जीएमसीएच में मेंटल पेशेंट के आत्महत्या करने के पूरे इंतजाम
सेक्टर- 32 स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के चौथी मंजिल पर स्थित साइकेट्रिक वार्ड में भर्ती मरीजों को सुसाइड करने के पूरे इंतजाम किए गए हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : सेक्टर- 32 स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के चौथी मंजिल पर स्थित साइकेट्रिक वार्ड में भर्ती मरीजों को सुसाइड करने के पूरे इंतजाम किए गए हैं। मानक की अनदेखी कर वार्ड में पंखे लगाए गए हैं। इतना ही नहीं वहां भर्ती मानसिक जिन रोगियों के शौचालय में शावर तक की व्यवस्था की गई है। उसी शावर की मदद से रविवार को वहां भर्ती एक महिला मरीज ने फंदा लगाकर जान दी थी। चौंकाने वाली बात यह है कि मानसिक रोगियों के वार्ड के लिए बनाए गए गाइडलाइन की अनदेखी कर खुलेआम मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। इतना ही नहीं इस संबंध में मानक का हवाला देने वाले कर्मचारियों की बात सुनने की बजाय उन्हें नोटिस और कार्रवाई का डर दिखाया जा रहा है। इतना ही नहीं जीएमसीएच के डायरेक्टर प्रिसिपल इस मामले पर कुछ भी कहने को तैयार नहीं। रात को चलती है मरीजों की मर्जी वार्ड की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। यहां रात को मरीजों की मर्जी चलती है। अटेंडेंट की ड्यूटी नहीं लगाई जाती। आधे से ज्यादा मरीजों के परिजन डॉक्टरों से अनुमति लेकर घर चले जाते हैं। स्थिति यह है कि मेन गेट पर महज एक सुरक्षा गार्ड वहां भर्ती 30 मानसिक रोगियों की रखवाली करता है। सूत्रों का कहना है कि ऐसे में आए दिन कोई न कोई मरीज उग्र होकर आपस में मारपीट करने लगते हैं। उस दौरान सभी कर्मचारी अपनी जान बचाते नजर आते हैं। स्थिति संभालने के लिए अन्य डिपार्टमेंट से सुरक्षा गार्ड बुलाने पड़ते हैं। ऐसे मरीजों की निगरानी बेहद जरूरी
इस संबंध में चंडीगढ़ के साकेट्रिक्स का कहना है कि ऐसे मरीजों की देखभाल में बेहद सजग रहना जरूरी है। क्योंकि उनके दिमाग में खुद को नुकसान पहुंचाने और सुसाइड करने जैसे ख्याल बार-बार आते हैं। इसलिए ऐसे मरीजों को भर्ती करने वाले स्थान पर पंखा, टेबल, ईंट, खुली खिड़की, शीशे का सामान, पाइप, लोहे के सामान और अन्य ऐसी चीजें नहीं रखनी चाहिए। इन चीजों से वे खुद को और दूसरों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। एमएचआइ में मरीज ने खुद को किया घायल
सेक्टर-32 स्थित मेंटल हेल्थ इंस्टीट्यूट में सोमवार को भर्ती एक मरीज ने खुद को घायल कर लिया। मरीज ने शीशे के दरवाजे पर अपना सिर मार दिया और हंगामा करने लगा। स्थिति बिगड़ती देख बाहर से सुरक्षा गार्ड बुलाकर उसे काबू किया गया। मरीज वहां से भागने का कोशिश कर रहा था। सुरक्षा गार्ड के रोके जाने पर उसने शीशे के दरवाजे पर सिर मार दिया, जिससे गेट टूट गया और मरीज को गंभीर चोटें भी आई हैं।