Bharat Bandh : पंजाब में पठानकोट काे छोड़कर किसान संगठनों के बंद का व्‍यापक असर, बटाला मेें एंबुलेंस रोकी

Bharat Bandh कृषि विधेंयकों के खिलाफ भारत व पंजाब बंद का राज्‍य में व्‍यापक असर हुआ। राज्‍य में बाजार बंद रहे। सड़क व रेल यातायात ठप रहे। किसानों ने रेललाइनों के साथ ही सड़काें पर टेंट लगा दिया। पठानकोट में बंद का असर नहीं हुआ।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 07:54 AM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 06:52 PM (IST)
Bharat Bandh : पंजाब में पठानकोट काे छोड़कर किसान संगठनों के बंद का व्‍यापक असर, बटाला मेें एंबुलेंस रोकी
पंजाब के बरनाला में प्रदशैन करते किसान संगठन के सदस्‍य।

चंडीगढ़, जेएनएन।  Bharat Bandh : पंजाब में भारत बंद (Bharat Bandh) और पंजाब बंद (Punjab bandh) का व्‍यापक असर हुआ। राज्‍य में अधिकतर हिस्‍सों में बाजार बंद हैं और सड़क व रेल यातायात ठप रही। राज्‍य में बसें और ट्रेनेंं नहीं चलीं। किसानों ने विभिन्‍न जगहों पर किसानों ने टेंट लगा दिए। रेल लाइनाें पर वीरवार से ही किसाज जमे हुए हैं। वैसे राज्‍य मे पठानकोट में बंद का खास असर नहीं रहा और दुकानें व बाजार खुले रहे। सड़कों पर यातायात सामान्‍य था। बटाला में किसान संगठनों ने एक एंबुलेंस को रोेक दिया।

बता दें कि राज्‍य में 31 किसान संगठन केंद्र सरकार के कृषि विधेयकों के खिलाफ बंद केया। राजनीतिक पार्टियाें और कई अन्‍य संगठनों  ने भी  पंजाब बंद का समर्थन किया। राज्‍यभर मेें बंद के समर्थन में किसान संगठनों के सदस्‍य और अन्य लोग प्रदर्शन किया। किसानों ने कई जगहों पर सड़कों पर टेंट लगा दिए और धरने पर बैठ गए।

पंजाब बंद का पूरा असर, सड़कों पर किसानाें ने टेंट लगाया

किसानों और राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने स्तर पर धरने और प्रदर्शन किया। बता दें कि किसानों के 31 संगठनों ने इस बंद का आह्वान किया था और इसमें आढ़तियों के दोनों ग्रुप भी शामिल रहे। दोधियों ने भी ऐलान किया था कि वे दूध आदि की सप्लाई नहीं करेंगे। इससे शहरों में दूध, सब्जियों आदि की सप्लाई प्रभावित हुई।

पठानकोट में दुकानें खुली हैं और सड़कों पर लोगों का आवागमन सामान्‍य रहा।

दूसरी ओर पठानकोट में भारत बंद और पंजाब बंद का असर नहीं दिखाई दिया। शहर में बाजार खुले रहे। शहर में बंद का असर नहीं हआ। रोजाना की तरह बाजार खुले रहे और सड़कों पर लोगों का आवागमन हुआ। हालांकि बस सेवा बंद रही, लेकिन लोग अपने वाहनों से आ जा रहे थे| बंद को लेकर  हर चौक व अहम स्थानों पर भारी संख्‍या में पुलिसकर्मी तैनात रहे।

मानसा जिले मेें भी भारत बंद (Bharat Bandh) और पंजाब बंद (Punjab bandh) का व्‍यापक असर हुआ जिले  के सरदूलगढ़ की सिरसा-मानसा रोड सहित जिले के विभिन्‍न मार्गों पर 31 जत्थेबंधियों द्वारा जाम लगाया गया। संगरूर जिले में भी किसान सहित अन्‍य संगठनों ने प्रदर्शन किया और सड़कों पर धरना देकर यातायता बंद किया। संगरूर शहर में युवाओं ने बाइक रैली निकाली। शहर सहित जिले के अन्‍य हिस्‍सों में अधिकतर बाजार बंद हैं और सड़क व रेल यातायात ठप रही।

बटाला में एंबुलेंस को रोका, बहस के बाद जाने दिया

गुरदासपुर में भी बंद का व्‍यापक असर हुआ। किसान संगठनों के साथ कांग्रेस व शिरोमणि अकाली दल के कार्यकताओं ने धरना दिया व प्रदशैन किया। बटाला में किसान संगठनाें के कुछ सदस्‍यों द्वारा असंवेदनशीलता दिखाने का मामला भी सामने आया। यहां किसान संगठनों के सदस्‍याें ने गुरदासपुर सिविल अस्पताल की एंबुलेंस को रोक दिया। ये लाेग एंबुलेंस केा रोककर उसके ड्राइवर के साथ बहसबाजी करते रहे। उन्‍होंने लगभग 10 मिनट तक एंबुलेंस को रोके रखा। गुरदासपुर के बबरी बाईपास चौक में शिअद के जिला प्रधान गुरबचन सिंह बब्बेहाली के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने धरना दिया। बटाला से शिरोमणि अकाली दल के विधायक लखबीर सिंह लोधी नंगल अपनी पार्टी के वर्करों कार्यकर्ताओं तथा किसान विंग के कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन किया।

 रूपनगर में शिअद कार्यकतार्ओं के साथ प्रदर्शन करते पूर्व मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा।

रूपनगर जिले में भी बंद का काफी असर हुआ। बाजार बंद रहेऔर सड़क यातायात भी बंद रहा। रूपनगर पुलिस लाइन के पास चंडीगढ़ हाइवे पर किसानों के समर्थन में अकाली दल के नेताओं व कार्यकर्ता ने धरना दिया। धरने में पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ दलजीत सिंह चीमा भी शामिल हुए। नंगल में भी किसान संगठन ने धरना दिया और प्रदर्शन किया। किसानों ने नंगल डैम से गुजरते राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया।

बठिंडा में प्रदर्शन करते वि‍भिन्‍न संगठनों के सदस्‍य।

बठिंडा में भी बंद का व्‍यापक असर हुआ। यहां बाजार बंद रहे और सड़क व रेल यातायात पूरी तरह ठप रहा। बठिंडा के कृषि विधेयक के खिलाफ भाई घनहेय चौक में किसान संगठनों ने जाम लगाया और प्रदर्शन किया। मानसा में पंजाबी गायकों ने भी पंजाब बंद का समर्थन किया। जिले के पंजाबी गायकों शुभदीप सिंह सिद्दू मूसेवाला, आरनेत, व अनमोल गगन मान भी धरना में शामिल हुए। नाभा में पंजाबी गायक हरभजन मान भी किसानों के समर्थन में प्रदर्शन और धरने में शामिल हुए।

फरीदकोट में सड़क पर टेंट लगाकर धरना देते किसान संगठनों के नेता व सदस्‍य।

बरनाला में भी पंजाब बंद का व्‍यापक असर हुआ। सदर बाजार सहित शहर में दुकानें व मार्केट बंद रहे। बरनाला में  31 किसान संगठनों  के सदस्‍यों ने रोष मार्च निकाला। फरीदकोट जिले में भी कृषि विधेयक के विरोध में किसान संगठनों के पंजाब बंद व्यापक असर रहा। जिले के सभी छोटे-बड़े बाजार बंद रहे। शहर में सुरक्षा के व्‍यापक प्रबंध किए गए। जिले के सभी थानों के पुलिस बल को अलर्ट पर रखे जाने के साथ पुलिस लाईन में रिजर्व में रखे गए 1000 जवानों को मुस्तैद रहने के आदेश दिए।   

अमृतसर में कृषि विधेयक के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ किसान जत्थे बंदियों द्वारा किए गए पंजाब बंद का व्‍यापक असर हुआ। अमृतसर शहर सहित जिलेभर में बंद समर्थक प्रदर्शन किया। बाजार और दुकानें बंद थे। इसके साथ ही सड़क और रेल यातयात  ठप रहे। पूरे शहर मेें सुरक्षा के कडे प्रबंध किए गए। अमृतसर में किसानों के बंद के समर्थन में पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के कलाकार हरदीप गिल व अनीता देवगन भी पहुंचे और प्रदर्शन में भाग लिया। 

अमृतसर में किसानों के समर्थन में प्रदर्शन करते पंजाबी फिल्‍म कलाकार हरदीप गिल व अनीता देवगन।

बटाला में भी बंद का असर दिखा। किसान संघर्ष कमेटी द्वारा दाना मंडी में कृषि विधेयक के खिलाफ केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। बटाला शहर में अधिकतर बाजार बंद हैं और सड़क यातायात भी ठप है। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है और जगह-जगह पुलिस कर्मियों को तैनात हैं।

तरनतारन में भी बंद पूरी तरह सफल दिख रहा है। कृषि विधेयकों के खिलाफ किसान मजदूर संघर्ष कमेटी की ओर से पंजाब बंद के आह्वान किया गया था जिलेभर में पूरा असर दिखाई दे रहा था। सड़कें  सूनी थीं और बाजार बंद रहे। पंजाब बंद को विभिन्न दुकानदार संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया। वकीलों, डीसी दफ्तर कर्मचारियों ने भी किसानों के साथ खडेे रहने का फैसला किया। पट्टी, खेमकरण, सरहाली, भिखीविंद, झबाल, सुर सिंह, खादूर साहिब, गोइंदवाल साहिब, चोहला साहिब मुकम्मल बंद रहा।

हाेशियारपुर के गढ़शंकर में सड़क पर टेंट लगाकर धरना देते पंजाब बंद के समर्थक।

होशियारपुर में भी बंद का व्‍यापक असर रहा। होशियारपुर के कस्बा माहिलपुर, सैला खुर्द व गढ़शंकर में किसानों  धरना दिया और प्रदर्शन किया। किसानों ने सड़क पर टेंट लगा दिया और सड़क मार्ग जाम कर दिया। जिले के अन्‍य हिस्‍सों में भी किसान प्रदर्शन कर रहे थे। जिलेभर में अधिकतर बाजार बंंद हैं और रेल व बस सेवा बंद रही।

बरनाला में किसान ने अपने ट्रैक्‍टर को जलाया

बरनाला में कृषि विधेयकों के विरोध मेंं अपने ट्रैक्‍टर मेें आग लगा दी। किसान दविंदर सिंह बीहला ने ट्रैक्टर को  आग लगा दी। उसने कहा कि ट्रैक्टर मेरा बेटा है अगर मेरा खेत ही नहीं रहेगा तो मेरा बेटा ही नहीं रहेगा। उसने बरनाला हाईवे नजदीक टांडिया ढाबा पर ट्रैक्टर को आग लगाई।

संगठनों ने कहा है कि बाजारों आदि को बंद करवाने के लिए कोई जोर जबरदस्ती नहीं की जा गई। भाकियू के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि लोग खुद ही बंद में हमारा साथ दिया। हमने उनसे बंद को पूरी तरह कामयाब करने को कहा और समझाया कि यह मसला अकेला किसानों का नहीं है बल्कि राज्य की पूरी आर्थिकता से जुड़ा है।

उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जहां किसानों से अपील किया कि वे अमन कानून की स्थिति को बनाए रखें, वहीं उन्होंने सभी राजनीतिक पार्टियों को संकीर्ण राजनीतिक हितों से ऊपर उठने का आह्वान किया। किसानों के हितों की हर कीमत पर रक्षा करने संबंधी अपनी वचनबद्धता दोहराते हुए कैप्टन ने कहा कि वह गैर संवैधानिक किसान विरोधी विधेयकों के खिलाफ सियासी लड़ाई लड़ने की अगुवाई करने को तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि ये कानून हमारे खेती सेक्टर को खोखला कर देंगे। कैप्टन ने कहा कि भाजपा सरकार इन विधेयकों को पारित करने के लिए निचले स्तर पर चली गई है जो पूरी तरह से गैर लोकतांत्रिक है। उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस के सहयोग से उनकी सरकार इन कानूनों की जोरदार मुखालफत करेगी।

उन्‍होंने अकालियों द्वारा पंजाब बनाम केंद्र की लड़ाई को अपने संकीर्ण सियासी हितों की पूर्ति के लिए जानबूझकर स्थानीय राजसी टकराव में बदलने की कोशिशे करने का आरोप लगाया। कैप्टन ने कहा कि इन्होंने शिअद का इतिहास बदल दिया है। अब ये राजनीतिक ताकत की बजाए भाजपा के हाथों की कठपुतली बनकर रह गई है।

अमृतसर, बरनाला, संगरूर व नाभा में रेलवे ट्रैक पर डटे किसान, लगा पक्का मोर्चा

विधेयकों के विरोध में किसानों ने वीरवार को ही विभिन्‍न स्‍थानों पर डेरा डाल रखा है। वीरवार को अमृतसर, पटियाला, संगरूर और बरनाला में किसानों ने रेलवे ट्रैक पर टैैंट लगाकर पक्का मोर्चा लगा लिया। किसान संगठनों के अनुसार शनिवार रात तक बच्चों व महिलाओं के साथ किसान ट्रक पर ही डटे रहेंगे। किसानों के आंदोलन के कारण रेलवे ने बुधवार को ही तीन दिन तक ट्रेनें न चलाने का एलान कर दिया था। वहीं, पंजाब रोडवेज कर्मचारियों की यूनियनों और निजी बस आपरेटरों ने आंदोलन को समर्थन दिया है। आज पंजाब में सरकारी व निजी बसों का संचालन भी नहीं होगा।

1 अक्टूबर से फिर जाम होंगे रेलवे ट्रैक

अमृतसर के गांव देवीदासपुरा में दिल्ली-अमृतसर ट्रैक पर बड़ी संख्या धरने पर बैठे किसानों ने प्रस्ताव पारित कर 1 अक्टूबर से अनिश्चित समय के लिए रेल रोकने का ऐलान कर दिया है।

बरनाला में स्टेशन के प्लेटफार्म के बीच ट्रक पर लगाए टैैंट

किसानों ने बरनाला रेलवे स्टेशन के दोनों प्लेटफार्म के बीच टैैंट लगाकर धरना शुरू कर दिया है। बिना मास्क पहने और शारीरिक दूरी के नियमों का पालन न करते हुए किसान पूरा दिन केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। संगरूर के गांव छाजली और पटियाला के नाभा में रेलवे ओवरब्रिज के नीच भाकियू एकता उग्राहां ने प्रदर्शन किया। 

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