पंजाब और केंद्र सरकार आमने सामने, एक्ट में संशोधन न होने पर केंद्र ने फिर रोकी आरडीएफ की रकम
पंजाब सरकार और केंद्र सरकार फिर आमने सामने हैं। केंद्र सरकार ने पंजाब की मंडियों में बिकने वाले अनाज पर लगाए गए तीन फीसदी ग्रामीण विकास फंड (आरडीएफ) की रकम रोक दी है। ऐसा इस संबंध में एक्ट में विधानसभा में संशोधन न करने के कारण किया गया है।
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब की मंडियों में बिकने वाले अनाज पर लगाए गए तीन फीसदी ग्रामीण विकास फंड (आरडीएफ) को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार और पंजाब सरकार आमने सामने हैं। हाल ही में धान की फसल खरीद पर मिलने वाले तीन फीसदी आरडीएफ को केंद्र सरकार ने फिर से रोक लिया है। खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशू ने आरडीएफ को रोके जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है कि हम केंद्र सरकार के संपर्क में हैं उन्हें जिन चीजों को लेकर ऐतराज है हम उन्हें दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।
ऐसा लगातार दूसरे साल हो रहा है जब पंजाब का आरडीएफ का पैसा रोका गया है। आरडीएफ की राशि को किसानों की कर्ज माफी, गांवों में स्कूल और अस्पतालों पर खर्च करने को लेकर केंद्र सरकार को ऐतराज है। इसी कारण केंद्र सरकार बार- बार यह राशि रोक रही है। केंद्रीय खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री पीयूष गोयल के साथ पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत बादल और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशू की कई दौर की बातचीत हुई। इसके बाद केंद्र सरकार इसे रिलीज करने को राजी हो गई थी।
इसी साल के अप्रैल महीने में मनप्रीत बादल और पीयूष गोयल के बीच मीटिंग हुई थी। इसमें मनप्रीत बादल ने गोयल को बताया था कि आरडीएफ राज्य सरकार का स्टेचुरी फंड है, जिसे विधानसभा में बिल पारित करके कहां कहां खर्च किया जा सकता है उसका प्रावधान किया है। केंद्र सरकार इसे रोक नहीं सकती। इसके साथ ही गोयल के साथ बैठक में मनप्रीत बादल आश्वासन दिया कि अगर केंद्र सरकार को ऐतराज है तो किसानों की कर्ज माफी , अस्पताल और स्कूलों पर इसे खर्च न करने संबंधी कानून में संशोधन कर देंगे। लेकिन, पिछला बकाया पंजाब सरकार को रिलीज किया जाए।
पीयूष गोयल ने इस पर सहमति देते हुए 23 जुलाई को आरडीएफ का रुका हुआ 1500 करोड़ और प्रशासनिक खर्चों का रोका गया 1700 करोड़ रिलीज कर दिया। लेकिन, जुलाई से लेकर नवंबर तक पंजाब विधानसभा के दो विशेष सत्र बुलाने के बावजूद सरकार ने आरडीएफ में संशोधन नहीं किया। इस कारण इस बार धान की खरीद संबंधी विभिन्न मदों में केंद्र सरकार कितना पैसे राज्य सरकार को देगी, इसके लिए भेजी जाने वाली प्रोविजनल कॉस्ट शीट में आरडीएफ को जीरो दिखाया गया है।
भारत भूषण आशू ने बताया कि आरडीएफ के रूप में हमें 1091 करोड़ रुपए मिलने थे। इसे लेने के लिए पहले भी हमने प्रयास किए थे जिस कारण हम केंद्र से 3500 करोड़ रुपए लेने में में सफल रहे। अब एक बार फिर से यह कोशिश करनी होगी।