पंजाब की कैप्‍टन सरकार का नया कदम, विधायकों के बेटों के बाद अब मंत्री के दामाद को नौकरी देने की तैयारी

पंजाब के कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार अब नया कदम उठाने की तैयारी में है। राज्‍य सरकार कांग्रेस विधायकों के बेटों काे नौकरी देने के बाद अब मंत्री के दामाद को सरकारी नौकरी देने की तैयारी में है। इस पर विवाद छिड़ने की संभावना है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 11:05 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 11:05 AM (IST)
पंजाब की कैप्‍टन सरकार का नया कदम, विधायकों के बेटों के बाद अब मंत्री के दामाद को नौकरी देने की तैयारी
पंजाब के सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, [इन्‍द्रप्रीत सिंह]। पंजाब सरकार की ओर से कुछ माह पहले दो कांग्रेस विधायकों फतेहगंज सिंह बाजवा और राकेश पांडे के बेटों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने का प्रस्ताव कैबिनेट बैठक में पारित होने के बाद अब सरकार राजस्व मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ के दामाद गुरशेर सिंह को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने जा रही है। सूत्रों के अनुसार उन्हें एक्साइज इंस्पेक्टर लगाने की तैयारी है और आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में होने वाली वर्चुअल कैबिनेट बैठक में इस एजेंडे को हरी झंडी दी जा सकती है।

कांगड़ के दामाद गुरशेर सिंह को एक्साइज इंस्पेक्टर बनाने के लिए आज कैबिनेट में लग सकती है मुहर

हालांकि कार्मिक विभाग का स्पष्ट कहना है कि गुरशेर सिंह की आíथक हालात ऐसी नहीं है कि उन्हें उनके पिता भूपजीत सिंह की जगह पर अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाए। अब इस पर फैसला कैबिनेट बैठक में ही होगा। गौरतलब है कि भूपजीत सिंह उस समय चर्चा में आए थे जब पिछली कैप्टन सरकार के दौरान पंजाब लोक सेवा आयोग के तत्कालीन चेयरमैन रवि सिद्धू को उन्होंने पांच लाख रुपये रिश्वत के मामले में रंगे हाथों पकड़वाया था। बाद में भूपजीत का हार्ट अटैक होने के कारण निधन हो गया था। उनका बेटा गुरशेर सिंह राजस्व मंत्री गुरप्रीत कांगड़ का दामाद है।

कांगड़ पिछले कुछ समय से कांग्रेस के अंतर्कलह के बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह का साथ छोड़कर उनके विरोधी खेमे में दिखाई दे रहे थे लेकिन पिछले दो सप्ताह से अचानक कैप्टन के खेमे में दिखाई दे रहे हैं। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि इसके पीछे बड़ा कारण उनके दामाद को अनुकंपा के आधार पर एक्साइज विभाग में इंस्पेक्टर लगवाना है। कांगड़ ने इसके लिए पिछले साल भी आवेदन किया था लेकिन परसोनल विभाग के ऐतराज के बाद मामला लटक गया था।

इसके बाद जब सरकार ने विधायक फतेहजंग सिंह बाजवा और राकेश पांडे के बेटों को संबंधित विभागों के एतराज के बावजूद नौकरी दी गई तो कांगड़ ने एक बार फिर से अपने दामाद को एक्साइज इंस्पेक्टर लगवाने की फाइल चला दी। हालांकि फतेहगंज सिंह बाजवा ने कांग्रेस में ही उनके बेटे को नौकरी दिए जाने को लेकर हुए विरोध के बाद बेटे को दी जाने वाली नौकरी लेने से इन्‍कार कर दिया था परंतु राकेश पांडे ने ऐसा नहीं किया। अब कांगड़ भी उसी श्रेणी में शामिल होने जा रहे हैं।

सरकार में एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अनुकंपा के आधार पर नौकरी केवल उन्हीं को दी जाती है जिनकी परिवार की आर्थिक हालत अच्छी न हो लेकिन भूपजीत सिंह के बेटे के मामले में ऐसी स्थिति दिखाई नहीं दे रही है। उनके पास करोड़ों रुपये की जायदाद है।

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