सप्ताहभर चुप्पी के बाद पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष Navjot Singh Sidhu का ट्विटर वार, शिअद, आप और केंद्र पर बरसे

एक सप्ताह की चुप्पी के बाद एक बार फिर पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू सक्रिय हो गए हैं। इस बार कैप्टन अमरिंदर सिंह को घेरने से परहेज किया। सिद्धू ने अकाली दल आप व केंद्र सरकार पर निशाना साधा।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 08:49 PM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 08:49 PM (IST)
सप्ताहभर चुप्पी के बाद पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष Navjot Singh Sidhu का ट्विटर वार, शिअद, आप और केंद्र पर बरसे
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की फाइल फोटो।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। एक सप्ताह की चुप्पी के बाद पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर तीन कृषि कानूनों को लेकर शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी और भाजपा नीत केंद्र सरकार बरसे। उन्होंने चार विभिन्न ट्वीट और उन पर दो वीडियो जारी करके तीन कृषि कानूनों को लेकर शिअद और आप की ओर से की जा रही राजनीति की आलोचना की। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से इन कानूनों को लाने के पीछे के कारणों को भी बताया। साथ ही एक ट्वीट में वीरवार को केंद्रीय कैबिनेट की ओर से रबी की फसलों की बढ़ाई गई कीमतों पर भी कटाक्ष किया।

सिद्धू ने कहा कि जब पंजाब सरकार ने तीन कृषि आर्डिनेंस के खिलाफ सर्वदलीय बैठक बुलाई तो शिअद ने इनका पूरा समर्थन किया और पारित किए गए प्रस्ताव से अपने आप को दूर रखा। यही नहीं, तीन सितंबर को प्रकाश सिंह बादल ने एक वीडियो डालकर इन आर्डिनेंस का समर्थन किया। सात सितंबर 2020 को हरसिमरत बादल ने भी प्रेस कान्फ्रेंस करके आर्डिनेंस को किसानों के लिए बढ़िया बताया, लेकिन जब लोगों ने इनका घरों से निकलना बंद कर दिया तो दबाव आकर सरकार से इस्तीफा दिया। सिद्धू ने कहा कि इससे पहले हरसिमरत बादल ने तीन बार इन आर्डिनेंस पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने पूछा कि अगर उनकी इन बिलों को लेकर असहमति थी तो वह असहमति नोट सार्वजनिक क्यों नहीं करतीं।

Sukhbir Badal supported Farm Laws at all party meet in June 2020, Prakash S. Badal & Harsimrat Badal made videos favouring Farm Laws up-till Sept 2020 before u-turn under Public Pressure … AAP’s Delhi Govt implemented Farm Laws in Private Mandis while faking support to Farmers ! pic.twitter.com/AMOuhFbiYO

— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) September 9, 2021

सिद्धू ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने भी एक अप्रैल 2020 को इन कानूनों को नोटिफाई कर दिया। हालांकि बाद में उन्होंने विधानसभा का सत्र बुलाकर इन कानूनों को फाड़ दिया लेकिन इसे डीनोटिफाई नहीं किया। सिद्धू ने आरोप लगाया कि तीनों कानून न केवल किसानों को बल्कि छोटे व्यापारियों को नुकसान पहुंचाने वाले हैं । उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश के बागबान जो पिछले कई सालों एक बड़े कार्पोरेट को अपना सामान बेच रहे थे ने इस बार 16 रुपए प्रति किलो कम कर दिया है। इसी तरह सरकार ने सरसों समेत सभी खाद्य तेलों को खुले में बेचने पर पाबंदी लगा दी है।

NDA means No Data Available about Farmers, Labour & Small Traders … Govt only knows about its rich corporate friends, whose debt it waives-off, whose planes it travels in & who make their Policies, such as the three Farm Laws, which benefit 0.1%, while looting the 70% of Indians pic.twitter.com/lUvxgqs05n

— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) September 9, 2021

सिद्धू ने कहा कि साफ है कि सरकार खाद्य तेलों पर बड़ी कंपनियों का कब्जा करवाना चाहती है। उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानून अचानक नहीं बने हैं बल्कि अगस्त 2014 में बनाई गई शांता कुमार कमेटी की सिफारिशों पर तैयार किए गए हैं, जिसने एफसीआइ को भंग करके खरीद का सारा काम प्राइवेट कंपनियों के हवाले करने, एमएसपी पर बोनस देने पर राज्यों से खरीद न करने, एफसीआइ से स्टोरेज का काम लेकर प्राइवेट कंपनियों को सौंपने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में 40 फीसद लोगों को कम करने की सिफारिश की थी।

Farmer Income - No Data Available

Farmer Suicide - No Data Available

Job Loss - No Data Available

Migrant Labour - No Data Available Now NDA means No Data Available

— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) September 9, 2021

नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुणी करने का दम जरूर भरती है, लेकिन गेहूं की एमएसपी मात्र 2 फीसदी बढ़ाई है जबकि इसके मुकाबले में डीजल की कीमतें 48 फीसदी,डीएपी 140 फीसदी बढ़ चुकी हैं। उन्होंने एनडीए को नो डाटा अवेलबल बताया और कहा कि सरकार के पास किसी किस्म का कोई डाटा नहीं है। 

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