मोहाली में पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के रिजनल सेंटर होगा बंद, स्टूडेंट्स को कहा, दूसरे कॉलेजों में लो एडमिशन

बीबीए के स्टूडेंट जसकरण सिंह भुल्लर ने बताया कि 90 से ज्यादा स्टूडेंट अलग अगल कोर्सों में यहां पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन अब सेंटर को बंद किया जा रहा है और स्टूडेंट्स को दूसरे कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए कहा जा रहा है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 02:49 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 02:49 PM (IST)
मोहाली में पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के रिजनल सेंटर होगा बंद, स्टूडेंट्स को कहा, दूसरे कॉलेजों में लो एडमिशन
मोहाली में रिजनल सेंटर बंद करने का विरोध करते स्टूडेंट्स।

रोहित कुमार, मोहाली। मोहाली के फेज-7 स्थित पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के रिजनल सेंटर बंद हो रहा है। लंबे समय से इसे बंद करने की तैयारी चल रही है। रिजनल सेंटर में बीसीए, बीबीए, एमबीए, एमसीए ड्यूल डिग्री के जो स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं उनको ऑप्शन दिया गया है कि फेज-6 के सरकारी कॉलेज, फेज-3ए स्थित खालसा कॉलेज या फिर पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला कैंपस में शिफ्ट हो जाएं। क्योंकि इस सेंटर में अब पढ़ाई नहीं होगी और इसे कुछ दिनों में बंद कर दिया जाएगा। लेकिन स्टूडेंट्स इसका विरोध कर रहे हैं।

रिजनट सेंटर को बंद करने का सबसे बड़ा कारण स्टाफ की कमी है। फैकल्टी न होने के कारण सेंटर में कक्षाएं नहीं लग रही हैं। स्टूडेंट्स कहा है कि पिछला डेढ़ साल कोविड में निकल गया और अब सेंटर बंद करने की तैयारी की जा रही है। पंजाब के अन्य कॉलेजों में भी फैकल्टी नहीं है। ऐसे में स्टूडेंट्स क्या करें।

बीबीए के स्टूडेंट जसकरण सिंह भुल्लर ने बताया कि 90 से ज्यादा स्टूडेंट अलग अगल कोर्सों में यहां पढ़ाई कर रहे हैं। रिजनल सेंटर में कुछ सोच समझ कर दाखिला लिया था, लेकिन अब स्टूडेट को कहा जा रहा है कि वित्तीय संकट है यूनिवर्सिटी स्टाफ नहीं भेज रही है और न ही नया स्टाफ भर्ती कर रही है। मिथेलश ने बताया कि पिछले दो माह से ये कहा जा रहा था कि फैकल्टी आ रही है। लेकिन अब सेंटर बंद करने की बात कहीं जा रही हैं। छात्रा 

स्टूडेंट्स ने पंजाब सरकार से मामले में दखल देने की मांग करते हुए कहा कि फैकल्टी मुहैया करवाई जाए नहीं तो संघर्ष के साथ कानूनी सहायत भी ली जाएगी। वहीं रिजनल सेंटर की एंसोसिए प्रोफेसर डा अंबिका भाटिया ने कहा कि वे इस मामले में कुछ नहीं कह सकती। ये फैसला यूनिवर्सिटी प्रबंधन का है। इस मामले में यूनिवर्सिटी प्रबंधन ही सफाई दे सकता है। सेंटर चलाने या न चलाने का निर्णय भी प्रबंधन का ही होगा।

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