AAP में शामिल होते ही कांग्रेस, अकाली, भाजपा ने बोला पंजाब के पूर्व IG कुंवर विजय प्रताप पर राजनीतिक हमला
आम आदमी पार्टी में शामिल होते ही पंजाब के पूर्व आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह कांग्रेस अकाली दल व भाजपा के निशाने पर आ गए हैं। कुंवर विजय बेअदबी मामले पर बनाई गई एसआइटी के प्रमुख थे। हाई कोर्ट ने उनकी रिपोर्ट पर सवाल उठाए थे।
चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब के पूर्व आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह के आम आदमी पार्टी में शामिल होते ही सारी पॉलिटिकल जमात उन पर बरस पड़ी है। कोटकपूरा गोलीकांड मामले में हाई कोर्ट की ओर से उनके खिलाफ की गई तीखी टिप्पणियों के बाद पुलिस सेवा से इस्तीफा देने वाले कुंवर विजय प्रताप सिंह शिरोमणि अकाली दल के निशाने पर थे और आज आप में शामिल होते ही अकाली दल के नेताओं ने उनके खिलाफ तीखा हमला बोला।
पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि बिल्ली थैले से बाहर आ गई है। हम शुरू से ही कहते रहे हैं कि अपनी राजनीतिक महत्वकाक्षाओं को पूरा करने के लिए कुंवर अकाली दल को बदनाम कर रहे हैं, वहीं बिक्रम मजीठिया तो उनसे भी एक कदम आगे चले गए। बिक्रम मजीठिया ने कहा कि हाई कोर्ट ने भी अपने फैसले में कुंवर पर राजनीतिक द्वेष से जांच करने की बात कही थी, जबकि हम तो पहले दिन से ही यह कहते आ रहे हैं कि यह जांच रिलीजन-पुलिस और पॉलिटिक्स का नेक्सस है। यह पार्टी के खिलाफ षड़यंत्र हैं और इसके डायरेक्टर अरविंद केजरीवाल हैं।
माझा में अपने आपको मजबूत करने के इरादे से आम आदमी पार्टी ने जिस पूर्व पुलिस अधिकारी पर दांव खेला है उस पर तो कांग्रेस के नेता भी हमला करने से बाज नहीं आए। कांग्रेस ने उन्हें श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद कोटकपूरा में सिख संगठनों के प्रदर्शन में गोली चलाने वाले कांड की जांच का जिम्मा सौंपा था, लेकिन इस जांच को लेकर हाई कोर्ट ने तीखी टिप्पणियां जांच प्रमुख कुंवर विजय प्रताप सिंह के खिलाफ कीं।
हाई कोर्ट ने कहा, हैरत की बात है कि इस षड्यंत्र में प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर सिंह बादल पर आरोप लगाने के बावजूद दोनों एफआइआर की चार्जशीट में उनको नामजद नहीं किया गया। दोनों के नाम चार्जशीट में शामिल न करने के पीछे संभव है कि इन दोनों नेताओं के खिलाफ सबूत नहीं होंगे। एक राजनीतिक दल के पक्ष में और दूसरी पार्टी के खिलाफ चुनाव प्रक्रिया के दौरान सिंह ने जांच का प्रयोग किया। हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि कुंवर विजय प्रताप सिंह ने सुविधाजनक गवाहों को अपने अनुरूप डिजाइन किया।
उधर, भारतीय जनता पार्टी ने भी कहा है कि कुंवर विजय प्रताप सिंह एक अच्छे पुलिस अधिकारी नहीं हैं। अपनी छवि उभारने के लिए शुरू से ही दूसरों को बदनाम करने के आदी रहे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता इकबाल सिंह लालपुरा ने कहा कि कुंवर ने पहली बार 2007 में डीआइजी फिरोजपुर हरदीश सिंह रंधावा, जो उनके सीनियर थे पर झूठे आरोप लगाए। जो झूठे साबित हुए। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी और कोटकपूरा गोलीकांड की जांच के मामले में इसका उपयोग राजनीतिक लाभ प्राप्त करने और झूठी प्रसिद्धि हासिल करने के लिए किया।
कुंवर ने फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार को तलब कर झूठी प्रसिद्धि हासिल करने की कोशिश की, लेकिन वह उन पर लगाए आरोपों को साबित नहीं कर सके। लालपुरा ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार को माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की कुंवर प्रताप सिंह संबंधी टिप्पणियों की गहनता से जांच करनी चाहिए। लालपुरा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल झूठे नारों की राजनीति के माहिर हैं। उन्होंने अपनी नीति के अनुसार सही चयन किया है। कांग्रेस के विधायक नवतेज चीमा ने कहा कि कोटकपूरा जांच को कुंवर विजय प्रताप ने ही खराब किया है। मुख्यमंत्री को इसका संज्ञान लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।