आठ साल से एक ही मुद्दे पर लड़े जा रहे डीबीए चुनाव

वैभव शर्मा चंडीगढ़ चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन (डीबीए) के चुनाव को लेकर सरगर्मिया

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 06:15 AM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 06:15 AM (IST)
आठ साल से एक ही मुद्दे पर लड़े जा रहे डीबीए चुनाव
आठ साल से एक ही मुद्दे पर लड़े जा रहे डीबीए चुनाव

वैभव शर्मा, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन (डीबीए) के चुनाव को लेकर सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं। डीबीए चुनाव 17 दिसंबर को होंगे और उसी दिन चुनाव के नतीजों की घोषणा भी हो जाएगी। पिछले करीब आठ साल से जिला अदालत में कच्ची पार्किंग का मुद्दा इस बार भी छाया रहेगा। एडवोकेट्स का सबसे बड़ा मुद्दा कच्ची पार्किंग ही है। वहीं डीबीए चुनाव में इस बार प्रेसिडेंट पद के सभी प्रत्याशियों के चुनावी एजेंडे में युवा और नए एडवोकेट्स शामिल हैं, लेकिन हर एडवोकेट इस बार कच्ची पार्किंग के मुद्दे को ध्यान में रख कर वोट डालेगा। जिला अदालत में इस समय 25 फीसद से ज्यादा युवा एडवोकेट्स हैं और जो चुनाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं। यह रहेंगे एडवोकेट्स के मुद्दे नई मेंबरशिप की फीस में कटौती होनी चाहिए। इस समय फीस चार हजार रुपये है और जरूरी नहीं कि हर कोई इतनी राशि जमा करवा सके। लॉकडाउन से पहले मेंबरशिप फीस एक हजार रुपये थी। ज्यादा फीस होने के कारण कई एडवोकेट्स ऐसे हैं जिन्होंने डीबीए की सदस्यता नहीं ली।

- प्रिया सरीन, एडवोकेट बार एसोसिएशन के सदस्यों के लिए हाउसिग बोर्ड की स्कीम लांच होनी चाहिए। कच्ची पार्किंग की जगह मल्टी लेवल पार्किंग होनी चाहिए। यह मुद्दा हर चुनाव में उठाया जाता है, लेकिन इसे लेकर किसी भी नई कार्यकारिणी ने आज तक चंडीगढ़ प्रशासन से कोई ठोस बात नहीं की। वहीं तीसरा मुद्दा बार एसोसिएशन के सदस्यों के लिए वाई-फाई की सुविधा होनी चाहिए।

- अभिनय गोयल, एडवोकेट सुबह 11 बजे तक अगर कोई वकील आ जाए तो उसको कोर्ट में पक्की पार्किंग में जगह मिल जाती है, लेकिन उसके बाद कच्ची पार्किग में वाहन पार्क करना पड़ता है। इस समस्या का समाधान अभी तक नहीं हुआ है। इसके अलावा युवा एडवोकेट्स के लिए चैंबर्स की सुविधा भी होनी चाहिए।

- अभय जोशी, एडवोकेट डीबीए में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को शामिल करना चाहिए। इस समय डीबीए कार्यकारिणी में महिलाओं की भागीदारी कुछ भी नहीं है। ज्वाइंट सेक्रेटरी पद को महिला आरक्षित करने का फैसला ठीक है, लेकिन केवल संयुक्त सचिव का पद ही अकेले काम नहीं करता है। मेरी मांग है कि कम से कम 33 फीसद सीटें महिला उम्मीदवारों के लिए होनी चाहिए।

- मोनिका ठाकुर, एडवोकेट पार्किंग का मुद्दा काफी गंभीर है। मल्टीलेवल पार्किंग बनाने की बात कई साल पहले की गई थी। वकीलों के साथ ही क्लाइंट और यहां आने वाले लोगों को परेशानी होती है। दूसरा बार और बेंच के बीच में तालमेल बेहतर होना चाहिए। कोई एक दूसरे को कम या ज्यादा न समझे और मिल कर काम करे, एक दूसरे के साथ खड़े रहे।

- दीक्षित अरोड़ा, एडवोकेट

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