कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, टांडा में बच्ची सेे दुष्कर्म व हत्या मामले में इसी सप्ताह होगा चालान पेश

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि होशियारपुर के टांडा में बच्ची से दुष्कर्म व हत्या मामले में आरोपितों के खिलाफ चालान इसी सप्ताह पेश कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि होशियारपुर की घटना में आरोपितों को तत्काल पकड़ा गया जबकि हाथरस की घटना में आरोपितों को बचाया गया था।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 04:05 PM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 04:05 PM (IST)
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, टांडा में बच्ची सेे दुष्कर्म व हत्या मामले में इसी सप्ताह होगा चालान पेश
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की फाइल फोटो।

जेएनएन, चंडीगढ़। टांडा (होशियारपुर) में बिहार की छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद हत्या कर शव जलाने की घटना को लेकर राजनीति गरमा गई हैैै। भाजपा जहां बिहार में इसे चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है, वहीं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घोषणा की है कि इस मामले में आपोरित दोनों व्यक्तियों का चालान पंजाब पुलिस इसी सप्ताह अदालत में पेश करेगी। कैप्टन ने फिर दोहराया कि हाथरस और होशियारपुर के मामले की तुलना की नहीं जा सकती है, क्योंकि यहां पर आरोपितों को तुरंत पकड़ लिया गया, जबकि हाथरस में ऐसा नहीं हुआ था।

कैप्टन ने कहा कि हाथरस में दलित युवती के साथ दुष्कर्म मामले में परिवार को इंसाफ नहीं मिल रहा था। इस कारण राहुल गांधी और प्रियंंका गांधी को पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलवाने के लिए वहां जाना पड़ा, जबकि होशियारपुर कांड में पुलिस ने तुरंत अपनी कार्रवाई की। राष्ट्रीय स्तर पर मुद्दा उछलने के बाद कैप्टन ने यह भी घोषणा कर दी कि इस मामले में इसी सप्ताह चालान पेश कर दिया जाएगा।

इस मामले में मुख्यमंत्री की घोषणा इस बात के साफ-साफ संकेत देती है कि कांग्रेस किसी भी सूरत में भाजपा को बिहार में इस मुद्दे को कैश नहीं करने देना चाहती है। कांग्रेस को पता है कि नाबालिग लड़की से जुड़ा हुआ मामला बिहार चुनाव में कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।

पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए जब मु्ख्यमंत्री से उनके बेटे रणइंदर को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा नोटिस दिए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं था जब एजेंसी ने उनके परिवार को समन जारी किया था। वहीं, मुख्यमंत्री के स्वर नवजोत सिंह सिद्धू के प्रति भी नरम दिखाई दिए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "नवजोत सिद्धू को दरकिनार किया गया है?"

अकाली दल द्वारा कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के साथ मिलीभगत करने के लगाए जा रहे आरोपों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि "हर कोई जानता है कि कौन किसके साथ काम कर रहा है।" उन्होंने कहा कि अकालियों का भाजपा के साथ मिला हुआ है, उन्होंने एनडीए को दबाव में छोड़ दिया, लेकिन अभी भी साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरसिमरत कौर बादल स्पष्ट रूप से किसान विरोधी अध्यादेश लाने में शामिल थी और वह तब केंद्रीय कैबिनेट में शामिल थी जब केंद्र सरकार द्वारा इसे लाया गया था। अकालियों ने क्या किया? जबकि मेरी सरकार ने केंद्रीय कानूनों को अस्वीकार करने के लिए विधानसभा में बिल लेकर आई।

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