सवालों में घिरी पंजाब की नई चन्नी सरकार, डीजीपी के बाद अब नए एजी की नियुक्ति पर विवाद
पंजाब की नई नवेली चरणजीत सिंह चन्नी सरकार सवालों से घिर गई है। चन्नी सरकार डीजीपी की के बाद महाधिवक्ता (एजी) की नियुक्ति पर विवाद में आ गई है। इसको लेकर विवक्ष ने मुख्यमंत्री पर हमला किया है।
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब की नई नवेली चरणजीत सिंह सरकार सवालों से घि गई है। वह डीजीपी के बाद नए महाधिवक्ता (AG) की नियुक्ति पर विवाद में आ गई है। डीजीपी दिनकर गुप्ता के छुट्टी पर जाने के बाद उनकी जगह इकबाल प्रीत सिंह सहोता को डीजीपी बनाने के मामले की चिंगारी अभी सुलग ही रही थी कि पांच दिन की मशक्कत के बाद एडवोकेट जनरल की नियुक्ति मामले में चरणजीत सिंह चन्नी की सरकार सवालों में घिर गई है। सरकार ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद हुए कोटकपूरा गोलीकांड मामले में आरोपितों के वकील अमरप्रीत सिंह देयोल को एडवोकेट जनरल नियुक्त कर दिया है।
इसे लेकर विपक्ष ने हंगामा खड़ा कर दिया है और कहा है कि अब सिखों को बेअदबी मामले में इंसाफ की उम्मीद छोड़ देनी चाहिए। हालांकि देयोल ने कहा है कि उनका बेअदबी मामलों से कोई लेना-देना नहीं है। वह केवल लॉ एंड आर्डर से संबंधित कोटकपूरा गोलीकांड में एक पुलिस अधिकारी के वकील रहे हैं, जो अब निपट चुका है।
विपक्ष ने घेरा, कहा अब सिख बेअदबी मामले में इंसाफ की उम्मीद छोड़ दें
काबिले गौर है कि पंजाब सरकार ने शनिवार से रुकी हुई एडवोकेट जनरल की फाइल सोमवार को क्लीयर कर दी। राज्यपाल से मंजूरी मिलते ही एपीएस देयोल को नया एडवोकेट जनरल नियुक्त कर दिया गया। देयोल कोटकपूरा गोलीकांड में आरोपित निलंबित आइजी परमराज सिंह उमरानंगल के वकील हैं। उन्होंने पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी का केस भी लड़ा है। वह अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के वकील भी रहे हैं और उन्होंने यह केस जितवाया था।
बेअदबी मामले में आरोपितों को सजा दिलाने में नाकाम रहने पर कांग्रेस के अपने दिग्गजों सुखजिंदर सिंह रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, नवजोत सिंह सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर ठीकरा फोड़ा था। उनके खिलाफ बगावत करके उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटवाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। अब उसी केस में आरोपित पुलिस अफसर का केस लड़ने वाले वकील को ही एडवोकेट जनरल लगाने से चन्नी सरकार की किरकिरी शुरू हो गई है।
बेअदबी मामले में हो रही सियासत : आप
आम आदमी पार्टी के नेता और कोटकपूरा से ही विधायक कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि बेअदबी मामले में वोटों की सियासत हो रही है। पहले बादल सरकार और अब कांग्रेस इस पर सियासत कर रही है। मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी का एपीएस देयोल को एजी लगाना कांफलिक्ट आफ इंटरेस्ट है। वह पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी के वकील रहे हैं, जिन्हें इन्हीं केंसों में उन्होंने जमानत दिलवाई है। ऐसे में सिखों को इंसाफ मिलने की उम्मीद न के बराबर है।
देयोल को एजी लगाने से अब इंसाफ़ की उम्मीद बेमानी : भाजपा
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री डा. सुभाष शर्मा ने कांग्रेस सरकार द्वारा कोटकपूरा गोलीकांड के आरोपितों के वकील अमरप्रीत सिंह देयोल को ही पंजाब का एडवोकेट जनरल लगाने पर कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि अब पंजाबियों को इस सरकार से इंसाफ की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बेअदबी और गोलीकांड में कांग्रेस की नीयत साफ नहीं है। पहले साढ़े चार साल कैप्टन अमरिंदर सिंह इस मामले को लटकाते रहे और अब नए मुख्यमंत्री ने देयोल की नियुक्ति कर स्पष्ट संदेश दे दिया है कि कांग्रेस के लिए यह सिर्फ राजनीतिक मुद्दा है ।
सुखदेव भौर ने भी उठाए सवाल
एसजीपीसी के पूर्व जनरल सेक्रेटरी सुखदेव सिंह भौर ने कहा कि पहले डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को नियुक्त कियास जो बेअदबी मामलों की जांच के लिए बनाई गई एसआइटी के प्रमुख थे। उन्होंने निर्दोष सिखों पर ही केस दायर कर दिए। अब उसे एजी बना दिया है जो आरोपितों का वकील है।
मोटी फीस देकर बाहर से वकील लाने पर लगेगी रोक : देओल
एडवोकेट एपीएस देयोल ने साफ कर दिया है कि उनकी प्राथमिकता एडवोकेट जनरल कार्यालय में मेरिट पर कानून अधिकारियों की नियुक्ति करना है। मोटी फीस पर बाहर से वकील लाने पर रोक लगेगी। एजी कार्यालय के वकील ही पैरवी करेंगे। देयोल ने कहा कि उनकी कोशिश रहेगी पहले सरकार जिन केस में हारती थी, अब उनमें ऐसा नहीं हो। उन्होंने कहा, 'मैं एजी की दौड़ में नहीं था। मेरी काबिलियत देखकर सरकार ने यह मौका दिया है। मेरी कोशिश होगी कि एजी आफिस का वर्क कल्चर बदला जाए। मेरा कोई कैंप आफिस नहीं होगा।'
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, मेरा बेअदबी मामले में अब किसी केस से कोई लेना-देना नहीं है। कोटकपूरा गोलीकांड ला एंड आर्डर से जुड़ा मामला है। इसमे मैं एक पुलिस अधिकारी का वकील था। यह केस अब सिरे चढ़ चुका है। जिन केसों में मैं सरकार के खिलाफ वकील हूं, उनमें संबंधित व्यक्तियों से भी मैंने कह दिया है कि वह किसी और को अपना वकील कर लें क्योंकि अब मैं सरकार में हूं। देयोल का कहना है कि वह किसी भी राजनीतिक दल से नहीं जुड़े हैं।