PM Housing Scheme का पंजाब को नहीं मिल रहा लाभ, Bankers committee में उठा मुद्दा

Prime Minister Housing Scheme का लाभ पंजाब के लोगों को नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए बैंकों की उदासीनता जिम्मेदार है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 01:49 PM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 04:08 PM (IST)
PM Housing Scheme का पंजाब को नहीं मिल रहा लाभ, Bankers committee में उठा मुद्दा
PM Housing Scheme का पंजाब को नहीं मिल रहा लाभ, Bankers committee में उठा मुद्दा

चंडीगढ़ [कैलाश नाथ]। गरीब लोगों को अपना मकान मिले, इसके लिए शुरू हुई प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister Housing Scheme) पर राजनीतिक रंगत चढ़ती जा रही है। बैंकों की उदासीनता के कारण पंजाब के लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस योजना का लाभ पाने के लिए राज्य के 1.62 लाख लोगों ने आवेदन किया, लेकिन अभी तक इसका लाभ किसी को नहीं मिला है।

राज्य बैंकर्स कमेटी की बैठक में स्थानीय निकाय विभाग के डायरेक्टर करुणोश शर्मा ने इस मुद्दे को उठाया। पहले तो बैंकर्स यह दावा करते रहे कि यह योजना शहरी क्षेत्र के लिए है, जबकि आवेदन करने वाले ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र से है। डायरेक्टर ने कहा, बैंकों के पास 1.62 लाख लोगों ने आवेदन किया, जिसमें से 1.10 आवेदन प्रोसेस किया गया। इनमें से 10,202 आवेदकों को पात्र बताया गया है। इस पर वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने भी आपत्ति जताई।

उन्होंने बैंकों से ऐसी उदासीनता के कारण भी पूछे, साथ ही कहा कि किसी भी आवेदन करने वाले को भटकने के लिए नहीं छोड़ना चाहिए। अगर बैंक को आवेदन में कोई कमी नजर आती है तो वह उसे तुरंत निरस्त कर दें, अन्यथा उसे प्रोसेस करके आवेदनकर्ता को लाभ पहुंचाएं।

51,790 किसानों को कर्ज माफी योजना का नहीं मिला लाभ

पंजाब सरकार बैंकर्स कमेटी की बैठक में बैंकों की कारगुजारी से संतुष्ट नहीं नजर आई। सरकार ने बैंकों से वह फंड मांग लिया जो किसानों के खातों में तकनीकी कारणों से जमा नहीं हो सका। रिपोर्ट में सामने आया है कि 51,790 किसानों को कर्ज माफी योजना का लाभ नहीं मिल सका, जबकि वे इसके योग्य थे।

वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने बैंकर्स को नसीहत दी कि अगर पिलर मजबूत नहीं होगा तो उस पर खड़ा होने वाला महल कभी भी ढह सकता है। वित्त विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी अनिरुद्ध तिवारी ने मामला उठाया कि सरकार की किसान कर्ज माफी योजना के तहत कई ऐसे एकाउंट हैं जिनमें पैसा नहीं गया। इस पैसे को बैंक सरकारी खजाने में जमा करवाएं। ऐसे केसों की संख्या 16,969 है।

बैंकर्स कमेटी ने आंकड़ा पेश किया कि 6,332 एकाउंट बंद हो चुके हैं। इनमें पैसा ट्रांसफर नहीं हुआ है। वहीं, 30 सितंबर तक 10,637 केसों को पटवारी ने खारिज कर दिया है। कमेटी के चेयरमैन ने बैंकों को निर्देश दिए कि वे फंड तुरंत सरकारी खजाने में जमा करवा दें। सरकार ने बैंकों से मांगा था कि जो किसान कर्ज माफी के लायक हैं, लेकिन लिस्ट में नाम नहीं हैं उसका आंकड़ा दिया जाए।

रिपोर्ट में बताया गया कि बैंकों ने 51,790 किसानों की लिस्ट सरकार को सौंपी है, लेकिन सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया है। सरकार किसानों को कर्ज माफी का लाभ देती है तो 58,269 लाख का बोझ आएगा। हालांकि सरकार ने छूटे किसानों पर तो कोई कमेंट्स नहीं किया है, लेकिन जिन खातों में फंड नहीं जमा हुआ उसे वापस जरूर मंगवा लिया है।

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