि अकाली दल की कोर कमेटी ही करेगी, जिसकी अगली बैठक की तारीख अभी तय नहीं हुई है। अकाली दल ने कहा है कि अभी वह राष्ट्रीय जनतांंत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा बना रहेगा। परंतु कृषि विधेयकों को लेकर जिस तरह दोनों पार्टियों ने अलग - अलग राह पकड़ ली है, उससे पार्टी नेताओं को लग रहा है कि अब एक साथ नहीं चला जा सकता।
कहा, किसान संगठन भी दें शिरोमणि अकाली दल के संघर्ष में साथ
शनिवार को ताजा घटनाक्रम में शिरोमणि अकाली दल ने सभी राजनीतिक दलों व किसान संगठनों को कृषि विधेयकों के खिलाफ अकाली दल के 'संघर्ष' में एक मंच पर शामिल होने की अपील कर दी। पूर्व सांसद प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि सभी राजनीतिक पार्टियों को 'एक सोच एक मंच' बनाना चाहिए। पंजाब इस मुददे पर किसी भी तरह का विभाजन बर्दाश्त नहीं कर सकता। किसानों को न्याय मिले, इसके लिए अकाली दल 'साझा मंच' तैयार करने के लिए तैयार है।
मैदान में उतरने के लिए भाजपा तैयार : शर्मा
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महासचिव सुभाष शर्मा ने कहा कि यह पार्टी नेता उन क्षेत्रों में जाएंगे जहां पहले कभी नहीं गए। यह काम आसान नहीं होगा, परंतु हमने पार्टी के किसान मोर्चे के नेताओं की ड्यूटी किसानों से संवाद करने के लिए लगा दी है। भाजपा ने विधेयकों का पंजाबी में अनुवाद करवा लिया है।
गैर लोकतांत्रिक तरीका ठीक नहीं : डॉ. चीमा
शिरोमणि अकाली दल के उप प्रधान डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि गैर लोकतांत्रिक तरीका अपनाना ठीक नहीं है। केंद्र सरकार किसी को भी सुनने को तैयार नहीं है और न ही विधेयकों में कोई बदलाव करने को तैयार है। कहा जा रहा है कि यह विधेयक किसानों के फायदे के लिए हैं लेकिन किसान ही सबसे ज्यादा नाराज हैं। किसानों को सुनकर उनके संदेह दूर करने की जरूरत थी लेकिन सरकार ऐसा करने को तैयार नहीं है।
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