पीयू को हाई कोर्ट से राहत, लीगल स्टडीज के छात्रों की याचिका खारिज

पीयू के बीएएलएलबी फाइव ईयर ला कोर्स में दाखिले दौरान उन छात्रों को अतिरिक्त चार अंक नहीं मिलेंगे जिन्होंने बारहवीं में लीगल स्टडीज विषय पढ़ा था। सोमवार को हाई कोर्ट ने इस मांग को लेकर दायर कई याचिकाओं को खारिज करते हुए पीयू के इस निर्णय पर मोहर लगा दी।

By Edited By: Publish:Tue, 05 Jan 2021 07:15 AM (IST) Updated:Tue, 05 Jan 2021 07:15 AM (IST)
पीयू को हाई कोर्ट से राहत, लीगल स्टडीज के छात्रों की याचिका खारिज
पीयू के बीएएलएलबी फाइव ईयर ला कोर्स में दाखिले का रास्ता साफ हो गया है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी के बीएएलएलबी फाइव ईयर ला कोर्स में दाखिले के दौरान उन छात्रों को अतरिक्त चार अंक नहीं मिलेंगे, जिन्होंने बारहवीं में लीगल स्टडीज विषय पढ़ा था। सोमवार को हाई कोर्ट ने इस मांग को लेकर दायर कई याचिकाओं को खारिज करते हुए पीयू द्वारा लिए गए इस निर्णय पर अपनी मोहर लगा दी। सोमवार को जस्टिस जसवंत सिंह एवं जस्टिस संत प्रकाश की खंडपीठ के इस फैसले से पीयू के बीएएलएलबी फाइव ईयर ला कोर्स में दाखिले का रास्ता साफ हो गया है। पहले हाई कोर्ट ने इन कोर्स के दाखिलों पर रोक लगाई हुई थी। गौरतलब है कि पीयू के फाइव ईयर ला कोर्स में दाखिले के लिए 12वीं में लीगल स्टडीज विषय को पढ़ने वाले छात्रों को अब चार अतिरिक्त अंक नहीं दिए जाने को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। एक छात्र ने दायर याचिका में हाई कोर्ट को बताया है कि पीयू इस कोर्स में दाखिले के लिए पहले उन छात्रों को चार अतिरिक्त अंक दिए जाने का निर्णय लिया था, जिन छात्रों ने 12वीं में लीगल स्टडीज का विषय पढ़ा हो। इसके खिलाफ एक छात्र ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर इसे चुनौती दे दी थी। इसके बाद पीयू ने 12वीं में लीगल स्टडीज के विषय को पढ़ने वाले छात्रों को 4 अतरिक्त अंक नहीं दिए जाने का निर्णय कर लिया। इस निर्णय के खिलाफ लगातार हाई कोर्ट में कई छात्रों ने याचिकाएं दायर कर दी थी। याचिकाकर्ता छात्रों ने बताया कि पीयू के इस निर्णय से उसे काफी नुकसान हुआ है, क्योंकि पहले उनका रैंक बेहतर था, लेकिन पीयू द्वारा 4 अंक वापस लिए जाने के निर्णय के चलते अब उनकी मैरिट कम हो गई है और उनका रैंक भी नीचे आ गया है। जबकि पीयू के इस कोर्स में सामान्य वर्ग की सिर्फ 90 सीटें हैं। याचिकाकर्ता ने बताया था कि पीयू बार-बार इस कोर्स में दाखिले की शर्तो में बदलाव कर रही है, जो पूरी तरह से गलत है। हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 2 दिसंबर को इस कोर्स में दाखिले के लिए होने जा रही काउंसि¨लग पर रोक लगा दी थी और पीयू को नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया था।

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