पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू बोले- सीएम कैसा होना चाहिए, यह मुझे आज पता चला
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू आज फार्म में दिखे। सिद्धू ने कहा कि सीएम आम आदमी की तरह काम कर रहे हैं। सीएम क्या होता है उन्हें आज पता चला। चन्नी की गूंज पूरे देश में है ।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिद्धू ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने जिन 18 मुद्दों को हल करने के लिए कहा था उसमें पांच बड़े मुद्दों की सूची हमने सरकार को सौंपी थी। इस पर आज ही काम शुरू हो जाएगा। रेत हो, पावर परचेस एग्रीमेंट जैसे मुद्दों पर आज ही बड़ा फैसला होगा। यह क्या होगा, यह मुख्यमंत्री बताएंगे। उन्होंने कहा कि लंबे समय बाद मुख्यमंत्री दफ्तर में एक आम आदमी की तरह काम होने लगा है। वह सुबह से एक कार्यकर्ता के रूप में काम रहे हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि चरणजीत सिंह चन्नी के रूप में राहुल गांधी ने एक आम घर के व्यक्ति को जो यह ओहदा सौंपा है उसकी गूंज पूरे देश में गई है। सीएम कैसा होना चाहिए, यह मुझे आज पता चला है। मुख्यमंत्री ने कामकाज संभालते ही काम करना शुरू कर दिया है।
दूसरी ओर आज मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम और पार्टी के प्रधान की संयुक्त मीटिंग के बाद उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि अब घर पर नहीं, दफ्तरों में मंत्री बैठेंगे और सारा काम यहीं से होगा। उन्होंने कहा कि वह जानते हैं कि आम लोगों को पास बनाने में दिक्कत आती है, लेकिन हमारी कोशिश होगी कि इसको ठीक किया जाए। उन्होंने कहा कि चूंकि हमारे पास समय कम है, इसलिए हर मंत्री को दस से पंद्रह घंटे काम करना पडेगा। बता दें, सुखजिंदर सिंह रंधावा मंत्री पद की दौड़ में थे। राज्यपाल से मिलने से एक घंटे पहले तक रंधावा का नाम फाइनल बताया जा रहा था। लेकिन, अंत समय में चरणजीत सिंह चन्नी ने बाजी मार दी। खास बात यह रही कि नवजोत सिंह सिद्धू का नाम मुख्यमंत्री की दौड़ में कहीं नहीं आया।
आज दरबार साहिब माथा टेकने जाएंगे चन्नी
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मंगलवार सुबह श्री दरबार साहिब में माथा टेकने जाएंगे। उनके साथ उनके परिवारिक सदस्य भी होंगे। यहीं से उनके दिल्ली जाने का भी कार्यक्रम है। इससे पहले आज सुबह मुख्यमंत्री पद का पद ग्रहण करने से पूर्व चरनजीत चन्नी चमकौर साहिब के ऐतिहासिक गुरुद्वारा कत्लगढ़ साहिब में माथा टेकने गए और उसके बाद वह दुफेड़ा वाले संतों के पास भी माथा टेकने पहुंचे।