Congress Internal Politics: पंजाब कांग्रेस में सुलगने लगी आग, बेअदबी मुद्दे पर खड़ा होने लगा अलग धड़ा
पंजाब कांग्रेस में अंदरूनी राजनीति गरमाने लगी है। बेअदबी के मुद्दे पर धड़ेबंदी चल रही है। परेशानी का सबब यह है कि इस धड़े में कैप्टन के कई करीबी विधायक और मंत्री भी जा रहे हैं। नवजोत सिंह सिद्धू भी प्रतिद्वंदियों में शामिल हैं।
जेएनएन, चंडीगढ़। श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मुद्दे को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ कांग्रेस में एक अलग धड़ा बनने लगा है। परेशानी का सबब यह है कि इस धड़े में कैप्टन के कई करीबी विधायक और मंत्री भी जा रहे हैं। इससे भी बड़ी चिंता की बात यह है कि अलग धड़े की बैठकों में कैप्टन के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल हो रहे हैं।
एक हफ्ते पहले मुख्यमंत्री ने विधायकों को मन को तलाशने की जो बैठकें की थीं उससे यह आस बनने लगी थी कि आने वाले दिनों में कुछ न कुछ होकर रहेगा। नई एसआइटी बनाने की फाइल मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग ने एक सप्ताह पहले भेज दी थी। ये सब बातें विधायकों को निराश कर रही हैं। इसी को लेकर दो बैठकें हुईं, जिनमें से एक पंचकूला में हुई बताई जाती है। इसमें नवजोत सिंह सिद्धू, सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा, तकनीकी शिक्षा मंत्री चरणजीत चन्नी, विधायक कुश्लदीप ढिल्लों, परगट सिंह, बरिंदरजीत सिंह पाहड़ा और फतेहजंग बाजवा भी शामिल थे।
ऐसा नहीं है कि इस तरह की मीटिंग विधायकों और मंत्रियों में पहली बार हुई है। सरकार के शुरू के साल में भी चालीस विधायकों की मीटिंग इसी मुद्दे पर हुई थी, लेकिन कैप्टन ने इसे शांत कर लिया। सरकार के तीसरे साल में जब एक बार फिर यह आग सुलगने लगी तो कुछ विधायकों को अपना सलाहकार बनाकर इसे शांत कर लिया। अब सरकार के अंतिम साल में एक बार फिर से बुझी हुई राख से आग भड़काने की कोशिशें की जा रही हैं।
दरअसल, बात सिर्फ और सिर्फ बेअदबी मामले के आरोपितों को सजा दिलाने की नहीं है। कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने से पहले प्राइवेट सेक्टर से हुए बिजली समझौतों को भी रद करने का वादा किया था, ताकि आम लोगों को सस्ती बिजली मिल सके, लेकिन यह वादा भी पूरा नहीं किया। आम आदमी पार्टी ने पंजाब में महंगी बिजली को ही मु्द्दा बनाया हुआ है जो आम लोगों को काफी अपील कर रहा है।
कांग्रेसी विधायकों को इससे अपनी राजनीतिक जमीन खिसकती नजर आ रही है। अब कैप्टन अमरिंदर सिंह कह रहे हैं कि सरकार समझौतों को रद नहीं कर सकती लेकिन ये तकनीकी बातें न तो विधायकों को समझ में आ रही हैं और न ही वे आम वोटरों को समझा पा रहे हैं। अकाली दल के साथ मिलीभगत का बन रहा नेरेटिव भी पार्टी तोड़ने में नाकामयाब रही है। बैठकें कर रहे विधायकों में यही मुद्दा सबसे अहम है कि इस नेरेटिव को कैसे तोड़ें।
बाजवा ने भी कैप्टन से कहा, बेअदबी मुद्दे पर सांसदों की बुलाएं बैठक
राज्य सभा सदस्य प्रताप सिंह बाजवा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पत्र लिखकर मांग की है कि बेअदबी के मुद्दे पर सांसदों की बैठक बुलाई जाए, ताकि इस पर आगे की कार्रवाई की जा सके। उन्होंने यह भी मांग की कि इस बैठक बेअदबी मामलों की जांच करने वाले जस्टिस रंजीत सिंह, पूर्व जज मेहताब सिंह गिल, डीजीपी दिनकर गुप्ता और एडवोकेट जनरल अतुल नंदा को भी बुलाया जाए।
बाजवा ने कहा कि आपने चार मई को सांसदों के साथ मीटिंग रखी थी जो कोविड के कारण रद कर दी और कोविड पर सांसदों के साथ की गई 6 मई की मीटिंग में हमने यह मुद्दा इसलिए नहीं उठाया, क्योंकि कोविड जैसे मसले पर बात होनी थी। उन्होंने कहा कि अब मौका है कि आप आने वाले दिनों में सांसदों के साथ बेअदबी मामले में बैठक रखें।