पंजाबी भाषा की विश्व पटल पर पहचान बनाने वाले लेखकों को किया सम्मानित Chandigarh News

पंजाब कला परिषद ने कोमांतरी मां बोली दिवस पर शुक्रवार को पंजाब कला भवन-16 में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में पंजाब के 10 साहित्यकारों का सम्मान किया गया।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Sat, 22 Feb 2020 01:15 PM (IST) Updated:Sat, 22 Feb 2020 01:15 PM (IST)
पंजाबी भाषा की विश्व पटल पर पहचान बनाने वाले लेखकों को किया सम्मानित Chandigarh News
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चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाबियों के साथ पंजाबी भाषा विश्व तक पहुंची है। इसकी मिठास और साहित्य हर जगह चर्चित है। खुशी है कि हम इस दिवस पर साहित्यकारों का सम्मान कर रहे हैं, जिन्होंने पंजाबी भाषा की सेवा की। पंजाब कला परिषद के चेयरमैन सुरजीत पात्तर ने कुछ इन्हीं शब्दों में कोमांतरी मां बोली दिवस पर बात की। शुक्रवार को पंजाब कला भवन-16 में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में पंजाब के 10 साहित्यकारों का सम्मान किया गया।

कार्यक्रम में सभ्याचार मामलों के मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम से कुछ दिनों पहले ऑनलाइन कविता लेखन प्रतियोगिता करवाई गई, जिसके विजेताओं को कार्यक्रम में सम्मानित किया गया।

इसके बाद डॉ. प्यारा लाल, अमरजीत ग्रेवाल और सतनाम माणक ने पंजाबी मां बोली पर अपने विचार रखे। प्यारा ने कहा कि किसी भी राज्य या देश की खूबसूरती उसकी संस्कृति और भाषा होती है। ऐसे में अपनी भाषा को अगली पीढ़ी को समझाना और उस पर बात करना जरूरी है। ये हमारी संस्कृति और हमारी विरासत है, ऐसे में इससे प्यार करना और आगे तक लेकर जाना हमारी जिम्मेदारी है।

इन लेखकों का हुआ सम्मान

कार्यक्रम में पंजाबी साहित्यकार जंग बहादुर गोयल, सतनाम माणक, एसएन सेवक, गुलजार सिंह संधू, विदवान सिंह सोनी, डॉ. धनवंत कौर, पियारा लाल, अमरजीत ग्रेवाल, नूर मोहम्मद नूर, पुष्पिंदर और जतिंदर पन्नू को सम्मानित किया गया।

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