रबींद्रनाथ टैगोर जयंतीः चंडीगढ़ के टैगोर थिएटर से है रबींद्रनाथ का खासा नाता, बॉलीवुड के कई दिग्गजों ने यहीं से की शुरुआत

बंगला परिवार में पैदा हुए रबींद्रनाथ टैगोर देश के पहले साहित्यकार हैं जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिला था। आज 7 मई को रबींद्रनाथ टैगोर की जयंती है। इस पर हम आपको बता रहे हैं कि चंडीगढ़ के सेक्टर 18 स्थित टैगोर थिएटर का क्या और कैसा इतिहास है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 02:46 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 02:46 PM (IST)
रबींद्रनाथ टैगोर जयंतीः चंडीगढ़ के टैगोर थिएटर से है रबींद्रनाथ का खासा नाता, बॉलीवुड के कई दिग्गजों ने यहीं से की शुरुआत
चंडीगढ़ के सेक्टर 18 स्थित टैगोर थिएटर।

चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। बंगला परिवार में पैदा हुए रबींद्रनाथ टैगोर देश के पहले साहित्यकार हैं, जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिला था। आज 7 मई को रबींद्रनाथ टैगोर की जयंती है। साहित्य में रबींद्रनाथ टैगोर के योगदान को देखते हुए देश के पहले प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहर लाल नेहरू ने देश भर में टैगोर थिएटर बनाने की योजना बनाई। उसी प्लानिंग के तहत 1961 में चंडीगढ़ के वर्तमान सेक्टर-18 में टैगोर थिएटर का निर्माण हुआ और थिएटर के पहले चैयरमेन के तौर पर अभिनेता और डायरेक्टर पृथ्वीराज कपूर को नियुक्त किया गया था। पृथ्वीराज कपूर देश भर में कलाकारों की प्रतिभा को निखारने का काम कर रहे थे और उन्हें यही काम चंडीगढ़ के टैगोर थिएटर में दिया गया। थिएटर बनने से पहले वह जगह-जगह घूमकर कलाकारों को ढूंढने के साथ कला के गुर सिखाया करते थे।

1961 में जिस समय शहर में टैगोर थिएटर का निर्माण हुआ तो उस समय इस शहर को चंडीगढ़ के नाम से नहीं जाना जाता था, बल्कि इसका नाम संयुक्त पंजाब था। जिसमें पंजाब के अलावा, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश भी शामिल थे। उस समय मनोरंजन के लिए टीवी जैसा कोई साधन नहीं था ऐसे में टैगोर थिएटर में ही मनोरंजन किया जा सकता है। इसलिए टैगोर थिएटर हर किसी के लिए अहम था। 

इन बॉलीवुड सितारों ने टैगोर थिएटर से की शुरुआत

टैगोर थिएटर ने बॉलीवुड को कई कलाकार दिए हैं। जिन्होंने भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपने नाम और कला का सिक्का जमाया है। उसमें सबसे पहले कॉमेडियन स्वर्गीय जयपाल भट्टी, गुत्थी के नाम से मशहूर सुनील ग्रोवर जैसे नाम मशहूर हैं। वहीं इसी मंच पर सिनेमा जगत, सांस्कृतिक नृत्य/वाद्य यंत्र, गायक आदि ने यहां अपनी यहां प्रस्तुतियां दी है। जिसमें गुरदास मान, परेश रावल, सतिश कौशिक, मालिनी अवस्थी, शेखर सेन, पंडित अजय पोहनकर, मंतजारी चतुर्वेदी और रानी बलबीर कौर के अलावा कई कलाकार शामिल है।

थिएटर में बनाए गए हैं दो हॉल

1961 में जब टैगोर थिएटर की शुरुआत हुई तो उस समय सिर्फ एक ही हॉल था जिसमें पहले पांच सौ उसके बाद आठ सौ और अंत में 14 सौ लोगों के बैठने का प्रबंध किया गया है। समय के साथ जैसे कला की डिमांड बढ़ी तो टैगोर थिएटर के दो हॉल बन चुके है। एक हॉल में 14 सौ जबकि दूसरे हॉल में 50 से 60 लोगों के बैठने का इंतजाम किया गया है। इसी प्रकार यदि कोई मंचन से पहले रिहर्सल करना चाहता है तो उसके लिए भी विशेष रिहर्सल थिएटर तैयार किए गए है।

कोरोना के कारण दूसरी बार भी नहीं मनाई गई रबींद्रनाथ जयंती

रबींद्रनाथ टैगोर की जयंती पर टैगोर थिएटर में हर साल कार्यक्रम का आयोजन होता है लेकिन इस बार लगातार दूसरी बार है कि कोरोना महामारी के चलते थिएटर के दरबाजे बंद पड़े हैं। वर्ष 2011 में रबींद्रनाथ टैगोर की जयंती पर 11 दिवसीय थिएटर फेस्टिवल का आयोजन किया गया था।

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