पंजाब में किसानों को फसल की सीधी अदायगी पर सहमत हुए आढ़ती, हड़ताल खत्म, गेहूं खरीद शुरू
पंजाब में गेहूं की खरीद आज से शुरू हो गई। आढ़तियों की हड़ताल वापस ले ली है। आढ़ती किसानों की सीधी अदायगी पर सहमत हो गए हैं। आढ़तियों का कमीशन प्रदेश सरकार उनके खाते में डालेगी। किस किसान को पेमेंट हुई है इसके लिए आनलाइन विंडो शुरू की जाएगी।
जेएनएन, चंडीगढ़/लुधियाना। पंजाब में गेहूं खरीद को लेकर जारी असमंजस खत्म हो गया है। आढ़ती किसानों के खाते मेंं फसल की रकम की सीधी अदायगी पर सहमत हो गए हैैं। आढ़तियों का कमीशन प्रदेश सरकार उनके खाते में डालेगी। किस किसान को पेमेंट हुई है, इसके लिए आनलाइन विंडो शुरू की जाएगी। साथ ही सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आढ़तियों को आश्वासन दिया है कि उनकी 131 करोड़ रुपये की लंबित राशि भी जल्द से जल्द जारी कर दी जाएगी। इसके साथ ही अब आढ़तियों ने हड़ताल खत्म कर दी है। आढ़तियों की हड़ताल वापसी के बाद राज्य में गेहूं खरीद का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
आज आढ़तियों की लुधियाना में बैठक हुई, जिसमें हड़ताल का फैसला वापस लिया गया। बता दें, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से बात करने गए तीन मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को साफ कर दिया है कि केंद्र के रवैये के बाद पंजाब के पास अब सीधी अदायगी के सिस्टम को अपनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। गत दिवस आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान विजय कालड़ा ने मुख्यमंत्री की अपील पर कहा था कि हड़ताल पर न जाने का फैसला वह स्वयं नहीं ले सकते। उन्हें जिला प्रधानों से बात करनी होगी।
उधर, आढ़तियों के रविंदर चीमा ग्रुप ने साफ कर दिया है कि सीधी अदायगी को लेकर केंद्र सरकार ने जो रवैया अपनाया है, उससे आढ़तियों में नाराजगी है। इसलिए उन्होंने फैसला किया है कि वे मंडियों में न तो गेहूं की सफाई करवाएंगे न ही भंडारण के लिए गाडिय़ों में ढुलाई करेंगे। सरकार चाहे तो अपनी एजेंसियों के जरिए अनाज उठवा ले। विजय कालड़ा ने कहा था कि शनिवार को लुधियाना में बैठक के बाद मुख्यमंत्री को अपने फैसले से अवगत करवा दिया जाएगा। हालांकि आज आढ़ती मान गए हैं।
दरअसल, सीधी अदायगी के खिलाफ हरियाणा के आढ़तियों के हड़ताल पर चले जाने से मामला ज्यादा तूल पकड़ गया था। हरियाणा में भी गेहूं की खरीद जोर नहीं पकड़ पा रही थी। जबकि वहां एक अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू हो चुकी है। अभी तक मात्र 1.42 लाख टन गेहूं ही खरीदा जा सका है। हरियाणा में भी आढ़ती अब मान गए हैं। पंजाब में गेहूं पककर पूरी तरह तैयार है। अनुमान है कि मंडियों के शुरू होते ही रोजाना आठ से दस लाख टन गेहूं रोजाना आएगा। अगर ढ़ुुलाई धीमी रहती है तो तीन-चार दिन में ही गेहूं के अंबार लग जाएंगे। अब आढ़तियों के मान जाने से सरकार ने राहत की सांस ली है।
मंडी बोर्ड ने जारी किए पास, किसान थे असमंजस में
कोरोना के चलते मंडी बोर्ड ने एक बार फिर से किसानों को पास जारी करके गेहूं लाने का सिस्टम बनाया है। किसानों के मन में यह आशंका थी कि वे अगर गेहूं लेकर जाएंगे तो आढ़तियों के हड़ताल पर होने के चलते वे ढेरी कहां लगाएंगे। उनकी गेहूं की सफाई कौन करवाएगा।
चार हजार मंडियों में दस हजार मास्क व सैनिटाइजर की बोतलें
मंडी बोर्ड के चेयरमैन लाल सिंह ने कोविड संबंधी सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने की बात कही है। उन्होंने 5600 कर्मचारियों को 10 हजार मास्क (एन-95) और सैनिटाइजर की 10 हजार बोतलें मुहैया करवाई हैं। लाल सिंह ने कहा कि मंडियों की संख्या 1872 से बढ़ाकर 4000 की गई है। इस सीजन में 130 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य है।