पंजाब में ग्रामीण इलाकों में कोविड नेगेटिव लोगों को ही एंट्री, CM ने की ठीकरी पहरे लगाने की अपील
पंजाब में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लोगों से एक बार फिर अपील की कि लोग अभी भी सतर्क हो जाएं। उन्होंने कहा कि अभी भी लोग टेस्ट कराने से पीछे हट रहे हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इंटरनेट मीडिया के जरिये एक बार फिर प्रदेश के लोगों से संवाद किया। पहले आशंका जताई जा रही थी कि सीएम प्रदेश में लॉकडाउन की घोषणा कर सकते हैं, लेकिन उन्होंने इसका जिक्र नहीं किया। उन्होंने लोगों से अपील की कि अभी भी सचेत हो जाओ। कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। अब गांवों में भी संक्रमण हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की पहली लहर में ग्रामीण क्षेत्र अछूते थे, लेकिन इस बार ग्रामीण क्षेत्र पर भी इसका असर दिख रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि गांवों में ऐसे लोगों की एंट्री पूरी तरह से बैन की जाए, जो कोरोना संक्रमित हैं। मुख्यमंत्री ने अगले दो महीनों में ग्रामीण क्षेत्रों में सख्त कदम उठाने का आह्वान किया। कहा कि अब ग्रामीण क्षेत्रों में मामलों में वृद्धि देखी जा रही है, इसलिए हमें बहुत सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंने ग्रामीणों से बाहरी लोगों को दूर रखने और केवल कोविड-मुक्त लोगों को प्रवेश करने की अनुमति देने के लिए ठीकरी पहरे लगाने को कहा। [Live] My address to the people of Punjab. https://t.co/YsgPJz2Ans" rel="nofollow
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपने आपको, अपने परिवार और पंजाब को बचाने के लिए अपने मोहल्लों और गांवों को बचाने का आह्वान किया। कहा कि समय पर अस्पतालों में जाने में देरी न करें। हमारे पास हर जगह डॉक्टरों की टीम है, अगर आप अस्वस्थ महसूस करते हैं तो उनसे संपर्क करें।
सीएम ने लोगों से अपील की कि कोरोना के किसी भी लक्षण की शुरुआती दौर में ही जांच करा दें। आपको कोरोना है या नहीं यह डॉक्टर ही तय करेंगे। उन्होंने कहा कि कई बार लोग अंतिम स्टेज यानी लेबल थ्री में डॉक्टर के पास पहुंच रहे हैं। ऐसे में मरीज को ट्रीट करना मुश्किलों भरा होता है।
बता दें, इससे पहले आशंका जताई जा रही थी कि सीएम आज लॉकडाउन लगा सकते हैं, पंजाब में पिछले 13 दिनों से रोजाना 8000 से ज्यादा केस आ रहे है। शुक्रवार सुबह ईद की मुबारकबाद देते समय भी मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस के बढ़ते केसों और बड़ी संख्या में हो रही मौतों पर चिंता जताई थी। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू कई बार मुख्यमंत्री से 10 दिनों का लॉकडाउन करने की मांग कर चुके है, लेकिन अर्थव्यवस्था और अफरा-तफरी न फैल जाए। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री ने अभी तक पूर्ण लॉकडाउन का फैसला नहीं लिया।
क्या थी मजबूरी
पूर्ण लॉकडाउन के पीछे पंजाब सरकार की कुछ मजबूरियां भी हैं। पंजाब में अप्रैल मध्य से कोरोना के केस बढ़ने शुरू हो गए थे, लेकिन यही वह समय था जब राज्य में गेहूं की कटाई जोरों पर थी। किसान तेजी से गेहूं लेकर मंडियों में आ रहे थे। ऐसे में अगर मुख्यमंत्री पूर्ण लाकडाउन का फैसला ले लेते तो गेहूं खरीद पर विपरीत असर पड़ता।
इसके कारण न सिर्फ किसानों को परेशानी होती, बल्कि कांग्रेस सरकार की भी परेशानी बढ़ जाती। इसीलिए सरकार कभी भी पूर्ण लाक डाउन करने का फैसला नहीं ले सकी। गेहूं खरीद का काम 13 अप्रैल को पूर्ण हो चुका है। माना जा रहा था कि गेहूं खरीद का काम बंद होेने के बाद ही मुख्यमंत्री कुछ कड़े कदम उठा सकते हैं, लेकिन 14 मई को ईद के कारण मुख्यमंत्री ने कोई कदम नहीं उठाया।
अभी क्या है स्थिति
अभी पंजाब में मिनी लॉकडाउन चल रहा था। इस सोमवार से शुक्रवार तक मिनी लॉकडाउन है। जबकि शनिवार और रविवार को पंजाब में पूर्ण लॉकडाउन है। वहीं, मिनी लॉकडाउन के दौरान शाम 6 बजे से सुबह 5 बजे तक रात का कर्फ्यू लग जाता है।
पूर्ण लॉकडाउन करना संभव नहीं
राज्य में पूर्ण लॉकडाउन करना संभव नहीं है। 23 मार्च 2020 को जब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जब कर्फ्यू लगाने की घोषणा की तो राज्य में अफरा-तफरी मच गई। बड़ी संख्या में श्रमिक वापस अपने घर को चल दिए। जिसकी वजह से इंडस्ट्रीयल पहिया थम गया। इंडस्ट्री के पहिये चलाने के लिए इंडस्ट्री की खासी मशक्कत करनी पड़ी थी।