पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह का पोते और शमशेर दूलो के भतीजे के शामिल होने से पंजाब भाजपा में उत्साह

Punjab BJP पंजाब में किसानों के विरोध के बीच भाजपा में दाे नेताओं के शामिल होने से उत्‍साह है। पूर्व राष्‍ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पोते इंद्रजीत और कांग्रेस सांसद शमशेर सिंह दूलो के भतीजे के शामिल होने से पंजाब में भाजपा के नेता खुश हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 08:58 AM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 08:58 AM (IST)
पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह का पोते और शमशेर दूलो के भतीजे के शामिल होने से पंजाब भाजपा में उत्साह
पंजाब भाजपा में कई नेताओं के शामिल होने से उत्‍साह है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Punjab BJP : पंजाब में किसान संगठनों के विरोध के बीच भाजपा में नया उत्‍साह पैदा हुआ है। भारतीय जनता पार्टी के नेता पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पोते इंद्रजीत सिंह और अनुसूचित जाति के बड़े नेता व राज्य सभा सदस्य शमशेर दूलो के भतीजे निर्मल सिंह के पार्टी में शामिल होने से काफी उत्‍साहित हैं। इंद्रजीत सिंह दिल्ली में भाजपा के मुख्यालय में शामिल हुए तो निर्मल चंडीगढ़ में शामिल हुए। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा, महासचिव डॉ. सुभाष शर्मा, राजेश बागा, दयाल सिंह सोढ़ी, हरजीत सिंह गरेवाल आदि ने दोनों का भाजपा में स्वागत किया है।

काबिले गौर है कि कुछ समय पहले ही भाजपा के संगठन मंत्री दिनेश कुमार ने कहा था कि पंजाब में अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्ग का साठ फीसदी से ज्यादा वोट बैंक है लेकिन इन्हें कभी मुख्यमंत्री का पद नहीं दिया गया। 1972 में ज्ञानी जैल सिंह का परिवार पिछड़े वर्ग से आता है। ज्ञानी जैल सिंह ने पंजाब के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली थी और बाद में भारत के राष्ट्रपति भी बने। लेकिन, इसके बाद से यह वर्ग अपने लिए उपयुक्त स्थान ढूंढता आ रहा है। भाजपा ने कहा है कि वह  2022 के चुनाव में इन्हीं वर्गों से अपना मुख्यमंत्री का उम्मीदवार चुनेगी।

पार्टी अपने इसी इरादे पर आगेे बढ़ रही है। दो दिन पहले ही पार्टी ने प्रदेश के पूर्व पुलिस अधिकारी इकबाल सिंह लालपुरा को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का और उससे पहले विजय सांपला को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का चेयरमैन लगाकर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे।

यह भी महत्वपूर्ण है कि तीन कृषि कानूनों को लेकर प्रदेश में भाजपा को किसान संगठनों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी के कई नेताओं का न केवल घेराव हो चुका है बल्कि उनके साथ मारपीट भी की गई है। उनके घरों के सामने प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इसके बावजूद पार्टी में दूसरी पार्टियों के बड़े चेहरों की अगली पीढ़ियों का आना यह साबित करता है कि जट सिख प्रभावी राजनीति का विकल्प तैयार हो रहा है।

पंजाब भाजपा के प्रधान अश्वनी शर्मा ने कहा कि भाजपा की लोकप्रियता तथा केंद्र सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर भाजपा परिवार लगातार बड़ा हो रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता भाजपा परिवार में शामिल होने वाले अपने नेताओं की फ़ौज देकर बौखलाए हुए हैं और भाजपा को रोकने की असफल कोशिश में उसके कार्यालयों तथा नेताओं व कार्यकर्ताओं पर जानलेवा हमले कर रहे हैं। उनके पास भाजपा को रोकने का कोई विकल्प नहीं है। इसलिए वे पहले किसानों के नाम पर अपने कार्यकर्ताओं से हमले करवा रहे थे, लेकिन अब लुधियाना में इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के घोटाले में कांग्रेस नेताओं व ट्रस्ट के अधिकारीयों की मिलीभगत सामने आने से बौखलाए कांग्रेसियों ने सीधे आमने-सामने की लड़ाई शुरू कर दी है।

डा. सुभाष शर्मा ने बताया कि भाजपा में शामिल होने वालों में कांग्रेसी सांसद शमशेर सिंह दूलो के भतीजे व कांग्रेस के पूर्व ज्वाइंट सचिव पंजाब निर्मल सिंह दूलो (खन्ना), कांग्रेसी कार्यकर्त्ता जय गोपाल वर्मा, कैप्टन रशपाल सिंह, अमरजीत मशाल, बलबीर सिंह, अमोलजीत सिंह, जसवंत सिंह, मलकीत सिंह, जंग सिंह, लवप्रीत सिंह, गुरदीप सिंह, दर्शन सिंह, जतिंदर पाल सिंह, गंगा राम आदि खन्ना से अपने साथियों सहित भाजपा परिवार में शामिल हुए हैं।

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