चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव पर हाईकोर्ट में सुनवाई आज, पीयू मामले में रखेगा अपना पक्ष

पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट का कार्यकाल बढ़ेगा या नहीं इस पर आज बड़ा फैसला हो सकता है। सीनेट चुनाव नहीं कराए जाने के मामले में आज पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई है। सूत्रों के अनुसार मामले में पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा कोर्ट में मामले को आगे खींचने की तैयारी है।

By Vinay kumarEdited By: Publish:Tue, 12 Jan 2021 10:46 AM (IST) Updated:Tue, 12 Jan 2021 10:46 AM (IST)
चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट चुनाव पर हाईकोर्ट में सुनवाई आज, पीयू मामले में रखेगा अपना पक्ष
पीयू सीनेट चुनाव नहीं कराए जाने के मामले में आज पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई है।

चंडीगढ़ [डा. सुमित सिंह श्योराण]। पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट का कार्यकाल बढ़ेगा या नहीं इस पर आज बड़ा फैसला हो सकता है। पीयू सीनेट चुनाव नहीं कराए जाने के मामले में मंगलवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई है। सूत्रों के अनुसार मामले में पंजाब यूनिवर्सिटी द्वारा कोर्ट में मामले को आगे खींचने की तैयारी है। मामले में बीती सुनवाई पर हाईकोर्ट ने पंजाब यूनिवर्सिटी के साथ ही पंजाब सरकार और केंद्र सरकार से मामले में जवाब तलब किया था। बीते करीब ढ़ाई महीने पहले पीयू की गवर्निंग बाडी सीनेट और 31 दिसंबर 2020 को सिंडिकेट का कार्यकाल खत्म हो चुका है। ऐसे में पंजाब यूनिवर्सिटी और एफिलिएटेड 195 कालेजों से जुड़े प्रशासनिक और अन्य मामलों की बागडौर सीधे अकेले पंजाब यूनिवर्सिटी कुलपति के पास चली गई है। सीनेट चुनाव को बार-बार स्थागित करने के खिलाफ पीयू सीनेट मेंबर और सीनियर प्रोफेसर कैशव मल्होत्रा और सात अन्य मेंबर्स ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी दायर की थी। जिसपर मंगलवार को सुनवाई होनी है। कोर्ट के निर्देशों पर ही सीनेट और सिंडिकेट का भविष्य टिका है। उधर पीयू की गवर्निंग बाडी नहीं होने से एकेडमिक से जुड़े सभी मामलों से जुड़ी फाइलें लटकी हुई हैं।

पीयू का गवर्निंग स्ट्रक्चर बदलने की तैयारी

केंद्र सरकार की नई एजुकेशन पालिसी को लागू करने के लिए पीयू की मौजूदा सीनेट और सिंडिकेट गवर्निंग बाडी को खत्म करने की चर्चाएं लगातार जारी हैं। लेकिन अभी इस मामले में कोई फैसला नहीं लिया गया है। पंजाब यूनिवर्सिटी एक्ट-1947 में बोर्ड आॅफ गवर्नेंस को लेकर कोई प्रोविजन नहीं है। एेसे में पीयू की कार्यप्रणाली को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। पीयू सीनेट और सिंडीकेट में पंजाब की राजनीति अहम रोल अदा करती है। बोर्ड आॅफ गवर्नेंस सिस्टम लागू होने से सीनेट और सिंडिकेट का अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। 

21 जनवरी को फिर आनलाइन बोर्ड ऑफ फाइनेंस की बैठक बुलाई

पीयू से जुड़े बजट को लेकर बोर्ड आफ फाइनेंस की बैठक को लेकर भी लगातार गतिरोध जारी है। कमेटी से जुड़े मेंबर्स आनलाइन मीटिंग को लेकर लगातार विरोध कर रही हैं। बीते महीने भी मीटिंग स्थागित करनी पड़ी थी। उधर सोमवार को पीयू द्वारा 21 जनवरी को फिर से बोर्ड ऑफ फाइनेंस की आनलाइन मीटिंग निर्धारित कर दी है। पीयू के इस फैसले पर भी फिर से विरोध शुरु हो गया है। कमेटी के एक सदस्य ने कहा कि जब पीयू में दूसरी सभी मीटिंग आफलाइन हो सकती हैं तो कुलपति आनलाइन मीटिंग क्यों कर रहे हैं। इस मीटिंग पर भी गतिरोध होने की उम्मीद है।

पीयू सीनेट और सिंडिकेट को खत्म कर पीयू की स्थिति को जानबूझ कर खतरे में डाला जा रहा है। पीयू इतिहास में पहली बार ऐसी स्थिति आई है कि पूरा प्रशासनिक और शैक्षणिक कामकाज ठप हो गया है। हमें पूरी उम्मीद है कि मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट द्वारा सीनेट चुनाव पर सकारात्मक निर्देश जारी होगा।

-अशोक गोयल, सीनियर सिंडिकेट मेंबर पीयू।

मंगलवार को हाईकोर्ट द्वारा पीयू सीनेट पर सकारात्मक फैसले की उम्मीद है। सीनेट-सिंडिकेट के साथ ही डीन की टर्म भी इस महीने खत्म हो रही है। एेसे हालात में पंजाब यूनिवर्सिटी का एकेडमिक ढांचा पूरी तरह से चरमरा जाएगा। उम्मीद है सीनेट चुनाव तक मौजूदा सीनेट-सिंडिकेट को एक्सटेंशन मिल जाएगा। मामले में पंजाब सरकार ने अपनी सहमति दे दी है। यूजीसी भी मौजूदा गवर्निंग बाडी को जारी रखने के पक्ष में है।

-डा. मृत्युंजय कुमार, प्रेसिडेंट पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन।

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