कैप्टन और सिद्धू की सुलह से पंजाब कांग्रेस खुश, जाखड़ बोले- 2022 चुनाव के लिए शुभ संकेत

पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू में सुलह से राज्‍य कांग्रेस में खुशी है। पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष सुनील जाखड़ इससे बेहद उत्‍साहित हैं। उनका कहना है कि यह 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए शुभ संकेत हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 08:28 AM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 08:28 AM (IST)
कैप्टन और सिद्धू की सुलह से पंजाब कांग्रेस खुश, जाखड़ बोले- 2022 चुनाव के लिए शुभ संकेत
पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और पूर्व मंत्री नवजाेत सिंह सिद्धू की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू में सुलह से कांग्रेस बेहद खुश है। पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष सुनील जाखड़ इससे बेहद उत्‍साहित हैं। सुनील जाखड़ का कहना है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच की दूरियां खत्म होना 2022 विधानसभा चुनाव के लिए शुभ संकेत है। इससे पार्टी का एकजुट चेहरा सामने आता है।

विधानसभा चुनाव में भाजपा की ध्रुवीकरण वाली राजनीति से मुकाबला

जाखड़ ने एक खास बातचीत में कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का मुकाबला किसी राजनीतिक पार्टी से नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी की ध्रुवीकरण वाली राजनीति से होना है। ऐसे में दोनों नेताओं का साथ आना पार्टी को बल देगा। सिद्धू को सूझवान नेता बताते हुए जाखड़ ने कहा, देर से ही सही लेकिन दोनों ही नेताओं की दूरियां खत्म हो गई है। अहम बात यह है कि एक कदम अगर मुख्यमंत्री ने बढ़ाया तो एक कदम सिद्धू ने। महज एक-एक कदम बढ़ाने से पंजाब में कांग्रेस के एकजुटता का चेहरा उभर कर सामने आ गया। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से आगामी विधानसभा चुनाव कुछ अलग होंगे।

दोनों नेताओं के एक साथ आने से कांग्र्रेस डटकर लड़ेगी चुनाव

उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस राज्‍य में भाजपा की ध्रुवीकरण वाली राजनीति से मुकाबला करने के लिए तैयार है। कमोवेश तीन कृषि कानून के पीछे भी भाजपा की ध्रुवीकरण की राजनीति की सोच काम कर रही है। मतों का विभाजन भाजपा की रणनीति का हिस्सा रही है। वह जिस भी राज्य में चुनाव लड़ती है तो वहां पर इसी रणनीति को अपनाती है। जब पूरा पंजाब किसानों के साथ कंधे से कंधा जोड़ कर खड़ा था तब ट्रेनों का परिचालन रोक कर भी भाजपा ने यही रणनीति अपनाई लेकिन भाजपा यह भूल गई है कि पंजाब में कभी भी विभाजन की राजनीति कामयाब नहीं हुई है।

एक सवाल के जवाब में जाखड़ ने कहा, अकाली दल आज अपनी ही नीतियों के कारण रसातल में जा चुकी है। पंथक होने का नकाब उनके चेहरे से पहले ही उतर गया है। किसानों ने भी अकाली दल का दोहरा चरित्र देख लिया है। यही कारण है कि किसान अब अकाली दल को करीब भी नहीं फटकने दे रहे हैं। आम आदमी पार्टी को लोग पहले ही नकार चुके हैं। आप को लोगों का समर्थन नहीं मिल रहा है।

अंतिम बार लिफाफे से निकला एसजीपीसी का प्रधान

सुनील जाखड़ नेे शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल पर भी हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि इस बार अंतिम बार उन्होंने (सुखबीर) लिफाफे से एसजीपीसी का प्रधान लगाया है। एक तरफ किसान अपनी हक की लड़ाई लड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ सुखबीर बादल अपनी एटीएम (एसजीपीसी की गुल्लक) संभालने में जुटे हुए हैं। केंद्र सरकार ने गुरुद्वारा इलेक्शन कमीशन का चेयरमैन लगा दिया है। चुनाव होंगे तो राजनीति की तरह एसजीपीसी पर से भी शिरोमणि अकाली दल का कब्जा खत्म हो जाएगा।

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