पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजोत सिंह‍ सिद्धू को हाई कोर्ट से मिली बड़ी राहत, जानें क्‍या है मामला

पंजाब कांंग्रेस के अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ी राहत दी। हाई कोर्ट ने सिद्धू को इनकमटैक्‍स रिटर्न मामले में यह राहत दी है। सिद्धू पर आयकर का गलत एसेसमेंट देने का आरोप है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 03 Dec 2021 04:41 PM (IST) Updated:Fri, 03 Dec 2021 04:41 PM (IST)
पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजोत सिंह‍ सिद्धू को हाई कोर्ट से मिली बड़ी राहत, जानें क्‍या है मामला
पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने शुक्रवार को पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिद्धू को बड़ी राहत दी। हाई कोर्ट ने  इनकमटैक्स कमिश्‍नर को आयकर के गलत एसेस्‍मेंट मामले में सिद्धू द्वारा दायर रिवीजन याचिका पर दोबारा विचार करने का आदेए दियाहै। नवजोत सिद्धू पर वित्त वर्ष 2016-17 की गलत अस्सेस्मेंट करने का आरोप है। इसके खिलाफ सिद्धू ने इनकमटैक्स कमिश्नर के समक्ष रिजीवन दायर की थी। 

जस्टिस अजय तिवारी एवं जस्टिस पंकज जैन की खंडपीठ ने इनकम टैक्स कमिश्नर के 27 मार्च के उस आदेश को रद कर दिया है जिसके तहत इनकम टैक्स कमिश्नर ने सिद्धू की रिवीजन को ख़ारिज कर दिया था। नवजोत सिंह सिद्धू ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि उन्होंने 2016-17 की अपनी इनकम टैक्स रिटर्न में अपनी आय नाै करोड़ 66 लाख 28 हजार 470 रूपए बताई थी।

उन्‍होंने रिटर्न को 19 अक्बटूर 2016 को जमा करवा दिया था और उन्हें इसकी एक्नॉलेजमेंट भी आ गई थी। लेकिन,  उन्हें तब हैरानी हुई जब इनकम टैक्स विभाग ने 13 मार्च 2019 को उन्हें सूचित करते हुए बताया कि उनकी इस दौरान की आय 13 करोड़ 19 लाख 66 हजार 530 रुपये है। इस तरह इनकम टैक्स विभाग ने उनकी आय में 3 करोड़ 53 लाख 38 हजार 67 रूपये और जोड़ दिए। सिद्धू ने इनकम टैक्स विभाग द्वारा उनकी आय की गलत असेसमेंट किए जाने के खिलाफ इनकम टैक्स कमिश्नर (अपील) के सामने रिवीजन दायर कर इसे ठीक करने का आग्रह किया। लेकिन इनकम टैक्स कमिश्नर ने इसी साल 27 मार्च को उनकी इस रिजीवन को खारिज कर दिया था।

इनकम टैक्स कमिश्नर द्वारा 27 मार्च उनकी रिवीजन खारिज किए जाने के फैसले को सिद्धू ने हाई कोर्ट में चुनौती दी। सिद्धू ने बताया था कि उन्होंने जो रिवीजन दायर की थी वह बेहद ही मामूली आधार पर कमिश्नर ने खारिज कर दी है और उन्हें कहा गया है कि इनकम टैक्स एक्ट की धारा-264 के तहत विशेष परिस्थिति में ही रिवीजन दायर की जा सकती है, सामान्य परिस्थिति में नहीं।

सिद्धू ने हाई कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के कुछ आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि धारा-264 के तहत वह रिवीजन दायर कर सकते हैं लेकिन कमिश्नर ने उनकी दलीलों को सुना तक नहीं । ऐसे में कमिश्नर के इस आदेश को रद किए जाए। हाई कोर्ट ने मामले के सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इनकम टैक्स कमिश्नर के 27 मार्च के आदेशों को रद्द करते हुए उन्हें नए सिरे से रिवीजन पर निर्णय लिए जाने के आदेश दे दिए हैं।

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