केंद्रीय टीम की रिपोर्ट, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री का जिला मोहाली कोरोना से निपटने में सक्षम नहीं

जिला मोहाली के मोहाली विधानसभा हलके का विधायक बलबीर सिंह सिद्धू प्रदेश सरकार में सेहत मंत्री हैं। लेकिन जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है। जिला मोहाली कोरोना से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम नहीं है। इस बात का खुलासा केंद्र की तीन सदस्यीय टीम ने किया है।

By Ankesh KumarEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 01:18 PM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 01:18 PM (IST)
केंद्रीय टीम की रिपोर्ट, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री का जिला मोहाली कोरोना से निपटने में सक्षम नहीं
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री का जिला मोहाली कोरोना से निपटने में सक्षम नहीं।

मोहाली, जेएनएन। जिला मोहाली के मोहाली विधानसभा हलके का विधायक बलबीर सिंह सिद्धू प्रदेश सरकार में सेहत मंत्री हैं। लेकिन जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है। जिला मोहाली कोरोना से निपटने के लिए पूरी तरह सक्षम नहीं है। इस बात का खुलासा केंद्र की तीन सदस्यीय टीम ने किया है।

केंद्रीय टीम कोरोना की स्थिति का आंकलन करने के लिए मोहाली में थी। टीम ने महामारी को संभालने में प्रशासन की ओर से कई खामियों को उजागर किया है। उधर जिला प्रशासन ने मोहाली के गंभीर मरीजों को चंडीगढ़ के अस्पतालों में इलाज मिल सके, इस मुद्दे को पीएमओ के समक्ष उठाया है। जबाब का इंतजार है।

ध्यान रहे कि जिला मोहाली में पिछले छह हफ्तों में, लगभग 12,500 कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं। कोविड से 100 से अधिक मौतें हुई हैं। अकेले अप्रैल में 1,200 मामले मोहाली शहर और ज़ीरकपुर के ढकोली से हैं। मोहाली में हर रोज तीन सौ से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। टीम की ओर से जो रिपोर्ट तैयार की गई उसे डीसी मोहाली गिरिश दयालन को सौंप दिया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि गंभीर रोगियों के लिए जिले में वेंटिलेटर की कोई सरकारी सुविधा नहीं है। ध्यान रहे कि मोहाली के सरकारी अस्पताल में सिर्फ एक वेंटिलेटर था। जिसकी संख्या बढ़ाने के लिए लाखों रुपये की अनुदान राशि पिछले साल कोरोना के दौरान दी गई थी। लेकिन अभी वेंटिलेटरों की खरीद नहीं हो पाई है। मोहाली में कई निजी अस्पताल हैं लेकिन मरीजों को वहां पर जगह नहीं मिल रही है। अगर हालात खराब हुए तो जिले में स्थिति को संभालना मुश्किल हो जाएगा।

केंद्रीय टीम की ओर से रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य विभाग ने इस तरह की सुविधा विकसित करने के लिए कोई ठोस कमद नहीं उठाए हैं। मैनपावर की भी कमी है। सभी गंभीर रोगियों को पटियाला भेजा जा रहा है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जमीन स्तर पर कुछ भी नहीं किया जा रहा है। जहां तक की पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आने वालों की ट्रेसिंग नहीं की जा रही है।

डिप्टी कमिश्नर गिरिश दयालन ने कहा कि प्रशासन ने टीम द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर जवाब दिया है। जहां तक गंभीर रोगियों के लिए सुविधा का सवाल है। मोहाली के सिविल अस्पताल का निर्माण चल रहा है। जिले को ऐसे मामलों के संदर्भ में पटियाला के साथ मैप किया गया है। कोविड मरीजों की देखभाल के लिए बिस्तर की क्षमता बढ़ाने के लिए जिले के निजी अस्पतालों को भी निर्देशित किया है। दयालन ने कहा कि चंडीगढ़ के अस्पतालों में मरीजों को इलाज मिले इस मसले को पीएमओ के समक्ष रखा गया है। जबाब का इंतजार है। कोरोना पर काबू पाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

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