एससी पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप में पंजाब सरकार 40 व निजी संस्थान 60 फीसद उठाएंगे खर्च

Punjab Cabinet Decisions पंजाब कैबिनेट की बैठक में एसी पोस्‍ट मैट्रिक स्‍कालरशिप पर बड़ा फैसला किया गया है। कैबिनेट ने त‍य किया कि एसी पोस्‍ट मैट्रिक स्‍कालरशिप में पंजाब सरकार 40 फीसद और निजी शिक्षण संस्‍थान 60 फीसद का योगदान देंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 08:06 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 07:27 AM (IST)
एससी पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप में पंजाब सरकार 40 व निजी संस्थान 60 फीसद उठाएंगे खर्च
पंजाब सरकार ने एससी पोस्‍ट मैट्रिेक स्‍कालरशिप पर बड़ा फैसला किया है। (सांकेतिक फोटो)

चंडीगढ़, जेएनएन। Punjab Cabinet Decisions: एससी पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप के 2017-18 से 2019-20 के बीच की 200 करोड़ रुपये की बकाया राशि में से 40 फीसदी का भुगतान पंजाब सरकार करेगी। इसके साथ ही 60 फीसदी बकाये के भुगतान का मुद्दा पंजाब सरकार प्रधानमंत्री के समक्ष उठाएगी। अगर केंद्र सरकार इस राशि का भुगतान नहीं करती है तो प्राइवेट संस्थान पंजाब सरकार से यह राशि नहीं मांग सकेंगे।

यह फैसला शुक्रवार को हुई पंजाब कैबिनेट की बैठक में लिया गया। मंत्रिमंडल ने कैबिनेट सब कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है। निजी संस्थानों को यह राशि चालू वित्तीय वर्ष में तीन समान किश्तों में अदा किए जाएंगे। बता दें कि पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप के भुगतान को लेकर 14 जनवरी को 21 को कैबिनेट ने एक सब कमेटी बनाई थी। इसमें वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, सामाजिक न्याय, सशक्तिकरण और अल्पसंख्यक मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, उच्च शिक्षा मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा और तकनीकी शिक्षा मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी शामिल थे।

एससी विद्यार्थियों के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप स्कीम केंद्रीय सहायता के द्वारा लागू की जा रही है परंतु वर्ष 2017-18 से लेकर 2019-20 तक कोई भी फंड जारी नहीं किए गए। क्योंकि, यह स्कीम 2017 में बंद हो गई थी। एससी विद्यार्थियों को पेश आ रही मुश्किलों को देखते हुए और उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया गया था।

मंत्री समूह ने यह भी सिफारिश की कि निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा एससी विद्यार्थियों के रोल नंबर, सर्टिफिकेट और डिग्रियां नहीं रोकी जाएंगी और इसके अलावा 2017-18 से लेकर 2019-20 के सेशन के लिए फीस की वसूली हेतु पंजाब सरकार के खिलाफ अदालत का दरवाजा नहीं खटखटाया जाएगा और न ही कोई दावा किया जाएगा।

मंत्री समूह ने यह भी सुझाव दिया कि इसके अलावा इन संस्थानों द्वारा इस मामले संबंधी अदालत में दायर केस वापस लिए जाएंगे। इसके अलावा अपनी रिपोर्ट में मंत्री समूह ने यह भी कहा है कि यदि भारत सरकार द्वारा 60 प्रतिशत हिस्से की अदायगी नहीं की जाती तो शिक्षण संस्थाएं पंजाब सरकार से फीस के लिए दावा नहीं कर सकेंगी।

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